Chhattisgarh Reservation Issue: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर रण! भूपेश सरकार ने दिए राज्यपाल के 10 सवालों के जवाब; यहां पढ़ें प्रश्न और उत्तर
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1504553

Chhattisgarh Reservation Issue: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर रण! भूपेश सरकार ने दिए राज्यपाल के 10 सवालों के जवाब; यहां पढ़ें प्रश्न और उत्तर

Chhattisgarh Reservation Issue: छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधयकों पर सियासत जारी है. अब लड़ाई राजभवन बनाम सरकार होती नजर आ रही है. राज्यपाल की ओर से भेजे गए सवालों पर अब भूपेश बघेल सरकार ने जवाब दे दिए हैं. पढ़िए राज्यपाल अनुसुइया उइके के द्वारा भेजे गए 10 सवालों पर राज्य सरकार ने क्या जवाब दिया.

Chhattisgarh Reservation Issue: छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर रण! भूपेश सरकार ने दिए राज्यपाल के 10 सवालों के जवाब; यहां पढ़ें प्रश्न और उत्तर

Chhattisgarh Reservation Issue: सत्य प्रकाश/रायपुर: आरक्षण संशोधन विधयकों पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं होने पर छत्तीसगढ़ में सियासत गरमाई हुई है. अब लड़ाई राजभवन बनाम सरकार होती नजर आ रही है. विधेयकों पर राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सरकार के पास सवालों की सूची भेजी थी. इस पर अब सरकार ने अपना जवाब दिया है. राजभव को भेजे गए पत्र में भूपेश सरकार ने सभी सवालों का जवाब कारण स्पष्ट करते हुए दिया है. पढ़िए राज्यपाल के 10 सवालों पर सरकार के जवाब...

राजभवन से आरक्षण विधेयक पर किये गये 10 सवाल और सरकार की ओर से दिए गए उनके जवाब

सवाल-1- क्या संशोधन विधेयक पारित करने से पहले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संबंध में मात्रात्मक डाटा कलेक्ट किया गया था ?

उत्तर- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सीधी भर्ती के पदों के लिये मात्रात्मक डाटा दिये जाने की बाध्यता नहीं है और ना ही कोर्ट का ऐसा कोई आदेश है. अन्य पिछड़े वर्ग और ईडब्लूएस के लिये क्वांटिफायबल डाटा आयोग के आंकड़े और रिपोर्ट को आधार बनाया गया है.

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इन खट्टी-मीठी यादों के साथ बीता 2022, किसी ने गुदगुदाया तो किसी ने दी टीस

सवाल-2- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियों में ही हो सकता है, इसलिये उक्त विशेष एवं बाध्यकारी परिस्थितियों को उपलब्ध करायें ?

उत्तर- उक्त विधेयक में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण इसलिये किया गया है क्योंकि राज्य में इन जातियों की स्थिति शैक्षणिक और सामाजिक स्तर पर बहुत कमजोर है. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है. क्वांटिफायबल डाटा की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अंत्योदय राशन कार्डों की संख्या 14 लाख से अधिक है जिसमें 5 लाख 88 हजार से अधिक सिर्फ ओबीसी वर्ग के अंत्योदय कार्ड है. इससे पता चलता है कि राज्य में ओबीसी की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है.

ये भी पढ़ें: 15 साल से भटक रही भुइली बाई को कब मिलेंगे 'Pankaj Tripathi'? पढ़िए फिल्म कागज जैसी कहानी

सवाल-3- उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ऐसी क्या विशेष परिस्थितियां उत्पन्न हुईं कि आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक हो गया, क्या इन विशेष परिस्थितियों के संबंध में कोई डाटा कलेक्ट किया है ?

उत्तर- शासन ने सितंबर 2019 में क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया था उसी की रिपोर्ट के आधार पर ओबीसी और ईडब्लूएस के डाटा को आधार बनाया गया है

ये भी पढ़ें: ससुराल के दरवाजे पर करा दिया बेटी का अंतिम संस्कार, मासूम से दिलाई मुखाग्नी; जानें क्या है पूरा मामला

सवाल-4- राज्य के एससी , एसटी वर्ग के लोग किस प्रकार से राज्य में सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुये हैं, डाटा प्रस्तुत करें ?

उत्तर- आरक्षण देने हेतु एससी, एसटी वर्ग के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े होने के डाटा की कोई जरूरत नहीं है. जबकि ओबीसी और ईडब्सूएस के लिये क्वांटिफायबल डाटा आयोग कि रिपोर्ट को आधार बनाया गया है

सवाल-5- क्या सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को जानने के लिये किसी कमेटी का गठन किया गया था ?

उत्तर- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया गया है, उक्त रिपोर्ट 21 नवंबर 2022 को प्रस्तुत की गयी है

ये भी पढ़ें: भारत की पहली नेजल वैक्सीन लॉन्स, जानें कहां होगी उपलब्ध

सवाल-6- क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राज्यपाल के सचिवालय के समक्ष प्रस्तुत करें ?

उत्तर – क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट शासन को 21 नवंबर 2022 को प्रस्तुत की जा चुकी है

प्रश्न- 7- प्रस्तावित संशोधित अधिनियम में विधि एवं विधायी कार्य विभाग का क्या अभिमत है ?

उत्तर- शासन ने विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा मूल विधेयक में परिमार्जन कराकर सभी नियमों का पालन करते हुये विधानसभा सचिवालय को आगामी कार्रवाई हेतु भेजा

ये भी पढ़ें: नींबू और हल्दी साथ में देते हैं ये गजब फायदे, डेली डाइट में शामिल किया तो हो जाएगा कमाल

प्रश्न-8- संशोधित विधेयक के शीर्षक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का कोई उल्लेख नहीं है. क्या शासन को इस वर्ग के लिये अलग से अधिनियम लाना था ?

उत्तर- राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद आरक्षण संशोधन विधेयक 2022, ‘ छत्तीसगढ़ लोक सेवा ( अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये आरक्षण ) अधिनियम,1994 ’ कहलायेगा. अलग से संशोधन विधेयक लाना कानूनी रूप से ठीक नहीं है

ये भी पढ़ें: चीन में तबाही मचा रहा कोरोना का नया वेरिएंट, जानें 5 लक्षण और बचाव के उपाए

प्रश्न -9- शासन ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत सारणी में कहा था कि सेवाओं में एससी, एसटी वर्ग के लोग कम चयनित हो रहे हैं. उनके पद रिक्त रह जाते हैं. यह सूचित करें कि इस वर्ग के लोग राज्य में क्यों चयनित नहीं हो रहे ?

उत्तर- उक्त सारणी में दिये गये आंकड़े 2012 के पहले के हैं. वर्तमान में निर्धारित आरक्षण प्रतिशत के आधार पर एससी, एसटी वर्ग के लोगों का शासकीय सेवा में चयन किया जा रहा था. आरक्षण न होने से इन वर्गों के चयन में कमी आयेगी.

प्रश्न- 10- क्या उक्त संशोधन विधेयक में प्रशासन की दक्षता का ध्यान रखा गया है और क्या इस संबंध में कोई सर्वेक्षण किया गया है ?

उत्तर- शासकीय सेवकों की सालाना गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर उनकी दक्षता का आंकलन किया जाता है. राज्य की सेवाओं में एसटी, एससी वर्ग के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है और राज्य में पूर्व से संचालित आरक्षण नीति से किसी भी तरह की प्रशासनिक दक्षता पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है.

Trending news