Bilaspur Highcourt: छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट के रोस्टर में बदलाव किया गया है. बिलासपुर हाईकोर्ट में 4 मार्च से नए रोस्टर के साथ सुनवाई होगी. जारी आदेश के मुताबिक अब तीन डिवीजन बेंच और 16 सिंगल बेंच में मामलों की सुनवाई होगी.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट के रोस्टर में बदलाव किया गया है. जारी आदेश के मुताबिक अब तीन डिवीजन बेंच और 16 सिंगल बेंच में मामलों की सुनवाई होगी. सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल, न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और न्यायमूर्ति राधाकिशन अग्रवाल, न्यायमूर्ति संजय के अग्रवाल और न्यायमूर्ति संजय कुमार जयसवाल की खंडपीठ में होगी. सीजे की बेंच में रिट अपील, रिट याचिका, पीआईएल, हैबियस कॉर्पस, टैक्स आदि मामलों की सुनवाई होगी. इसी तरह 16 सिंगल बेंच में सुनवाई होगी.
4 मार्च से नए रोस्टर के माध्यम से होगी सुनवाई
बदला हुआ रोस्टर 4 मार्च से लागू होगा. इस नए रोस्टर में रिट अपील, रिट पिटीशन, पीआईएल, हैबियस कॉर्पस, टैक्स आदि के मामलों की सुनवाई होगी.
कलेक्टर ने लिया मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का जायजा
बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने शनिवार को कोनी के नवनिर्मित मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल भवन का निरीक्षण किया. उन्होंने जल्द से जल्द स्टाफ की भर्ती करने और उपकरण लगाने के निर्देश दिए. 10 मंजिला इस मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में 240 बिस्तरों की सुविधा है. पूरे परिसर का निरीक्षण करने के बाद कलेक्टर ने अधिकारियों को तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने और उपकरण आपूर्ति करने वाली एजेंसी हाइट को जल्द से जल्द उपकरण मंगवाकर यहां स्थापित करने के निर्देश दिए.
पेंडेंसी में जनहित के मामलों पर हाईकोर्ट सख्त
उधर, राजस्व मामलों की पेंडेंसी पर हाईकोर्ट ने कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि जनहित के कामों को मजाक बना रखा है. आंख बंद कर बैठे रहते हैं क्या अफसर ? सुनवाई के दौरान कलेक्टर ने अपना शपथ पत्र पेश किया था. इसमें 700 प्रकरण निराकरण का दावा किया गया था. अब चीफ जस्टिस ने तहसीलदारों से लंबित प्रकरणों की जानकारी मांगी है.
बता दें बिलासपुर की रोहणी दुबे ने स्थानीय तहसील कार्यालय में जमीन के डायवर्सन के लिए आवेदन किया था. तहसील में इस मामले की न तो सुनवाई हुई, न ही इसका निराकरण किया गया. इसपर उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
बिलासपुर- शैलेन्द्र सिंह ठाकुर