Eastern Ladakh: पूर्वी लद्दाख के गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया (Gogra-Hot Spring Area) में भले ही दोनों देशों में अपने सैनिक थोड़े पीछे करने पर सहमति बन गई हो, लेकिन भारत अपनी रक्षा तैयारियों में कोई ढील नहीं देगा.
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India-China Border Dispute: करीब 2 साल के बाद भारत और चीन (India-China) में भले ही पूर्वी लद्दाख के गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया (Gogra-Hot Spring Area) में डिस-एंगेजमेंट करने पर सहमति बन गई हो लेकिन भारत इस मामले में किसी तरह की जल्दबाजी करने के मूड में नहीं है. चीन के चालबाजी भरे इतिहास को देखते हुए भारत फिलहाल पूरी एलएसी पर अपनी सेनाओं (Indian Army) को अलर्ट पर बनाए रखेगा.
आर्मी चीफ आज करेंगे पूर्वी लद्दाख का दौरा
सूत्रों के मुताबिक सेना की मुस्तैदी को परखने के लिए आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे आज लद्दाख (Eastern Ladakh) दौरे पर जाएंगे. वे वहां 16वीं कोर के मुखिया समेत बाकी सीनियर अफसरों से मुलाकात करेंगे और सेना की तैनाती पर चर्चा करेंगे.
भारत और चीन (India-China) ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वे दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद का कारण बने गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में बने अपने-अपने अस्थाई ढांचों को हटा लेंगे. साथ ही एक-दूसरे के इलाके में जाकर उसका फिजिकल वेरिफिकेशन भी करेंगे.
12 सितंबर तक पूरा होगा डिस-एंगेजमेंट
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक दोनों देशों की सेनाओं में बनी सहमति के मुताबिक गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया (Gogra-Hot Spring Area) में नियोजित और आपसी समन्वय के साथ डिस-एंगेजमेंट किया जाएगा. इसके लिए 12 सितंबर की डेडलाइन तय की गई है. इसके साथ ही इस पॉइंट से भी दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने की स्थिति से हट जाएंगी.
प्रवक्ता के मताबिक दोनों पक्षों (India-China) ने यह भी तय किया कि वे सैनिकों की फॉरवर्ड इलाके में तैनाती से परहेज करेंगी और फेजवार सैनिकों को पीछे बुलाएंगे. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से इलाके में बनाए गए अस्थाई ढांचे और बंकर भी तोड़े जाएंगे. बाद में दोनों पक्ष एक-दूसरे के कब्जे वाले इलाके में जाकर इस बात को क्रॉस चेक भी करेगा.
भारत बनाए रखेगा अपनी रक्षा तैयारियां
सूत्रों के मुताबिक भले ही दोनों पक्षों (India-China) ने गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया (Gogra-Hot Spring Area) में डिस-एंगेजमेंट करने पर सहमति जता दी हो लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. दरअसल इस समझौते के बाद दोनों पक्षों ने अपने सैनिक थोड़े-थोड़े पीछे जरूर किए हैं लेकिन दोनों ओर करीब 1 लाख सैनिकों की तैनाती और भारी हथियारों की मौजूदगी अब भी जारी है. चीन के पिछले धोखे वाले इतिहास को देखते हुए इस बार भी पक्का नहीं है कि वह अपना वादा सच्चे मन से निभाएगा ही. ऐसे में भारतीय सेना अलर्टनेस में कोई ढील नहीं देना चाहती.
(एजेंसी इनपुट एएनआई)
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