Maharashtra News: इस गधी का नाम जेनी है. इसके दूध को इसकी मालकिन एक सीप के आकार के छोटे से सांचे से नाप कर बेच रही है. जेनी डंकी के दूध से खांसी, कफ और निमोनिया जैसी बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है.
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Donkey milk news: महाराष्ट्र के लातूर (Latur) जिले के किलारी इलाके में गधी का दूध बेचा जा रहा है. और लोग उसके फायदे जानकर दो-चार चम्मच दूध खरीदने की बात कर रहे हैं. दो-चार चम्मच हम इसलिए कह रहे हैं कि ये दूध इतना महंगा है कि आप उसे एक लीटर खरीदने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाएंगे. 100 ML का छोटू पैकेट खरीदने में भी लातूर के लोगों के पसीने छूट रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि यह दूध करीब 20 हजार रुपये लीटर है. कुल कीमत जानकर आप वाकई हैरान हो गए हैं ना? क्यों हैं इतना महंगा ये दूध, आइए इस राज से भी पर्दा उठा देते हैं.
नाम है जेनी और फायदे की गारंटी की पुष्टि हम नहीं करते
दरअसल इस गधी का नाम जेनी है. इसके दूध को इसकी मालकिन एक सीप के आकार के छोटे से सांचे से नाप कर बेच रही है. जेनी डंकी के दूध से खांसी, कफ और निमोनिया जैसी बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है. इसलिए लोग भले ही उसे तत्काल न खरीद रहे हों लेकिन एक बार ट्राई करने की बात जरूर कर रहे हैं. हालांकि ज़ी न्यूज़ इसकी मालकिन के दावों की पुष्टि नहीं करता.
वैज्ञानिक कर रहें है रिसर्च
गधी के दूध का व्यापार बढ़ाने और किसानों की मदद करने के लिए कृषि वैज्ञानिक भी काफी रिसर्च कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि शोध के जरिए इसका उत्पादन बढ़ाकर के किसानों की मदद की जा सकती है. महाराष्ट्र और हरियाणा के हिसार में गधी के दूध पर रिसर्च की जा चुकी है.
जेनी के साथ स्पीकर लेकर चलती है महिला
इसे बेचने वाली टीम का यह कहना है कि गधी के दूध से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, इस दूध से सर्दी, खांसी, खांसी और निमोनिया नहीं होता है. गधी का दूध बच्चों में ऐसी बीमारियों को रोकता है. अगर बीमारी हो जाए तो उसे ठीक करने में भी कारगर है. यानी घरेलू मार्केट में यह सीधे तौर पर भी बिक रहा है. लातूर के अलावा देश के कई शहरों में गधी के दूध की डिमांड बढ़ी है.
पीने के अलावा त्वाचा निखारने का काम
गधी के दूध की मांग दिल्ली-एनसीआर के अलावा कोच्चि और पुणे तक देखने को मिल रही है. इस दूध से कंपनियां सौंदर्य उत्पाद बना कर भी बेच रही हैं, जिसकी महिलाओं के बीच काफी मांग है.
बन रहे हैं ये प्रोडक्ट
कंपनियां महिलाओं के लिए गधी के दूध से त्वचा निखारने वाली क्रीम, साबुन और शैंपू बना रही हैं. वहीं घरेलू मार्केट में यह सीधे तौर पर भी बिक रहा है. इस दूध से बने कई उत्पाद काफी महंगे हैं. जैसे 200 एमएल का शैंपू 2400 रुपये, अर्थराइटिस की 90 ग्राम की क्रीमत 4840 रुपये और एक्जिमा की क्रीम 6136 रुपये में मिल रही है.
इतिहास में है जिक्र- मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा इस दूध से नहाती थी!
गधी के दूध का महिलाओं द्वारा इस्तेमाल का जिक्र इतिहास में भी मिलता है. दो हजार साल पहले भी इसका इस्तेमाल होता था. ऐसा कहा जाता है मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा जो अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती थी, वो भी अपने निखार के लिए गधी के दूध का इस्तेमाल करती थी.