Chief Ministers: जैसे आए वैसे गए... चंपई जैसे कुर्सी संभालने वाले मुख्यमंत्रियों की लंबी है लिस्ट, चार तो कुछ घंटों तक ही रहे
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Chief Ministers: जैसे आए वैसे गए... चंपई जैसे कुर्सी संभालने वाले मुख्यमंत्रियों की लंबी है लिस्ट, चार तो कुछ घंटों तक ही रहे

Champai Soren News: भ्रष्टाचार के केस में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफे के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री बने झामुमो नेता चंपई सोरेन ने बुधवार को पद से इस्तीफा दे दिया. हेमंत सोरेन फिर से सीएम बनाए जाएंगे. इस घटना ने देश के कई राज्यों के ऐसे सीएम की याद ताजा कर दी जो पार्टी में एडजस्टमेंट के चलते पद पर आए और गए.

Chief Ministers: जैसे आए वैसे गए... चंपई जैसे कुर्सी संभालने वाले मुख्यमंत्रियों की लंबी है लिस्ट, चार तो कुछ घंटों तक ही रहे

Club of CMs Who Make Adjustments: झारखंड में एक बार फिर बड़े सियासी हलचल में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर करीब छह महीने बाद जेल से बाहर आए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर झारखंड के सीएम बनेंगे. उनकी पार्टी झामुमो और इंडी गठबंधन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.

कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री बने नेताओं की लिस्ट में चंपई सोरेन

झारखंड में इस राजनीतिक उठापटक के बाद चंपई सोरेन देश के कई राज्यों में कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री रहे उन नेताओं की लिस्ट में शामिल हो गए जिन्होंने अपनी पार्टी की अंदरूनी दिक्कतों के चलते कुछ दिनों के लिए सीएम की कुर्सी संभाली और फिर विदा हो गए. हालांकि, एक-दो नेता इसी चक्कर में बड़े नेता के रूप में स्थापित भी हो गए. आइए, विभिन्न राज्यों के ऐसे कुछ मुख्यमंत्रियों के बारे में जानते हैं, जिन्हे केयर टेकर सीएम कहा जाए तो ज्यादा नहीं होगा.

जीतन राम मांझी

लोकसभा चुनाव 2014 में बिहार में जदयू की करारी हार के बाद जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद 20 मई, 2014 को सीएम पद संभालने वाले जीतन राम मांझी को 20 फरवरी, 2015 को इस्तीफा देना पड़ा था. उनके बाद नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली. इसके बाद जीतन राम मांझी ने जदयू छोड़कर हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा पार्टी बनाई. बिहार के 23वें और दलित समुदाय से मुख्यमंत्री बनने वाले तीसरे नेता रहे मांझी मौजूदा समय में केंद्रीय मंत्री हैं.

राबड़ी देवी 

राष्ट्रीट जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी भी अचानक बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं. साल 1998 में लालू यादव के भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने के बाद आनन-फानन में राबड़ी देवी को बिना किस सदन की सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. हालांकि, उसके बाद लालू प्रसाद यादव दोबारा सीएम नहीं बन सके. राबड़ी देवी की कुर्सी कुछ विधानसभा चुनावों तक अपने प्रतिद्वंदी नीतीश कुमार के साथ अदला-बदली होती रही. विरोधी दलो के नेता लगातार कहते रहे कि राबड़ी देवी शैडो सीएम हैं और सरकार लालू यादव ही चला रहे हैं.

बाबू लाल गौर

मूल तौर पर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बाबूलाल गौर 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. भारतीय जनता पार्टी की नेता मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री उमा भारती की तिरंगा यात्रा विवाद में इस्तीफा देने के बाद सीनियर नेता गौर को फौरी तौर पर सीएम बनाया गया था. हालांकि, उमा भारती की वापसी के बाद उन्होंने कुर्सी नहीं छोड़ी. विवाद बढ़ा तो उमा भारती को ही भाजपा छोड़ना और फिर पार्टी में लौटना पड़ा. हालांकि, इस बीच मध्य प्रदेश को शिवराज सिंह चौहान के रूप में एक लंबे समय तक शासन करने वाला सीएम मिल गया.

चरणजीत सिंह चन्नी

पंजाब में कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी भी पार्टी की अंदरूनी कलह की वजह से राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री बन गए. 2021 में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद तमाम रस्साकशी के बाद चन्नी को सीएम बनाया गया था. कांग्रेस 6 फरवरी 2022 को चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित कर पंजाब विधानसभा चुनाव में उतरी थी. सीएम चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब दो सीटों से चुनाव मैदान में उतरे और उन्हें दोनों ही सीटों से मात खानी पड़ी.

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी एक-एक दिन रहे सीएम

इन नेताओं के अलावा उत्‍तर प्रदेश के सीएम रहे जगदंबिका पाल एक दिन से कुछ ज्‍यादा यानी करीब 31 घंटे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रह पाए थे. उत्तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत तीन बार उत्तराखंड के सीएम बने. हालांकि, वह एक बार भी 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. अपने दूसरे कार्यकाल में सिर्फ एक दिन के लिए ही मुख्‍यमंत्री बने थे. इसकी वजद राज्य में राष्टपति शासन लागू हो जाना था.

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महाराष्ट्र और कर्नाटक में भाजपा के तीन-तीन दिन वाले सीएम

महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नवंबर 2019 में बतौर सीएम दूसरा कार्यकाल शुरू किया तो राजनीतिक उठापटक के चलते तीन दिन बाद ही उन्‍हें इस्तीफा देना पड़ा. कर्नाटक में बीएस येदियुरप्‍पा ने 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन महज 3 दिन बाद 19 मई को ही इस्तीफा देना पड़ा. 

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हरियाणा, बिहार, अरुणाचल प्रदेश में भी शॉर्ट टर्म सीएम की रवायत

हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला 12 जुलाई से 17 जुलाई 1990 तक सिर्फ 6 दिन ही कुर्सी पर रह पाए थे. साल 2000 में बिहार में एक बार नीतीश कुमार भी महज 8 दिनों के लिए ही मुख्यमंत्री रह पाए थे. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के नबाम तुकी महज 4 दिन के मुख्‍यमंत्री रहे हैं. कांग्रेस नेता सतीश प्रसाद सिंह ने बिहार के मुख्‍यमंत्री के तौर पर महज 5 दिन के लिए कुर्सी संभाल पाए थे.

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