Hindenburg Report: अडानी मामले पर गठित हो JPC, संसद में विपक्ष ने उठाई मांग; ये हैं 10 बड़ी बातें
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Hindenburg Report: अडानी मामले पर गठित हो JPC, संसद में विपक्ष ने उठाई मांग; ये हैं 10 बड़ी बातें

Hindenburg report Parliament: आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दलों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर हमला बोलते हुए विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है.

संसद में अडानी मामले को लेकर जमकर हंगामा हुआ...

Mallikarjun Kharge on Hindenburg report: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को अडानी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की और यह आग्रह भी किया कि इस प्रकरण की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित की जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की निगरानी में इसकी जांच हो.

1. संसद में हंगामा

अडानी सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित होने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम यह कहना चाहते हैं कि सरकार क्यों दबाव बनाकर ऐसी कंपनियों को कर्ज दिलवा रही है?’

2. विपक्ष की मांग

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘लोगों के हितों और LIC, SBI के निवेश को ध्यान में रखते हुए, हम चर्चा की मांग कर रहे हैं. हमारी मांग है कि जेपीसी गठित करके इसकी जांच हो या उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व में इसकी जांच हो.’

3. लोगों को दिया जाए भरोसा

कई विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में खरगे ने कहा, ‘जांच होने पर प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के समक्ष रखी जाए ताकि पारदर्शिता रहे और लोगों को विश्वास रहे कि उनका पैसा बचा है.’ इससे पहले, इस विषय पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों की कार्यवाही बाधित हुई. 

4. सरकार मांग क्यों नहीं मान रही?

अडानी मामले पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘संसद के दोनों सदनों को आज दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि सरकार LIC , SBI और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा दबाव में किए गए निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमत नहीं हुई.’ 

5. करोड़ों लोगों की सेविंग का हवाला

जयराम रमेश ने ये दावा भी किया कि ऐसे निवेश के मूल्यों में कमी के कारण आज करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में पड़ गई है.

6.  विपक्षी दलों की बैठक में महामंथन

इससे पहले, बृहस्पतिवार सुबह खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओब्रायन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, द्रमुक की कनिमोई, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के संजय राउत और कुछ अन्य दलों के नेता मौजूद थे.

7. चर्चा की मांग

विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे दोनों सदनों में अडानी एंटरप्राइजेज से जुड़ा मुद्दा उठाएंगे और इस पर चर्चा की मांग करेंगे. कांग्रेस के अधयक्ष खरगे ने अडानी एंटरप्राइजेज का प्रत्यक्ष उल्लेख किए बिना राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था.

8. नोटिस हुआ जारी

विपक्ष के इस नोटिस में मांग की गई थी कि बाजार में पूंजी गंवाती कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निवेश के मुद्दे पर चर्चा कराई जाए.

9. कार्यस्थगन का नोटिस

लोकसभा में कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी कार्यस्थगन का नोटिस देकर अडानी एंटरप्राइजेज के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. 

10. अडानी ग्रुप का FPO रद्द

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी प्रकरण पर संयुक्त संसदीय समिति का गठन होना चाहिए.

गौरतलब है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की. हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था. समझा जाता है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की शॉर्टसेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है. इस कारोबारी समूह ने उस रिपोर्ट को निराधार बताया था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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