Chandra Grahan 2023 live update: साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा पर लगा था. आज का ग्रहण भारत में दिख रही है. सूतक लग चुका है. चंद्र ग्रहण रात 1:05 बजे से रात 2:24 बजे तक रहेगा. आइए इस ग्रहण के बारे में जानते हैं सबकुछ...
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खत्म हुआ साल 2023 का आखिरी चंद्रग्रहण
साल 2023 का आखिरी चंद्रग्रहण खत्म हो चुका है. अब आपको कुछ उपाय करने हैं, जो हमने आपको बताए हैं. देखें नेपाल में ग्रहण के दौरान चांद कैसा नजर आया.
#WATCH | Nepal: Visuals of the lunar eclipse from Kathmandu#LunarEclipse2023 pic.twitter.com/thBENmfHIs
— ANI (@ANI) October 28, 2023
कुंभ: यह चंद्र ग्रहण आपकी वित्तीय समस्याओं को दूर करेगा और आर्थिक मजबूती देगा. आपको निवेश का अच्छा प्रस्ताव मिल सकता है, जो आपको भविष्य में बड़ा मुनाफा दिला सकता है. आपका कामकाज अच्छा चलेगा. धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी. दांपत्य जीवन खुशहाल होगा. पिता का सहयोग प्राप्त होगा.
तुला: तुला राशि के जातकों के लिए साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लाभ देगा. आप पर किस्मत मेहरबान रहेगी, जिससे आपके अटके हुए काम जल्द ही पूरे होंगे मेहनत का पूरा फल प्राप्त होगा. व्यापारी वर्ग के जातकों को कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है. पारिवारिक जीवन सुखमय होगा. खुशखबरी मिल सकती है.
मिथुन: यह चंद्र ग्रहण मिथुन राशि के लोगों के लिए शुभ फल देने वाला है. आपके जीवन में सुख और सौभाग्य बढ़ेगा. नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति मिल सकती है. आपका प्रभाव बढ़ेगा. आपके सम्मान में भी वृद्धि होगी. बिजनेस करने वालों को भी तरक्की और लाभ पाने के अवसर मिलेंगे. अचानक धन लाभ होगा.
किन राशियों के लिए शुभ रहेगा चंद्रग्रहण
वृषभ: वृषभ राशि वालों को यह चंद्र ग्रहण बहुत कुछ देने वाला है. रुके हुए काम तेजी से पूरे होंगे. आपको हर काम में सफलता मिलेगी. आप प्रसन्नचित्त, आत्मविश्वासी और उत्साही रहेंगे. बड़ा पद, पैसा, प्रतिष्ठा मिलेगी. आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. रुका हुआ पैसा मिलेगा. आपकी इनकम में भी बढ़ोतरी होने के प्रबल योग हैं.
ग्रहण देखने से बचें ये लोग
इस बार का ग्रहण मेष राशि और आश्विन नक्षत्र में पड़ रहा है, इसलिए जिन लोगों की जन्म राशि मेष और नक्षत्र आश्विन है, उन्हें भी ग्रहण नहीं देखना है.ग्रहण के दौरान उन्हें ऐसे स्थान पर बैठना चाहिए जहां पर चंद्रमा की रोशनी न पहुंचती हो.
गर्भवती स्त्रियां इन बातों का रखें ध्यान
ग्रहण के वक्त गर्भवती स्त्रियों को मुंह में तुलसी दल रखकर दुर्गा स्तुति का पाठ करना चहिए. इससे नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कोई पदार्थ नहीं खाना चाहिए.
क्यों लगता है चंद्रग्रहण?
जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरती है, तो इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा के कुछ हिस्से काले दिखाई देते हैं, जबकि पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा कभी-कभी लाल हो जाता है.
पहली बार शरद पूर्णिमा पर ग्रहण
यह पहली बार है, जब शरद पूर्णिमा पर ग्रहण लग रहा है. आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. 30 वर्ष में यह पहली बार है जब चांद से अमृतवर्षा नहीं हो पाएगी. इसी कारण महालक्ष्मी का पूजन भी नहीं हो पाएगा.
ग्रहण में राहु का बढ़ जाता है प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते. इतना ही नहीं, इस दौरान भगवान की मूर्ति, पूजा संबंधी चीजों को छूने ही मनाही होती है. सूतक काल से मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, जो सभी लोगों को तो प्रभावित करता ही है. साथ ही, आसपास की चीजों पर भी नकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है.
भूलकर भी न करें ये गलती
ग्रहण के दौरान सुई, कैंची या धारदार चीजों का उपयोग न करें. ग्रहण के दौरान न नहाएं. खत्म होने के बाद स्नान करें. ग्रहण को खुली आंखों से देखना नहीं चाहिए. इसके अलावा ग्रहण काल में सोना भी नहीं चाहिए.
साल 2025 में नजर आएगा अगला चंद्रग्रहण
साल 2024 में चंद्रग्रहण पड़ेंगे लेकिन वे भारत में नजर नहीं आएंगे. भारतवासियों को चंद्रग्रहण देखने के लिए साल 2025 तक का इंतजार करना पड़ेगा. साल 2025 में चंद्रग्रहण सितंबर में लगेगा. वह भारत में दिखेगा और तब सूतक काल भी मान्य होगा.
भगवान का करें पूजन
चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद घर के मंदिर के दरवाजों को खोल दें. जिसके बाद घर के मंदिर में धूप, अगरबत्ती और घी का दीपक जलाकर भगवान की पूजन करें. यह ग्रहण मध्यरात्रि लग है तो अगर दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा पाठ करें.
चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद क्या करें
जब चंद्र ग्रहण खत्म हो जाए तो घर में गंगाजल का छिड़काव करें. चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल में स्नान कराएं.
बरतें ये सावधानियां
चंद्र ग्रहण के दौरान बुजुर्ग, छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, रोगी भोजन कर सकते हैं. छोटे बच्चों की बात करें तो उनके पीने वाले दूध के बर्तन में कुश के पौधे के कुछ टुकड़े डाल देने चाहिए. इससे दूध पर ग्रहण का असर नहीं होता है. इस बार चंद्र ग्रहण देर रात में पड़ रहा है तो सोते हुए बच्चों को भूलकर भी न उठाएं.
धनु से मीन का हाल
धनु:- धन एवं आय के साधनों में वृद्धि होगी. कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा. पेट की समस्या से तनाव संभव है. दाम्पत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में तनाव के साथ आर्थिक वृद्धि होगी. सीने की तकलीफ में वृद्धि और संतान को लेकर मन बेचैन रहेगा.
मकर:- व्यक्तित्व, मानसिक तीव्रता एवं मनोबल में वृद्धि, सीने की तकलीफ एवं घबराहट में वृद्धि, जीवन साथी एवं प्रेम संबंधों को लेकर मन अप्रसन्न, आय के साधनों में प्रगति, ऑफिस में तनाव की संभावना, माता-पिता की सेहत को लेकर सचेत रहें.
कुम्भ:- मानसिक चिंतन एवं मनोबल के साथ-साथ स्वास्थ्य में सुधार. कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा. भाई बंधुओं एवं मित्रों के पक्ष से शुभ समाचार संभव है. दैनिक आय एवं व्यापार में वृद्धि होगी. जीवन साथी और प्रेम संबंधों में स्वास्थ्य को लेकर चिंता परंतु प्रेम में वृद्धि.
मीन:- पारिवारिक कार्यों में धन खर्च बढ़ेगा एवं पारिवारिक कार्यों को लेकर चिंता की स्थिति. संतान को लेकर तनाव या चिंता में वृद्धि. मनोबल एवं स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता. भाई, बहनों एवं मित्रो से कष्ट. पराक्रम एवं सम्मान में अवरोध .
सिंह से वृश्चिक राशि पर हो सकता है ऐसा असर
सिंह :- सरकारी या उच्चाधिकारी से तनाव की स्थिति हो सकती है. गृह एवं वाहन सुख वृद्धि होगी, आय एवं लाभ में वृद्धि होगी. मनोबल एवं स्वास्थ्य अचानक कमजोर होने की संभावना है. विवाद से बचें. दांपत्य जीवन और प्रेम संबंध सामान्य रहेंगे.
कन्या :- धन वृद्धि होगी ,लेकिन वाणी की तीव्रता में वृद्धि होगी. दाम्पत्य सुख एवं प्रेम संबंध में वृद्धि होगी. आय के साधनों में दिक्कतें आ सकती हैं. माता के स्वास्थ्य में सुख में कमी हो सकती है.
तुला :- धन एवं पराक्रम में वृद्धि होने की संभावना है. मानसिक चिंता एवं झल्लाहट में वृद्धि हो सकती है. माता को कष्ट होने की संभावना है. गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि, पेट व पैर में कष्ट हो सकता है.
वृश्चिक:- मनोबल एवं स्वास्थ्य को लेकर मन अप्रसन्न रहेगा. धन वृद्धि एवं खर्च वृद्धि. अचानक यात्रा खर्च में व्रद्धि, संतान को लेकर चिंता खत्म, पराक्रम वृद्धि, दांपत्य सुख एवं प्रेम संबंधों में तनाव या खर्च की स्थिति बन सकती है.
चन्द्र ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव
मेष :- स्वास्थ्य की दृष्टि से विपरीत प्रभाव , होंगे. मानसिक चिंता में बढ़ सकती है. रोज की आमदनी कम हो सकती है, इसलिए परेशान होंगे. दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में टकराव या तनाव की स्थिति बन सकती है. माता एवं पिता को शारीरिक कष्ट हो सकता है.
वृष :- गृह एवं वाहन पर खर्च में वृद्धि व तनाव हो सकता है. भाई बंधुओं मित्रों को लेकर तनाव हो सकता है. मानसिक चिंता में कमी होगी. खर्चे में तीव्रता के साथ वृद्धि होगी. दांपत्य एवं प्रेम संबंधों में तनाव हो सकता है.
मिथुन:- व्यापारिक गतिविधियों में विस्तार एवं प्रगति होगी, जिससे आमदनी बढ़ेगी. कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा. संतान से सम्बंधित समस्या को लेकर थोड़ा परेशान हो सकता हैं. सम्मान एवं परिश्रम में वृद्धि मिलेगी. मनोबल तथा स्वास्थ्य में कमी संभव हो सकती है. जीवन साथी से संबंधों में सुधार होगा.
कर्क :- मन अशांत , स्वास्थ्यगत समस्या ,अकारण तनाव की स्थिति बन सकती हैं, लेकिन धन, मान-सम्मान एवं नौकरी में वृद्धि होगी. शत्रु विजय संभव है,लेकिन माता एवं पिता को लेकर चिंता बनी रह सकती है. जीवन साथी एवं प्रेम संबंधों में प्रगति होगी.
चंद्र ग्रहण का ज्योतिषीय प्रभाव
28 अक्टूबर को मन का कारक ग्रह चंद्रमा मेष राशि मे राहु और बृहस्पति के साथ है. इसके अलावा केतु के साथ सूर्य, बुध, मंगल रहेंगे. इसलिए इस ग्रहण से चंद्रमा एवं सूर्य से प्रभावित होने वाले जातकों को विशेष तौर पर सावधानी बरतनी होगी. चंद्रमा से प्रभावित लग्न मेष, वृष, कर्क ,कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर और मीन, इन पर ग्रहण का अच्छा प्रभाव नहीं होगा. इन राशि के लोगों को ग्रहण के उपाय करने चाहिए, क्योंकि इनके लिए ग्रहण शुभ परिणाम नहीं लेकर आ रहा है. इस लग्न के लोगों को विशेष तौर पर वाहन चलाते समय या कोई भी कार्य सावधानी पूर्वक ही करना चाहिए. वहीं कुछ राशि वालों के लिए यह ग्रहण भाग्य में जबरदस्त बदलाव लेकर आ रहा है.
फिर कहानी में आया ये ट्विस्ट
इसी दौरान दानवों के साथ कुछ धोखा हो रहा है. इसकी भनक स्वर्भानु नाम के दैत्य को लगी. उसे आभास हुआ कि मोहिनी रूप में दानवों के साथ छल हो रहा है. ऐसे में वो देवताओं का रूप धारण कर सूर्य और चंद्रमा के बगल में बैठ गया. जैसे ही अमृत पान हुआ वैसे ही सूर्य और चंद्र ने उसे पहचान लिया और बात भगवान विष्णु को बताई, ऐसे में क्रोधित होकर भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र के राहु के गले पर वार किया, लेकिन तब तक राहु अमृत पी चुका था. इससे उसकी मृत्यु तो नहीं हुई, परंतु उसके शरीर के दो धड़ हो गए. सिर वाले भाग को राहु और धड़ वाले भाग को केतु कहा गया. इसके बाद ब्रह्मा जी ने स्वर्भानु के सिर को एक सर्प वाले शरीर से जोड़ दिया. यह शरीर ही राहु कहलाया और उसके धड़ को सर्प के दूसरे सिरे के साथ जोड़ दिया, जो केतु कहलाया. सूर्य और चंद्रमा के राज खोलने के कारण राहु और केतु दोनों इनके दुश्मन बन गए. इसी कारण ये राहु और केतु पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं.
जानें चंद्र ग्रहण के पीछे की कहानी
विज्ञान के अनुसार जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है तो ग्रहण लगता है. वहीं, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब ग्रहण लगता है तो चंद्रमा पीड़ित हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जाता है. इसके पीछे का कारण राहु-केतु को बताया गया है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और असुरों यानी दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों में एक अमृत से भरा कलश भी निकला था. इसके लिए देवताओं और दानवों में विवाद होने लगा. इस विवाद को सुलझाने के लिए मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया. मोहिनी रूप धारण किये हुए भगवान विष्णु ने अपने हाथ में अमृत कलश देवताओं और दानवों में समान भाग में बांटने का विचार रखा. जिसे भगवान विष्णु के मोहिनी रूप पर आसक्त होकर दानवों ने स्वीकार कर लिया. तब भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग लाइन में बैठा दिया.
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा. आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी. इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है. शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है.
देशभर की टाइमिंग
लुधियाना- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, विशाखापटनम- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, राजकोट- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, श्रीनगर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, भुवनेशनवर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक,जालंधर-रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक,
मैसूर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, रायपुर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक
आपके शहर में कितने बजे दिखाई देगा चंद्र ग्रहण - दिल्ली-एनसीआर से मुंबई तक
दिल्ली- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, मुंबई- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, पटना- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, नोएडा- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, गुरुग्राम- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, भोपाल- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, लखनऊ- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, कानपुर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, गोरखपुर- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक, वाराणसी- रात 01.06 बजे रात 02.24 बजे तक
इन देशों में भी दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब में भी दिखेगा.
देश के इन शहरों में दिखेगा चंद्र ग्रहण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत की राजधानी दिल्ली सहित भोपाल, रायपुर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर, कोयंबटूर, नासिक, जोधपुर, प्रयागराज, देहरादून और पटना समेत कई बड़े शहरों में दिखाई देने वाला है.
भारत के विभिन्न शहरों में टाइमिंग
चंद्र ग्रहण का स्पर्श काल रात 01 बजकर 05 मिनट पर, मध्य काल रात 01 बजकर 44 मिनट पर और मोक्ष रात्रि रात 02 बजकर 24 मिनट पर होगी. रात 01.05 बजे से रात 02.24 बजे की इसी अवधि में चंद्र ग्रहण भारत के विभिन्न शहरों में दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ: मध्य रात्रि 01:05
ग्रहण मध्य: मध्य रात्रि 01:44
ग्रहण समाप्त: मध्य रात्रि 02:24
ग्रहण अवधि: 1 घंटा 19 मिनट
Chandra Grahan 2023 City Wise Timing In India: भारत में चंद्र ग्रहण की टाइमिंग
आज शरद पूर्णिमा है. इसी शुभ तिथि पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह एक खंडग्रास चंद्र ग्रहण है. जो कि भारत के कई राज्यों में भी दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल जारी है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि आपके शहर में क्या रहेगी इसकी टाइमिंग? भारत में चंद्र ग्रहण रात 1 बजकर 31 मिनट पर लगेगा और इसका समापन रात 2 बजकर 24 मिनट पर होगा.
चंद्र ग्रहण में क्या न करें?
आपको बताते चलें कि इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव अगले 15 दिनों तक रह सकता है. ऐसे में ये काम न करें. आपके घर में बड़े-बूढ़े होंगे तो उन्होंने भी आपको जरूर बताया होगा. अगर आप घर से दूर जॉब वाले शहर में अकेले हैं. तो इन चीजों का ध्यान रख सकते हैं.
1. चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद मंदिर न जाएं. घर पर भी पूजा-पाठ न करें. देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें.
2. चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद घर में खाना न बनाएं. सूतक शूरू होने से पहले बने खाद्ध पदार्थों पर तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें.
3. चंद्र ग्रहण की अवधि में अगर कोई बीमारी या दिक्कत न हों तो भोजन न करें. इस दौरान गुस्सा न करें.
4. चंद्र ग्रहण लगने के बाद तुलसी के पौधे को न छुएं. नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से भी बचें
5. चंद्र ग्रहण में नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. कहते हैं कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है.
6. चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए.
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