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Yogi Government in Action on Kanpur Violence: कानपुर हिंसा मामले में योगी सरकार एक्शन में है. कानपुर हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने रविवार को पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिसके बाद कुल गिरफ्तार आरोपियों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है. इस मामले कार्रवाई काफी तेज हो गई है और इस मामले की जांच एसआईटी (SIT) कर रही है और साथ ही यूपी एटीएस (UP ATS) भी शामिल हो गई है. जांच में एसआईटी को हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के व्हाट्सएप से 141 ग्रुप मिले हैं.
कानपुर में शुक्रवार (3 जून) को हुई हिंसा के आरोपियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. पुलिस आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल और घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज के सहारे साजिश की कड़ियां जोड़ने की कोशिश कर रही है. फिलहाल पुलिस आरोपियों की व्हाट्सएप चैट (WhatApp Chat) भी खंगाल रही है ताकि साजिश की कड़ियां जोड़ी जा सकें.
वही इस मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) समेत 4 आरोपियों की कल (5 जून) कोर्ट में पेशी हुई और अदालत ने सभी 4 आरोपियों को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. पुलिस हयात जफर हाशमी की क्राइम कुंडली खंगाल रही है और उसके आपराधिक रिकॉर्ड निकाले जा रहे हैं. मुख्य आरोपी के यहां से मिले दस्तावेज इशारा कर रहे हैं कि दंगे में पीएफआई का रोल है.
पुलिस ने आरोपियों के पास से 6 मोबाइल फोन बरामद किए हैं और अब इन मोबाइल्स की चैट की स्टडी की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि हिंसा फैलाने में किस-किस ने मदद की. इसके साथ ही पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सोशल मीडिया ग्रुप में कौन-कौन शामिल था? क्या सोशल मीडिया की मदद से भीड़ जुटाई गई? इसके अलावा पुरिस यह भी जांच कर रही है कि मुख्य आरोपी के किन लोगों से संपर्क हैं.
कानपुर हिंसा की जांच के दौरान पुलिस को मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी के व्हाट्सएप में 141 ग्रुप मिले हैं, जिसमें बंद के आयोजन को लेकर मैसेज भी भेजे गए हैं. ग्रुप के सदस्य मार्केट बंद की फोटो लगातार ग्रुप में शेयर कर रहे थे. सूत्रों के हवाले से खबर है कि एटीएस टीम ने देर रात बवाल वाले इलाके में जांच पड़ताल की और जफर हयात हाशमी के घर के आसपास के लोगों से भी पूछताछ की. इस दौरान एटीएस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं.
कानपुर पुलिस आरोपियों की पहचान के लिए अब तक 350 से ज्यादा वीडियो बरामद कर चुकी है. हालांकि घटनास्थल के आस-पास के कुछ दुकानदार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी सीसीटीवी फुटेज फॉर्मेट कर दी है, जिससे साजिश के आरोपों की पुष्टि हो रही है. पुलिस का कहना है इस हिंसा में साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है और सभी एंगल से जांच की जा रही है. पुलिस का कहना है कि आरोपियों के पास से पीएफआई से जुड़े साहित्य बरामद भी बरामद किए गए हैं. इसलिए PFI कनेक्शन और फंडिंग की भी जांच की जा रही है.
कानपुर हिंसा में शामिल दंगाइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए योगी सरकार (Yogi Govt) ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया है. इसके तहत सरकार दंगाइयों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी और आरोपियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोज़र चलेगा. इसके अलावा उपद्रवियों की संपत्ति को कुर्क करने की भी तैयारी है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान करने की कोशिश में जुटी है.
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