बड़ी कामयाबी: अब देश में ही होगा अल्ट्रालाइट तोपों का निर्माण, जबलपुर LPR में सफल रहा परीक्षण
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बड़ी कामयाबी: अब देश में ही होगा अल्ट्रालाइट तोपों का निर्माण, जबलपुर LPR में सफल रहा परीक्षण

मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में रक्षा उत्पादों के निर्माण की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है. 

बड़ी कामयाबी: अब देश में ही होगा अल्ट्रालाइट तोपों का निर्माण, जबलपुर LPR में सफल रहा परीक्षण

जबलपुर/कर्ण मिश्राः जबलपुर की लॉन्ग प्रूफ रेंज में गरुड़ वी2 और मिनी अल्ट्रालाइट वेट गन्स का सफल परीक्षण हुआ. बता दें कि इन दोनों तोप का निर्माण देश के निजी रक्षा उद्योग द्वारा किया गया है. मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत देश में रक्षा उत्पादों के निर्माण की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है. 

भारत फोर्ज लिमिटेड ने किया निर्माण
गरुड़ वी2 और मिनी अल्ट्रालाइट वेट गन्स का निर्माण भारतीय कंपनी भारत फोर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है. 105 मिमी गरुड़ वी2 और 155/39 मिमी अल्ट्रालाइट वेट गन्स का जबलपुर की लॉन्ग प्रूफ रेंज में सफल परीक्षण किया गया. बता दें कि एलपीआर में भी पहली बार निजी क्षेत्र की तोपों का ट्रायल हुआ है. 

भारत के लिए बड़ी कामयाबी
भारत फोर्ज लिमिटेड ने डीआरडीओ के साथ मिलकर इन तोपों का निर्माण किया है. गौरतलब है कि इससे पहले अल्ट्रालाइट वेट गन्स का आयात भारत द्वारा अमेरिका से किया जाता था. अब इन तोपों का निर्माण भारत में ही हो सकेगा, जो कि एक बड़ी कामयाबी है. जबलपुर की खमरिया स्थित लॉन्ग प्रूफ रेंज में इन तोपों का पहले भी ट्रायल हो चुका है.  

अल्ट्रालाइट वेट गन्स

105 मिमी गन पूरी तरह से अल्ट्रालाइट वेट है. इसमें अत्याधुनिक हाइब्रिड रिकॉइल सिस्टम है, जो 360 डिग्री फायरिंग क्षमता से लैस है. इसे उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्र में तैनाती के लिए 4x4 व्हील वाले चेसिस पर लगाया जा सकता है.

गरुड़ वी-2 155/39 मिमी गन
155/39 मिमी कैलिबर तोप से किसी भी टारगेट को भी फायर किया जा सकता है. पूर्ण रूप से एक स्वदेशी डिजाइन और पहाड़ी इलाकों में तैनाती के लिए विकसित की गई है. यह काफी हल्की है. जिसे दुर्गम क्षेत्रों पर आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है.

  

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