2000 Note Row: 2000 के नोट पर सियासी बयानबाजी रुकने का नाम नहीं ले रही है. कोई इसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ स्ट्राइक बता रहा है. तो कोई इसे लेकर सरकार के कर्ताधर्ताओं की काबिलियत से जोड़कर देख रहा है. इस बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा है कि पहले छापा और अब बंद करा दिया. ये फैसला 'थूक के चाटने' जैसा है.
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Bhupesh Baghel attacks RBI over ₹2000 note withdrawal: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2000 रुपये के नोट वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले पर शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार अपने ही फैसले को सात साल बाद बदल रही है यह ‘थूक कर चाटने’ जैसा है. बघेल ने शनिवार को कर्नाटक की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से लौटने के बाद रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘अब 2000 रुपए के नोट बंद कर दिए हैं. इसमें गिनाएं क्या कारण है? आरबीआई से हम पूछना चाहते हैं, बंद क्यों किए हैं? वैसे तो आप ने 2019 से छापना बंद कर दिया लेकिन आज 2023 है अब अचानक इसको बंद कर दिया. इसका कारण क्या है?
किससे पूछकर लिया फैसला?
मतलब यह है कि आप (केंद्र सरकार) अपने ही फैसले को सात साल बाद बदल रहे हैं 2016 में इसे लागू किया अब 2023 से बंद कर दिया, मतलब यह ‘थूक कर चाटने’ जैसा है. उन्होंने ये भी कहा, 'मीडिया को आरबीआई के गवर्नर से पूछना चाहिए कि क्यों बंद किए. शासकीय धन का ऐसे ही दुरुपयोग करेंगे. एक लेख के मुताबिक नोट छापने में 16-17 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. देश के आयकर दाताओं के पैसे खर्च हो रहे हैं. आप जब चाहे तब खत्म कर देंगे और जब चाहे तब चालू कर देंगे. अब कौन से नोट चालू करेंगे या भी बता दें.’
क्या देश कैशलेस ट्रांजेक्शन की तरफ जा रहा है?
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए यह सवाल भी किया कि क्या देश कैशलेस ट्रांजेक्शन की तरफ जा रहा है? ऐसी कई बातें हैं जिनका जवाब दिया जाना चाहिए. उन्होंने यह आशंका भी जताई है कि हो सकता है कि देश को क्रिप्टो करेंसी की ओर धकेला जा रहा है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)