SCO Summit 2023: अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए, डिजिटल तरीके से शिखर सम्मेलन आयोजित कराने के विकल्प पर चर्चा की गयी और सदस्य देशों से विचार-विमर्श करने के बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया गया.
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Narendra Modi News: भारत की पहली अध्यक्षता के तहत, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद का 22वां शिखर सम्मेलन वर्चुअल रूप से 4 जुलाई, 2023 को आयोजित किया जाएगा. सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह घोषणा की. बहरहाल, उसने डिजिटल तरीके से सम्मेलन आयोजित कराने की वजह नहीं बताई.
अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए, डिजिटल तरीके से शिखर सम्मेलन आयोजित कराने के विकल्प पर चर्चा की गयी और सदस्य देशों से विचार-विमर्श करने के बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया गया.
पिछले साल समरकंद में हुआ था सम्मेलन
पिछले साल एससीओ शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के समरकंद शहर में हुआ थे जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत सभी शीर्ष नेता शामिल हुए थे. 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन में ही भारत ने एससीओ की अध्यक्षता संभाली थी.
चीन और पाकिस्तान को भी किया आमंत्रित
शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित सभी एससीओ सदस्य देशों को आमंत्रित किया गया है. इसके अतिरिक्त, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक राज्यों के रूप में आमंत्रित किया गया है.
एससीओ परंपरा का पालन करते हुए तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठन प्रमुख भी होंगे शामिल
विदेश मंत्रालय ने बताया कि छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है. इन संगठनों में संयुक्त राष्ट्र, आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संघ), सीआईएस (स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल), सीएसटीओ (सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन), ईएईयू (यूरेशियाई आर्थिक संघ) और सीआईसीए (एशिया में सहभागिता और विश्वास निर्माण उपायों पर शिखर सम्मेलन) शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत ने अपनी अध्यक्षता के तहत सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं - स्टार्टअप और नवोन्मेष, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत.'
(इनपुट - एजेंसी)