एक आम आदमी कैसे बना करौली वाला बाबा, जानें संतोष सिंह भदौरिया की पूरी कहानी
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एक आम आदमी कैसे बना करौली वाला बाबा, जानें संतोष सिंह भदौरिया की पूरी कहानी

Santosh Singh Bhadoria: करौली बाबा यानि संतोष सिंह का बचपन गरीबी में बीता. संतोष के सपने बड़े थे और वह उन्हें पूरा करना चाहता था.उसने पैसे कमाने के लिए कई तरह के काम किए लेकिन आखिर में बाबागिरी ने उसके सारे सपने पूरे कर दिए. 

एक आम आदमी कैसे बना करौली वाला बाबा, जानें संतोष सिंह भदौरिया की पूरी कहानी

Karauli Baba Santosh Singh Bhadoria: करौली बाबा संतोष सिंह भदौरिया आजकल एक भक्त को पीटे जाने के आरोपों की वजह से विवाद के केंद्र मैं है.  उन पर आरोप लगाने वालों की फेहरिस्त भी लंबी होती जा रही है. एक आम परिवार में जन्मे संतोष सिंह का करौली बाबा बनने का सफर कोई कम रोचक नही हैं. जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में:-

करौली बाबा का बचपन गरीबी में बीता. उनका संबंध उन्नाव के पवई गांव से है. संतोष के सपने बड़े थे और वह उन्हें पूरा करना चाहता था.

पहली और दूसरी शादी
संतोष ने पहली शादी इस उम्मीद में की थी उसकी किस्मत इससे शायद पलट जाए लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसके लिए संतोष ने पहली पत्नी को ही जिम्मेदार ठहराया और उससे अलग हो गया. उसकी दूसरी शादी ममता तिवारी से हुई. ममता से उसे दो बेटे हुए लव और कुश.

आर्थिक रूप से संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाली ममता तिवारी के घरवालों ने संतोष को एक टैंपो खरीद कर दे दिया. संतोष ने यह काम किया लेकिन उसका मन इसमें नहीं लगा. वह बहुत पैसे कमाना चाहता था.

राजनीति में एंट्री
बड़ा आदमी बनने के लिए संतोष ने हर दांव चला. उसने राजनीति में आने का फैसला किया और शिवसेना में शामिल हो गया. लेकिन पार्टी में उसे कोई खास सफलता नहीं मिली जिसके बाद उसने भारतीय किसान यूनियन का हाथ थाम लिया. कई प्रदर्शनों में शामिल हुआ, पुलिस के लाठी-डंडे भी खाए लेकिन फिर उसका राजनीति से मोहभंग हो गया.

हत्याकांड में आया नाम
संतोष ने इसेक बाद विवादित जमीनों को खरीदने बेचने का भी काम किया. 4 अगस्त 1992 को कानपुर के फजलगंज इलाके में अयोध्या प्रसाद नाम के एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्याकांड के आरोपियों में संतोष का भी नाम था. उसे हत्या के इल्जाम में सजा भी हुई लेकिन 1993 में वह जमानत पर बाहर आ गया.

बाबागिरी का आया आइडिया
अब तक संतोष के दिमाग में बाबागीरी का ध्यान आ चुका था. वह समझ गया था कि पैसे कमाने के लिए यह सबसे बढ़िया रास्ता है. उसने केरल जाकर आयुर्वेद की ट्रेनिंग ली और कानपुर के अपने घर में सिविल लाइन एक क्लीनिक खोल लिया. उसका यह काम चल निकला.

आखिर मिली सफलता
एक बार जो सफलता मिली तो उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2012 उसने अपने दोनों बेटों लव और कुश के नाम पर एक आश्रम खोला. आज बाबा का मुख्य आश्रम 14 एकड़ में फैला है. संतोष सिंह की अदृश्य शक्तियों और चमत्कारी ताकतों की बातें सुन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उसके पास आते हैं. करौली बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया के पास लगभग एक दर्जन वाहन है, जो कि लग्जरी वाहनों की श्रेणी में आते हैं.

इस विवाद ने खींचा सबका ध्यान
करौली वाले बाबा पर सबका ध्यान तब एक डॉक्टर द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद लगा. नोएडा निवासी डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी ने 19 मार्च को बिधनू थाने में करौली सरकार के बाबा संतोष सिंह भदौरिया और उनके सेवादारों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी. आरोप था कि बाबा और उनके सेवादारों ने उनके चमत्कार को चैलेंज करने पर जमकर पीटा. उन्हें आश्रम से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था. मामले की बिधनू थाने की पुलिस जांच कर रही है. इस मामले के सामने आने के बाद बाबा पर रोज नए आरोप लग रहे हैं. 

 

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