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CJI NV Ramana farewell: भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शुक्रवार को पेंडिंग मामलों को एक बड़ी चुनौती करार दिया और मामलों की सुनवाई के मुद्दे पर जरूरी ध्यान नहीं देने पर खेद भी जताया. चीफ जस्टिस ने कहा कि संबंधित लोगों ने मॉड्यूल विकसित करने की कोशिश की, हालांकि इस दिशा में बहुत प्रगति नहीं हुई और इस मुद्दे को हल करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है. चीफ जस्टिस के तौर पर जस्टिस रमना का कार्यकाल शुक्रवार को खत्म हो रहा है. उन्होंने कहा कि पेंडिंग मामलों के बढ़ते बोझ का हल खोजने के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों और आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.
संस्था हमेशा बनी रहेगी
जस्टिस रमना ने कहा कि हम सभी आम आदमी को क्विक और किफायती न्याय देने की प्रक्रिया में चर्चा और संवाद के साथ आगे बढ़ें और वह संस्था के विकास में योगदान देने वाले पहले या अंतिम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि लोग आएंगे और जाएंगे, लेकिन संस्था हमेशा के लिए बनी रहती है. उन्होंने संस्था की विश्वसनीयता की रक्षा करने पर जोर दिया, जो लोगों और समाज से सम्मान पाने के लिए अहम है. कोरोना महामारी के बीच अदालतों के कामकाज पर उन्होंने कहा कि अदालतों को चलाना प्राथमिकता है, न्यायपालिका की जरूरतें बाकी की जरूरतों से अलग थीं और इस बात पर जोर दिया कि जब तक बार सहयोग नहीं करता, तब तक जरूरी बदलाव लाना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय न्यायपालिका समय के साथ विकसित हुई है और इसे एक ही आदेश या फैसले द्वारा आंका नहीं जा सकता है.
इस बात पर जताया खेद
सीजेआई ने कहा कि हमें इस फैक्ट को स्वीकार करना होगा कि पेंडेंसी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि मामलों को लिस्टिंग करने और पोस्ट करने का मुद्दा उन क्षेत्रों में से एक है जिन पर मैं ज्यादा ध्यान नहीं दे सका. मुझे इसके लिए खेद है (I am sorry for that). हाल ही में, वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा था कि सीजेआई को मामलों को सौंपने और लिस्टेड करने की शक्ति नहीं होनी चाहिए और शीर्ष अदालत के पास मामलों के आवंटन के लिए एक ऑटोमेटिक सिस्टम होना चाहिए. अपने पहले विदाई भाषण को खत्म करते हुए जस्टिस रमना ने कहा, 'मैं अपने सभी सहयोगियों और बार के सभी सदस्यों को उनके एक्टिव सपोर्ट और सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं, मैं निश्चित रूप से आप सभी को याद करूंगा.'
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सीजेआई के रूप में जस्टिस रमना के कार्यकाल के दौरान, हाईकोर्ट में 224 रिक्तियां दायर की गईं, ट्रिब्यूनल कोर्ट में 100 से ज्यादा सदस्यों की नियुक्ति की गई और शीर्ष अदालत में 34 न्यायाधीशों की पूरी ताकत है. सीजेआई की उपलब्धियों की तारीफ करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभाया है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि उनका रिटायर होना सभी के लिए एक बड़ा नुकसान है.
जस्टिस यूयू ललित बनेंगे CJI
जस्टिस एनवी रमना के रिटारमेंट के बाद शनिवार को जस्टिस यूयू ललित चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभाल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित चीफ जस्टिस रमना के विदाई समारोह के दौरान जस्टिस यूयू ललित ने अपनी प्राथमिकताओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 74 दिन के कार्यकाल में उनकी तीन प्राथमिकताएं रहेंगी. पहली कोर्ट में दाखिल केस की लिस्टिंग (सुनवाई के लिए लगने की प्रकिया) को ज़्यादा पारदर्शी किया जाए. दूसरी, ऐसी व्यवस्था होंगी जिसमे वकील केस की जल्द सुनवाई को लेकर संबंधित बेंच के सामने मांग रख सकेंगे. तीसरी प्रथामिकता संवैधानिक मामलों की सुनवाई की होगी और पूरे साल संविधान पीठ बैठेगी. जस्टिस ललित ने कहा कि वो समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का रोल कानून की व्याख्या करना है, इसके लिए जरूरी है कि बड़ी बेंच का गठन हो ताकि संवैधानिक/कानूनी मुद्दों पर लोगों के बीच स्पष्ठता हो सके.
(इनपुट: एजेंसी)
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