अब ज्ञानवापी के 'शिवलिंग' के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मस्जिद पक्ष से मांगा गया जवाब
Advertisement
trendingNow12525651

अब ज्ञानवापी के 'शिवलिंग' के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मस्जिद पक्ष से मांगा गया जवाब

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट 17 दिसंबर को आगे सुनवाई करेगा. उस दिन हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर दूसरी अर्जी भी सुनवाई पर लगेंगी. हिंदू पक्ष ने वाराणसी की  निचली अदालतों में  पेंडिंग सभी 15 मुकदमों को सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की  मांग की है.

अब ज्ञानवापी के 'शिवलिंग' के सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मस्जिद पक्ष से मांगा गया जवाब

Shivling of Gyanvapi: ज्ञानवापी परिसर में सीलबंद वजूखाने के एएसआई सर्वे की मांग वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. इसी जगह पर मई 2022 में शिवलिंग जैसी रचना मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने तब इस जगह को सीलबंद रखने का आदेश दिया था.अब हिंदू पक्ष चाहता है शिवलिंग की प्राचीनता का पता लगाने के लिए उसका भी वैज्ञानिक सर्वे हो. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष की मांग पर अंजुमन इन्तज़ामिया मस्जिद प्रबंधन कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.  

क्यों जरूरी है वजूखाने का सर्वे?

हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका में कहा है कि 16 मई 2022 में एडवोकेट कमिश्नर सर्वे में 'शिवलिंग' मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वजुखाने वाली जगह को सीलबंद रखने का आदेश दिया.तब से यह जगह सीलबंद है.इसके चलते दिसंबर 2023 में ज्ञानवापी का ASI की ओर से से वैज्ञानिक सर्वे हुआ, उसमे इस जगह का सर्वे नहीं हो पाया. हिंदू पक्ष का कहना है कि ASI ने ज्ञानवापी परिसर की बाकी जगह का सर्वे कर 18 दिसंबर 2023 को निचली अदालत में जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमे मंदिर होने के पुख्ता सबूत मिले है. अब इसी तर्ज पर सीलबंद एरिया का भी सर्वे ज़रूरी है क्योंकि वहाँ पर भी मंदिर की मौजूदगी साबित करने के लिए पुख्ता सबूत मौजूद है, जो इस केस के लिए निर्णायक साबित हो सकते है. इसके लिए हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश में संसोधन की मांग की है जिसके तहत कोर्ट ने उस जगह को सीलबंद रखने का आदेश दिया था.

मस्जिद पक्ष की दलील

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी की ओर से हुजैफा अहमदी ने दलील रखी. उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमे हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमों को सुनवाई लायक माना था. लेकिन वो याचिका सुनवाई के लिए नहीं लगी है.मस्जिद कमेटी के वकील ने मांग की कि पहले कोर्ट को इस केस में हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमे की मेंटेनबिलिटी तय करना चाहिए .कोर्ट को पहले इस पर फैसला लेना चाहिए कि क्या प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट के चलते हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमे सुनवाई लायक है भी या नहीं

अगली सुनवाई में क्या होगा
सुप्रीम कोर्ट 17 दिसंबर को आगे सुनवाई करेगा. उस दिन हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर दूसरी अर्जी भी सुनवाई पर लगेंगी. हिंदू पक्ष ने वाराणसी की निचली अदालतों( सिविल और जिला जज की कोर्ट) में पेंडिंग सभी 15 मुकदमों को सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की मांग की है. 17 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि अलग अलग पहलुओं पर जो दोनों पक्ष की अर्जियां सुप्रीम कोर्ट में लंबित है,उनमें सबसे पहले किस पर सुनवाई हो.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news