Pakistani Terrorists in Delhi: इन तीनों आरोपियों में से एक था मोहम्मद शहनवाज, जिसे सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया. शहनवाज के दोनों साथियों के नाम मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी है. मोहम्मद रिजवान अशरफ पेशे से मौलाना है.
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Delhi Police Special Cell: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकियों के एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. स्पेशल सेल ने शहनवाज नाम के तीन लाख के इनामी समेत तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है.
दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पिछले कुछ समय से इंडियन मुजाहिदीन और ISIS की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है, जिसके चलते कई गिरफ्तारियां भी की गई हैं. इसी कड़ी में पिछले महीने 3 आतंकियों पर NIA ने इनाम घोषित किया था. इन पर अलग-अलग बम धमाकों में शामिल होने का आरोप था.
कहां से हुई गिरफ्तारियां
इन तीनों आरोपियों में से एक था मोहम्मद शहनवाज, जिसे सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया. शहनवाज के दोनों साथियों के नाम मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी है. मोहम्मद रिजवान अशरफ पेशे से मौलाना है. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद रिजवान अशरफ को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. मोहम्मद अरशद वारसी को मुरादाबाद से गिरफ्तार किया गया है.
आज सुबह इन तीनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उनकी 7 दिन की पुलिस रिमांड ले ली गई है. पुलिस के मुताबिक, जब इन लोगों के ठिकाने पर रेड हुई तो शहनवाज के ठिकाने से काफी तादाद में बम बनाने का सामान बरामद हुआ, जिसमें अलग–अलग तरह के कैमिकल , आयरन पाइप, टाइमिंग डिवाइस और पिस्टल शामिल है.
पाकिस्तान में बैठे आका देते थे आदेश
पुलिस के मुताबिक इनके पास से बम बनाने के लिटरेचर भी बरामद हुए हैं जो पाकिस्तान में बैठे इनके आकाओं ने इन्हें भेजे हुए थे. ये लोग इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग तरीके से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में थे. इसके तार अहमदाबाद ब्लास्ट मामले से जुड़े हुए हैं.
इन लोगों को कैसे बम बनाते हैं उसके तरीकों के बारे में बखूबी पता था. इनके पास से लिटरेचर भी बरामद किया गया है, जिसमें बम बनाने से लेकर कैसे उसे एसेम्बल करना है, कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत हो उस बारे में पूरी जानकारी है.
किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने जंगलों के अंदर कई तरह के बम एक्सपेरिमेंट भी किए थे. हर एक्सपेरिमेंट के बाद ये लोग आगे अपने आकाओं को जानकारी देते थे और फिर इनको बताया जाता था कि बम की पोटेंसी बढ़ने के लिए इनको आगे क्या करना होगा.
देश में कई जगह की रेकी
इन लोगों ने पश्चिमी, दक्षिणी भारत समेत देश के कई इलाकों में रेकी भी की थी. वेस्टर्न इलाकों में इन लोगों ने अपना ठिकाना बनाने की कोशिश की. इन लोगों ने वाइल्ड लाइफ एरिया में कैंप बनाकर कई दिन भी बिताए. पाकिस्तान में बैठे इनके आका इन्हें टास्क देते थे कि किस स्टेज पर क्या किया जाएगा.
गुजरात, अहमदाबाद के इलाकों में इन लोगों ने काफी रेकी की थी. इन लोगों को हिदायत दी गई थी कि यह किसी भी वारदात को इस तरह से अंजाम दें कि उसका आरोप बॉर्डर पार बैठे इनके आकाओं पर ना आए. लेकिन समय पर इनकी गिरफ्तारी होने से उनकी सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई.
पुलिस के मुताबिक अभी शहनवाज का एक और साथी मोहम्मद रिजवान फरार चल रहा है जिसको जल्द ही गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.
कौन है मोहम्मद शहनवाज
शहनवाज विश्वेश्वरैया इंटीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से माइनिंग इंजीनियरिंग कर चुका है. वह बम बनाने में काफी एक्सपर्ट है. वह हजारी बाग झारखंड का रहने वाला है. शहनवाज की पत्नी पहले हिंदू थी जिसको कन्वर्ट कर पहले मुस्लिम बनाया गया और रेडिक्लाइज किया. वह
भी ऑपरेशन में शामिल थी, जिसकी तलाश जारी है.
अरशद वारसी
अरशद वारसी भी झारखंड का निवासी है. उसने AMU से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
रिजवान अशरफ
वह यूपी के आजमगढ़ का निवासी है. गाजियाबाद से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियर की और बच्चों को तालीम भी देता है. वह सऊदी अरब में पैदा हुआ था.
पुणे पुलिस के एक्शन के बाद भाग गया था शहनवाज
जुलाई के महीने में जब पुणे पुलिस ने कार्रवाई की थी तो शहनवाज भाग गया था. दरअसल शहनवाज इमरान और यूसुफ उस टाइम गाड़ी चोरी कर रहे थे. उस समय इमरान और यूसुफ पर चितौड़ ब्लास्ट केस में 5–5 लाख का इनाम था. उन्हें पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन शहनवाज वहां से भाग गया था. किसी भी चीज को बेचकर आतंक के काम में लगाने को ये लोग 'माले ए गनीमत' बोलते थे.