एशिया के सबसे बड़े स्‍टील प्‍लांट में चुनावी ब‍िगुल, यून‍ियन इलेक्‍शन कराने केंद्र से म‍िली झंडी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1240029

एशिया के सबसे बड़े स्‍टील प्‍लांट में चुनावी ब‍िगुल, यून‍ियन इलेक्‍शन कराने केंद्र से म‍िली झंडी

यूनियन मजदूरों के हितों को लेकर वेतन समझौते और सुरक्षा के अधिकारों जैसे मुद्दों को लेकर इस बार सभी यूनियन चुनावी मैदान में है. 

एशिया के सबसे बड़े स्‍टील प्‍लांट में चुनावी ब‍िगुल, यून‍ियन इलेक्‍शन कराने केंद्र से म‍िली झंडी

भि‍लाई: एशिया के सबसे बड़े ईस्पात संयंत्र भिलाई स्टील प्लांट में एक बार फिर यूनियनों की चुनावी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. चुनाव की गहमागहमी के बीच तमाम मान्यता प्राप्त यूनियन अब सेल कर्मचारियों को साधने में लगे हैं. केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने चुनाव को हरी झंडी दे दी है. श्रमिक नेता यूनियन चुनाव की तैयारी में जुटे गए हैं.

केंद्रीय श्रम आयुक्त ने रायपुर में भिलाई इस्पात संयंत्र के अफसरों की एक बैठक बुलाई थी. बैठक में सभी मान्यता प्राप्त कर्मचारी यूनियनों को भी बुलाया गया था. भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ने वाले श्रमिक नेता यूनियन चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. दूसरी ओर मुख्य श्रम आयुक्त व बीएसपी प्रबंधन के बीच चर्चा के बाद चुनाव और नामांकन की आखिरी तारीख तय कर दी जाएगी. 

यूनियन कार्यालय में बैठकों का दौर शुरू 
चुनावी बिगुल बजते ही यूनियन कार्यालय में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. यूनियन नेता भी पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहे हैंं. वहींं, सभी यूनियन के नेता अपनी उपलब्धिया गिनाने और बचे हुए कार्यों को फिर से जीतने पर प्रमुखता से पूरा कराने का वादा कर्मचारियों से कर रहे हैं. 

सभी यून‍ियन चुनावी मैदान में 
यूनियन मजदूरों के हितों को लेकर वेतन समझौते और सुरक्षा के अधिकारों जैसे मुद्दों को लेकर इस बार सभी यूनियन चुनावी मैदान में है. आपको बता दें कि भिलाई इस्पात संयंत्र के अंदर छोटे-बड़े कुल 14 मान्यता प्राप्त यूनियन सक्रिय हैं जो समय-समय पर श्रमिकों की समस्या को सेल प्रबंधन के समक्ष रखते हैंं.
 
सेल कर्मियों द्वारा चुनी हुई यूनियन की मान्यता 2 साल की
भिलाई इस्पात संयंत्र में 14,000 से ज्यादा नियमित कर्मचारी हैं जो अपने नेतृत्व का चुनाव करेंगे. आपको बता दें कि सेल कर्मियों द्वारा चुनी हुई यूनियन की मान्यता 2 साल की होती है. पिछली बार इंटक चुनाव जीतकर संयंत्र की सत्ता पर काबिज हुई थी. इस बार चुनाव में कर्मचारियों की सुरक्षा,नया पे स्केल,आवास योजना, वेज रिवीजन के मुद्दे सबसे प्रमुख हैं जिनको लेकर यूनियन के नेता सभी कर्मचारियों के पास जा रहे हैं.

Trending news