351 करोड़ जब्त करने के बाद IT ने जारी किया बयान, जानिए कहां से आया काला धन?
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351 करोड़ जब्त करने के बाद IT ने जारी किया बयान, जानिए कहां से आया काला धन?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि छापेमारी के दौरान ही कंपनी के सीनियर कर्मचारी का बयान दर्ज किया गया. कर्मचारी ने बताया कि ये पैसा शराब कारोबार से जुड़ा है और कैश में की गई डिलिंग से आया है जिसका हिसाब इनकम टैक्स को नहीं दिया गया था.

फाइल फोटो

IT Raid On Dhiraj Sahu: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तीन राज्यों में की गई छापेमारी में ₹351 करोड़ रुपये बरामद किए और ₹2.80 करोड़ की ज्वैलरी जब्त की. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 6 दिसंबर को उड़ीसा, झारखंड और कोलकाता में की. इस छापेमारी पर विभाग ने आज बयान जारी किया है. आईटी डिपार्टमेंट ने बताया कि ये छापेमारी शराब का कारोबार करने वाले, अस्पताल और एजुकेशन इंस्टीट्यूशन चलाने वाले लोगों पर की गई थी.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को मिली बड़ी सफलता

ये छापेमारी उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 10 जिलों में 30 ठिकानों पर की गई थी. ये पूरा कारोबार झारखंड के रांची में रहने वाले धीरज साहू के परिवार से जुड़ा था. धीरज साहू कांग्रेस पार्टी से राज्यसभा सांसद हैं और इनके पिता बलदेव साहू ने कारोबार की शुरुआत की थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बताया कि छापेमारी के दौरान ही कंपनी के सीनियर कर्मचारी का बयान दर्ज किया गया. कर्मचारी ने बताया कि ये पैसा शराब कारोबार से जुड़ा है और कैश में की गई डिलिंग से आया है जिसका हिसाब इनकम टैक्स को नहीं दिया गया था. इसके अलावा कंपनी से काफी सारे दस्तावेज जब्त किए गए जो जांच से जुड़े हैं.

पहले हुई छापेमारी की क्या है अपडेट?

इससे पहले हुए छापेमारी में ₹329 करोड़ रुपये उड़ीसा के सुपाड़ा, टिटलागढ़ और खेतराजपुर में घर के अंदर अलमारियों में छिपाकर रखे गए थे. ये एक तरह से कंपनी का सेफहाउस है और इसका इस्तेमाल इसी काम के लिए किया जा रहा था. इस दौरान छापेमारी में करीब ₹351 करोड़ बरामद किए गए है. सबसे ज्यादा कैश उड़ीसा के बालांगीर से बरामद हुआ था जिसमें ₹220 करोड़ को कंपनी के अंदर से बरामद किए गए. ये छापेमारी हवाला कारोबारी और फर्जी कंपनियां (Shell Company) चलाने वाले लोगों पर की गई थीं.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में होना था इस्तेमाल?

एजेंसी ये जानना चाहती थी कि आखिर इतना कैश किस लिए छिपाया था? हालांकि, एजेंसी को शक था कि हाल ही में खत्म हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इनका इस्तेमाल किया जाना था. उस दौरान खबर आ रही थी कि ED भी इस मामले की जांच में शामिल हो सकती है.

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