भूविस्थापितों का फूटा गुस्सा, SECL की आउटसोर्स कंपनी का काम करवाया बंद
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भूविस्थापितों का फूटा गुस्सा, SECL की आउटसोर्स कंपनी का काम करवाया बंद

कोरबा न्यूजः ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. इस बीच दर्री नगर पुलिस अधीक्षक लितेश सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को सड़क से हटकर आंदोलन करने को कहा. एसपी ने ऐसा ना करने पर सख्त कार्रवाई की बात कही. 

भूविस्थापितों का फूटा गुस्सा, SECL की आउटसोर्स कंपनी का काम करवाया बंद

शैलेंद्र सिंह ठाकुर/बिलासपुर/कोरबा नीलम पडवार: छत्तीसगढ़ को कोरबा में कुसमुंडा खदान के भू-विस्थापितों का गुस्सा फूट गया है. जिसके बाद लोगों ने एसईसीएल की आउटसोर्स कंपनी का काम बंद करवा दिया. दरअसल वह अपने गिरफ्तार साथियों को छोड़ने की मांग कर रहे हैं. पुलिस के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और स्थानीय लोगों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. 

क्या है मामला
बता दें कि कुसमुंडा खदान में रोजगार की मांग को लेकर बीते दिनों स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था.उस दौरान लोगों ने SECL की आउटसोर्स कंपनी नीलकंठ का काम बंद करवा दिया था. जिसके बाद पाली गांव के चार भूविस्थापितों को कुसमुंडा पुलिस ने खदान बंद कराने के आरोप में जेल में बंद कर दिया था. इससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और इसी कड़ी में आज फिर से बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा होकर कुसमुंडा खदान पहुंच गए. 

पाली, पडनिया, जटराज और सोनपुरी गांव के लोगों ने आज कुसमुंडा खदान में उतरकर फिर से आउटसोर्स कंपनी नीलकंठ का काम रुकवा दिया. ग्रामीणों की मांग है कि सभी भूविस्थापितों को रोजगार दिया जाए और जेल में बंद उनके साथियों को छोड़ा जाए. वहीं जैसे ही पुलिस के आला अधिकारियों को ग्रामीणों के आंदोलन की खबर मिली, तभी कुसमुंडा पुलिस और एसडीएम कौशल प्रसाद तेंदुलकर एसईसीएल के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंच गए. 

ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. इस बीच दर्री नगर पुलिस अधीक्षक लितेश सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को सड़क से हटकर आंदोलन करने को कहा. एसपी ने ऐसा ना करने पर सख्त कार्रवाई की बात कही. जिसके बाद ग्रामीण सड़क से हट गए लेकिन अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. ग्रामीणों के सड़क से हटने के बाद गाड़ियों का परिचालन हो सका. फिलहाल ग्रामीण सड़क के किनारे खड़े होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि उन्हीं की जमीन लेकर खदान का विस्तार किया जा रहा है और हमारे ही लोगों को रोजगार देने की बजाय उन्हें जेल में डाला जा रहा है!

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