अविनाश प्रसाद/बस्तर: 75 दिनों तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा (Bastar Dasahara) इस बार बेहद धूमधाम से मनाया जाएगा. कोरोना महामारी की वजह से बीते वर्षों में दशहरे को काफी सीमित कर दिया गया था.
कोरोना के कारण ऐसे में दूर-दूर से दशहरे में शामिल होने जगदलपुर आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी देखी गई थी. पर इस बार पहले की तरह ही बस्तर का दशहरा अपने पूरे वैभव को बिखेरता नजर आएगा. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है.
बस्तर दशहरे के सफल आयोजन के लिए सोमवार को बस्तर दशहरा समिति की विशेष बैठक का आयोजन किया गया. इस आयोजन में सांसद ,कलेक्टर, बस्तर दशहरा समिति के सदस्य, राज परिवार के सदस्य, माझी ,चालकी, मेंबर आदि मौजूद रहे. बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से दशहरे के वैभव पूर्ण आयोजन के लिए सहमति प्रदान की.
बस्तर सांसद एवं दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष बस्तर दशहरे के सफल आयोजन के लिए शासन से 86 लाख रुपए की मांग की जा रही है.
बता दें बस्तर का दशहरा 75 दिनों की तक मनाया जाता है, जिसमें 12 महत्वपूर्ण रस्मों के साथ-साथ दर्जनों छोटे बड़े विधान होते हैं. यहां यह पर्व सामाजिक सरोकार का जीता जागता उदाहरण भी है. बस्तर दशहरा के आयोजन में 20 हज़ार लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी होती है और लाखों लोग इसे देखने आते हैं.
बस्तर के दशहरे में रावण वध की परंपरा से अलग यह पर्व यहां बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के सम्मान के रूप में मनाया जाता है. बस्तर दशहरे की शुरुआत 600 वर्ष पहले हुई थी. आज भी यह परंपरा यहां निर्बाध रूप से जारी है.
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