Kanya Vivah Nikah Yojana: मध्य प्रदेश (MP News in Hindi)के जबलपुर में बीते एक महीने पहले 117 जोड़ों की कन्या विवाह निकाह योजना के तहत शादी हुई थी. मगर इन जोड़ों के खाते में योजना के तहत मिलने वाले रुपए अभी नहीं पहुंच पाए हैं. जिसकी वजह से इन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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अजय दुबे/ जबलपुर: मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक कन्या विवाह निकाह योजना (Kanya Vivah Nikah Yojana) के तहत जबलपुर में एक महीने पहले 117 जोड़ों का विवाह हुआ था. शादी के दौरान ये जोड़े काफी ज्यादा खुश थे लेकिन जैसे ही दिन गुजरा इन जोड़ों को जिला प्रशासन और नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, जिसको लेकर के इनमें काफी ज्यादा आक्रोश है. इसकी वजह क्या है और क्यों इन जोड़ों को चक्कर लगाना पड़ रहा है आइए जानते हैं.
इसलिए हैं परेशान
बीते एक महीने पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर के दमोह नाका हितकारिणी स्कूल परिसर में 117 जोड़ों का मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना के तहत शादियां हुई थी. शादी के दौरान लोगों में काफी खुशी थी. हालांकि जैसे - जैसे दिन गुजरते गए इन जोड़ों को जिला प्रशासन और नगरनिगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. इसकी वजह है कि इन लोगों को योजना के तहत दिए जाने वाले 49 हजार रुपए का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है.
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सरकार पर साधा निशाना
लगातार चक्कर लगा रही हैं युवतियों ने कहा कि शादी के बाद जब ससुराल में रहने का वक्त है. ऐसे में हम प्रशासन का चक्कर लगा रहे हैं. अब विवाह के बाद जोड़े अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन मां शांति देवी मेमोरियल फाउंडेशन ने सभी जोड़ों का पंजीयन नगर निगम कार्यालय में दस्तावेज देकर कराया था और नगर निगम के द्वारा उन्हें रिसीविंग भी दी गई थी, लेकिन महीने बीत जाने के बावजूद मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का पैसा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भांजियों के खाते में नहीं आए. जिससे वह ठगा महसूस कर ही रही हैं. इसके अलावा विवाहित युवतियां प्रदेश सरकार की तमाम योजनाओं को ढकोसला बताते हुए सरकार पर आक्रोशित है और जोड़ों ने यहां तक कह दिया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कंस मामा से कम नहीं है.
क्या बोली संस्था
इन जोड़ों की शादी मां शांति देवी मेमोरियल फाउंडेशन के तहत हुई थी. संस्था के मुताबिक उन्होंने पंजीयन कराने के बाद विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया था और उसका कहना है कि सभी प्रक्रियाएं नियम के तहत पालन की गई. इसके बावजूद प्रशासन योजना का लाभ देने से मुकर रहा है. नगर निगम में जाकर पंजीयन कराया गया है. आधार कार्ड वोटर आईडी पैन कार्ड बैंक के अकाउंट सभी 117 जोड़ों के दस्तावेज जमा किए गए हैं. इसके बावजूद प्रशासन के द्वारा योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं दी जा रही है. जबकि नगर निगम और जिला प्रशासन के पास दस्तावेज जमा करने की रसीद भी उनके पास है इसके बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा.
प्रशासन ने कहा
इस मामले को लेकर सामाजिक न्याय विभाग के प्रभारी संयुक्त संचालक आशीष दीक्षित ने कहा कि किसी सामाजिक संगठन के बैनर तले युवक-युवतियों का विवाह कराया जाता है तो उसका लाभ प्रशासन द्वारा नहीं दिया जाता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 117 जोड़ों के पंजीयन नहीं कराया गया है. इसलिए इन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. सामूहिक विवाह कराने से पहले नगर निगम में जाकर पंजीयन कराना था जिसके बाद जिला प्रशासन और निगम प्रशासन के द्वारा विवाह का आयोजन कर शादी कराया जाता. जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाह योजना का लाभ मिलता है.
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