Priya Varghese case: एसोसिएट प्रोफेसर पोस्ट के लिए दूसरे नंबर के उम्मीदवार जैकब स्केरिया ने हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कहा कि अब इस मामले में आगे क्या करना है इस पर कानूनी सलाहकारों से बात करेंगे. स्केरिया ने ये भी कहा कि यह फैसला यूजीसी (UGC) 2018 दिशानिर्देशों का उल्लंघन है,
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Kerala High Court judgement on Priya Varghese: केरल हाईकोर्ट (HC) ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) के निजी सचिव केके रागेश (K K Ragesh) की पत्नी प्रिया वर्गीस (Priya Varghese) की योग्यता कन्नूर विश्वविद्यालय के मलयालम विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए उपयुक्त है. बता दें कि पिछले नवंबर को न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने दूसरे स्थान के उम्मीदवार जैकब स्कारिया की याचिका पर गौर करते हुए फैसला सुनाया था कि वर्गीस के पास यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता का अभाव है.
राज्यपाल ने लगाई थी रोक
वहीं गुरुवार सुबह, हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को रद्द कर दिया, जो राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति-केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) के लिए एक बड़ा झटका है, जिन्होंने सबसे पहले उनकी नियुक्ति पर रोक लगाई थी. आपको बताते चलें कि रागेश CPI(M) के पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं, जो कन्नूर से आते हैं और सीएम विजयन के करीबी सहयोगी माने जाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट में जाएगा मामला?
दूसरे नंबर के उम्मीदवार जैकब स्केरिया ने कोर्ट के इस फैसले के बाद कहा है कि अब इस बारे में आगे क्या करना है इस पर कानूनी सलाहकारों से बात करेंगे. स्केरिया ने कहा कि यह फैसला यूजीसी (UGC) 2018 दिशानिर्देशों का उल्लंघन है, क्योंकि इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पीएचडी करने के लिए ली गई तीन साल की अवधि को शिक्षण अनुभव के रूप में नहीं गिना जा सकता, इसके साथ ही छात्र निदेशक के रूप में कार्य करते हुए उनकी सेवा को भी नहीं गिना जा सकता. इस बीच, वर्गीस ने इस फैसले पर कहा कि, अब मुझे बेहद खुशी हो रही है कि मैं एकमद सही साबित हुई हूं.
(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के साथ)