Republic Day 2025 Parade: इस बार के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके दिल्ली में परेड में मध्य प्रदेश की झांकी में खास थीम देखने को मिलेगी. थीम है 'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया'. ये एमपी में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना को दर्शाएगी .
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Madhya Pradesh Theme For Republic Day 2025: इस बार हमारे देश में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा और गणतंत्र दिवस की सारी तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है. दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में अलग - अलग राज्यों की झांकियां देखने को मिलती है जो उनकी संस्कृति को दर्शाती है. इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड में मध्य प्रदेश की झांकी में कुछ खास देखने को मिलेगा. इस बार दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मध्य प्रदेश में चीते की रफ्तार इतने सालों में कैसी रही ये देखने को मिलेगा.
एमपी है 'चीता स्टेट'
एमपी में कुल 12 राष्ट्रीय उद्यान, 24 वन्यजीव अभयारण्य और 3 संरक्षित जैवमंडल मौजूद है. मध्य प्रदेश में चीता प्रोजेक्ट के बाद अब प्रदेश को 'चीता स्टेट' या 'टाइगर स्टेट' के नाम से भी जाना जा रहा है. इस बार के गणतंत्र दिवस की परेड में भी 'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया' की थीम पर केंद्रित झांकी देखने को मिलेगी. इस झांकी के जरिए एमपी में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना को दर्शाया जाएगा. एमपी के श्योपुर जिले में कूनो नदी के किनारे स्थित नेशनल कूनो सेंचुरी देश में चीतों का एक नया घर बन चुका है जहां पर चीतों के लिए आहार के साथ- साथ उनके लिए प्राकृतिक आवास भी मौजूद है.
कूनो सेंचुरी झांकी की झलक
76 गणतंत्र दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश की प्रस्तुत झांकी में भारत में चीतों के सफल पुनर्स्थापन को दर्शाया गया है. थीम का टैगलाइन 'चीता द प्राइड ऑफ इंडिया' भी इस बात को दर्शाता है कि चीते हमारे भारत देश के लिए गौरव है. चीतों के संरक्षण के लिए भारत कई सालों से काम करते आ रहा है. बताया जा रहा है कि कूनो में वयस्क और शावक सहित कुल 24 चीते सेंचुरी में मौजूद है.
अगर झांकी की बात की जाए तो, झांकी के सामने वाले हिस्से में आपको कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वयस्क चीतों का जोड़ा और कूनो में जन्मे नन्हे चीता शावकों को देखने को मिलेगा. मध्य भाग में बहती हुई कूनो नदी के साथ - साथ आसपास के वनावरण और वन्य जीवों जैसे पक्षी, हिरण,चीतें, बंदर और उनके प्राकृतिक आवास को भी दर्शाया गया है. झांकी के मध्य भाग के पिछले हिस्से में आपको 'चीता मित्र', चीता संरक्षण के बारे में बताते हुए दिख जाएंगे. झांकी के अंतिम भाग में वनकर्मी वाच-टॉवर से चीतों की निगरानी करते दिखाई देंगे. साथ ही एलईडी पेनल्स के माध्यम से चीतों पर केन्द्रित फिल्म को भी दिखाया जाएगा.
लोक कलाकार 'लंहगी नृत्य' करेंगे प्रस्तुत
झाकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य 'लहंगी' करते हुए नजर आएंगे. बता दें कि, लहंगी नृत्य युवा पुरुषों द्वारा लाठी पकड़कर किया जाता है जिसमें लाठी को पिटकर एक लय में ध्वनि उत्पन्न होती है. लहंगी नृत्य में कई कलाबाजियां भी देखने को मिलती है. इस लोक नृत्य को मध्य मानसून के दौरान किया जाता है. एमपी की यह कला संस्कृति भी झांकियों के दोनों ओर देखने को मिलेगी जो एमपी के लोक कला संस्कृति को दर्शाएगी.