लॉरेंस गैंग को लेकर एक नया खुलासा, भारत ही नहीं इस पड़ोसी देश में भी चल रहा बड़ा नेटवर्क
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लॉरेंस गैंग को लेकर एक नया खुलासा, भारत ही नहीं इस पड़ोसी देश में भी चल रहा बड़ा नेटवर्क

Lawrence Gang Nepal Plan: लॉरेंस गैंग नाम इस वक्त देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई तक गूंज रहा है. जिसकी गैंग की गोलियों ने कई राज्यों की पुलिस की नींदें उड़ा रखी है. उस गैंग का एक बड़ा नेटवर्क भारत और नेपाल सीमा के पास चलता है.

लॉरेंस गैंग को लेकर एक नया खुलासा, भारत ही नहीं इस पड़ोसी देश में भी चल रहा बड़ा नेटवर्क

Lawrence Gang India Nepal Border: लॉरेंस गैंग को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. खुलासे के मुताबिक लॉरेंस गैंग (Lawrence Gang) का बड़ा नेटवर्क नेपाल और भारत-नेपाल बॉर्डर पर एक्टिव है. लॉरेंस गैंग का ये नेटवर्क बड़ी वारदात करने वाले शूटर्स को सुरक्षित नेपाल भागने में मदद करता है. इतना ही नहीं, शूटर्स का फर्जी पासपोर्ट तक बनवाया जाता है. बाबा सिद्दीकी के मर्डर के आरोपी भी नेपाल ही भागने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले ही बहराइच से पकड़े गए. खुलासे के अनुसार, लॉरेंस गैंग का बड़ा जाल यूपी, झारखंड और बिहार में फैला है, जहां से ज्यादा से ज्यादा लड़के उसकी गैंग में शामिल होते हैं. और साथ ही अपने साथियों को भी इसमें शामिल करते हैं.

कितना बड़ा और कहां तक फैला है लॉरेंस गैंग?

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) और उसका काला साम्राज्य कितना बड़ा है और कहां कहां तक फैला है. इसको लेकर हर दिन नए खुलासे होते हैं. लॉरेंस कैसे अपना पूरा गैंग चलाता है. युवाओं को अपनी गैंग में शामिल करता है और फिर कैसे उनका पूरा ध्यान रखता है. इसका खुलासा एक बार फिर हुआ है.

भारत ही नहीं इस देश में ही चला रहा बड़ा नेटवर्क

जिस गैंग नाम इस वक्त देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई तक गूंज रहा है. जिसकी गैंग की गोलियों ने कई राज्यों की पुलिस की नींदें उड़ा रखी है. उस गैंग का एक बड़ा नेटवर्क भारत और नेपाल सीमा के पास चलता है. और यही वो जगह है जो कि लॉरेंस गैंग के शूटर्स का एग्जिट रूट है. यानी लॉरेंस गैंग का मॉडस ऑपरेंडी (Modus Operandi) है.

अपराध करो और नेपाल भाग जाओ

ये खुलासा हुआ है बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में पकड़े गए शूटर शिवा से पूछताछ में हुआ है, जिसे बहराइच से गिरफ्तार किया गया था. शिवा ने बताया कि कैसे नेपाल बॉर्डर लॉरेंस गैंग के लिए सबसे अहम जगह बना हुआ है. पूछताछ में खुलासा हुआ कि नेपाल सीमा से सटे इलाकों में लॉरेंस गैंग का स्लीपर सेल काम करता है. इसका काम होता है शूटर्स को नेपाल में एंट्री करवाना. नेपाल में भी गैंग का गिरोह सक्रिय है, जो कि नेपाल भागे शूटर्स को विदेश भेजने में मदद करता है. और इतना ही नहीं, इन सबके लिए इन शूटर्स को एक नई पहचान भी दी जाती है.

लॉरेंस गैंग रखता है लड़कों का पूरा ख्याल

लॉरेंस गैंग इस दौरान पूरा बंदोबस्त करता है कि उसके गैंग के ये शूटर्स बिना किसी परेशानी के पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहें. इसके लिए बाकायदा शूटर्स का फर्जी पासपोर्ट तैयार करवाया जाता है और ऐसे देश का का वीजा लगवाया जाता है, जहां वीजा ऑन अलाइवल (Visa on Arrival) हो. लॉरेंस गैंग नेपाल के उन लड़कों को समय-समय पर पैसा भिजवाता रहता है और उनके खर्चे का भी ध्यान रखता है.

नेपाल बॉर्डर से पकड़े गए बाबा सिद्दीकी के शूटर्स

यूपी STF ने शिवकुमार और उसके साथियों को नेपाल बॉर्डर से 19 किमी दूर से पकड़ा गया था और वो भी नेपाल भागने की फिराक में था. शिवकुमार से पूछताछ में खुलासा हुआ कि कैसे यहां एक एक कर युवाओं को लॉरेंस गैंग में शामिल किया जाता था. खुद अनमोल बिश्नोई ने बाबा सिद्दीकी मर्डर के लिए शूटर्स से बात की थी.

विश्नोई गैंग में कैसे होती लड़कों की भर्ती?

शिवकुमार की ही तरह ना जाने कितने युवाओं तक लॉरेंस गैंग का ये जाल फैला है. लॉरेन्स गैंग के लोग अक्सर बिहार, झारखंड और यूपी के ऐसे लड़कों को अपने गैंग में भर्ती करता है जो या तो नाबालिग होते है या जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता. और ये लड़के जब तक टास्क ना मिले, अपनी सामान्य जिंदगी स्लीपर सेल की तरह बिताते हैं.

गन, ग्लैमर और गैंगस्टर बनने की चाह में नाबालिग लड़के इन अपराधियों के बहकावे में आते हैं. लॉरेन्स बिश्नोई गैंग हो या कोई दूसरा, उनकी असली ताकत यही नाबालिग लड़के होते हैं, जो एक इशारे पर किसी भी वारदात को अंजाम देने से नहीं चूकते. गैंग अपने नेटवर्क में नए सदस्यों को शामिल करने के लिए उन्हें पैसे, हथियार और ताकत का लालच देता है और अपराध की दुनिया में शामिल करा लेता है. लॉरेंस बिश्नोई और विदेशों में बैठे उसकी गैंग के गैंगस्टर इन लड़कों को वारदात से पहले ट्रेंड करते हैं . अपनी गैंग में शामिल करने के लिए इन लड़कों को कम उम्र में लग्जरी लाइफ के सपना दिखाया जाता है, जिससे वो गैंग में शामिल हो जाते हैं. उनकी पहली परीक्षा लेने के लिए उन्हें क्राइम का पहला टास्क दिया जाता है, जिसके जरिए गैंगस्टर्स नाबालिगों के हौसले को देखते हैं, जिसके बाद भी उनपर नजर रहती है. जब वो नाबालिग अपराधी जेल जाता है तो उसे जेल में बंद दूसरे अपराधियों से मिलवाया जाता है.

भारत-नेपाल बॉर्डर पर लॉरेंस गैंग का सक्रिय होना चिंता की बात

जहां एक तरफ पुलिस लगातार लॉरेंस गैंग और उससे जुड़े गुर्गों को पकड़ने में लगी है तो वहीं भारत-नेपाल बॉर्डर पर इसका सक्रिय होना बड़ी चिंता की बात हो सकती है. पुलिस अब नेपाल सीमा से जुड़े गैंग के सभी सदस्यों की पहचान कर रहे हैं और उन्हें पकड़ने के लिए सीमा सुरक्षा बल के साथ बातचीत करने में लगी है. लेकिन, जिस तरह से लॉरेंस गैंग अब तक पुलिस को छकाता आया है. उस तरह इन स्लीपर सेल को खत्म करना भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होगा.

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