Chhattisgarh Cabinet New Ministers: छत्तीसगढ़ में साय सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है. शुक्रवार को 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. इनमें कई ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं. जानिए सभी 9 मंत्रियों के बारे में-
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Chhattisgarh Cabinet Formation: छत्तीसगढ़ में नई सरकार का कैबिनेट विस्तार हो गया है. CM विष्णु देव साय और दो डिप्टी CM अरुण साव और विजय शर्मा समेत कुल 12 मंत्री इस कैबिनेट में शामिल हैं. शुक्रवार को 9 मंत्रियों ने शपथ ली. इसमें बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, दयाल दास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, लखन लाल देवांगन, ओपी चौधरी, लक्ष्मी रजवाड़े और टंकराम वर्मा शामिल हैं. जानिए सभी मंत्रियों के बारे में-
छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल विस्तार
CM विष्णु देव साय कैबिनेट में 9 मंत्रियों को जगह मिली है. इनमें 4 पुराने चेहरे हैं, जबकि 5 नए चेहरे हैं. 5 में से 3 पहली बार विधायक और मंत्री बने हैं. पहली बार विधायक और मंत्री बनने वालों में ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी रजवाड़े का नाम शामिल है. जानिए सभी 9 मंत्रियों के बारे में-
बृजमोहन अग्रवाल
बृजमोहन अग्रवाल BJP के वरिष्ठ नेता हैं. रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ सराकर में पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं. 2023 विधानसभा चुनाव में वे जीत हासिल कर लगातार 8वीं बार विधायक बने हैं. राज्य में रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में वे मंत्री पद पर रह चुके हैं. इस चुनाव में वे रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से मैदान में थे और उन्होंने कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को हराया. बृजमोहन अग्रवाल ने छात्र राजनीति से अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी.
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रामविचार नेताम
रामविचार नेताम भी कैबिनेट का पुराना चेहरा हैं. रामानुजगंज विधानसभा सीट से छठवीं बार विधायक बने नेताम रमन सरकार में भी मंत्री पद पर रह चुके हैं. नेताम बड़ा आदिवासी चेहरा हैं. वे राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था.साल 1990 में वे पहली बार पाल विधानसभा से विधायक बने. इसके बाद लगातार 5 बार विधायक निर्वाचित हुए. 2016 से 2022 तक राज्य सभा सांसद रहे.
केदार कश्यप
नारायणपुर विधानसभा सीट से विधायक केदार कश्यप राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. वे भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे. साल 2003 में पहली बार वे विधायक बने. इसके बाद 2008 और 2013 में भी उन्होंने जीत हासिल की. उन्होंने आदिवासी और अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास विभाग भी संभाला.
दयाल दास बघेल
नवागढ़ विधायक दयाल दास बघेल साय कैबिनेट में एक मात्र SC मंत्री हैं. दयाल दास बघेल ने सरपंच पद से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार नवागढ़ से विधायक बनें. 2008 और 2013 विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल की . 2008 में रमन सरकार में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे. इसके अलावा वे वाणिज्य, उद्योग, सहकारिता संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं.
श्याम बिहारी जायसवाल
मनेंद्रगढ़ से विधायक श्याम बिहारी जायसवाल दूसरी बार के विधायक हैं और पहली बार मंत्री बने हैं. वे OBC वर्ग से आते हैं. श्याम बिहारी जायसवाल पूर्व किसान मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वे कोरबा जिला संगठन प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रमेश सिंह को हराया है.
लखन लाल देवांगन
कोरबा से विधायक लखन लाल देवांगन भी दूसरी बार के विधायक हैं, जो पहली बार मंत्री बने हैं. देवांगन भी OBC वर्ग से आते हैं. वे भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले वे छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव भी थे.
ओपी चौधरी
पूर्व IAS ओपी चौधरी रायगढ़ विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने हैं. वे रायपुर और दंतेवाड़ा के कलेक्टर रह चुके हैं. 2005 बैच के IAS ओपी चौधरी ने 2018 में BJP की टिकट से खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन वे हार गए.
लक्ष्मी राजवाड़े
भटगांव विधायक लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार विधायक बनी हैं. CM विष्णु देव साय कैबिनेट में वे एक मात्र महिला मंत्री हैं. उनका जन्म कोरिया जिला के छोटे से गांव कटोरा में हुआ. लक्ष्मी ने10 साल पहले BJP ज्वाइन की थी. विधायक का टिकट मिलने से पहले वह 2020 में एक बार जिला पंचायत सदस्य रहीं. 2021 में भाजपा संगठन ने इनको सूरजपुर महिला मोर्चा का जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी.
टंकराम वर्मा
बलौदाबाजार विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने टंक राम वर्मा को साय कैबिनेट में जगह मिली है. टंक राम वर्मा राजनीति में प्रवेश करने से पहले 36 सालों तक शिक्षक के पद पर थे. शासकीय सेवा में ही रहते हुए वे 26 वर्षों तक विधायक, सांसद, केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रीगणों के साथ मिलकर काम कर चुके हैं. शासकीय नौकरी से रिटायरमेंट लेने के बाद उन्हें BJP से टिकिट के लिए काफी लंबा संघर्ष देखने को मिला. भाजपा ने उन्हें व रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष पद का दायित्व भी दिया था. इसके अलावा वे जिला पंचायत उपाध्यक्ष भी थे.