Gujarat Election Exit Poll: अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि गुजरात में दिल्ली मॉडल की तर्ज पर जनता वोट करेगी और यहां आम आदमी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे कुछ और ही संकेत कर रहे हैं.
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Gujarat Assembly Election Exit Poll: गुजरात विधानसभा चुनावों के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों ने आम आदमी पार्टी की परेशानी बढ़ा दी है. गुजरात में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत पार्टी के तमाम बड़े नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियां की लेकिन एग्जिट पोल में उसका असर बिलकुल भी नजर नहीं आया. ZEE NEWS के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा 5 सीटें मिलती दिखाई गई हैं. वहीं पार्टी का वोट शेयर भी डबल डिजिट में नहीं पहुंच सका है. एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को गुजरात में महज 8 फिसदी वोट मिले हैं. ऐसे में अगर एग्जिट पोल के नतीजे वास्तविक नतीजों में तबदील होते हैं तो पार्टी के लिए बड़ा धक्का होगा. चुनाव आयोग 8 दिसंबर को गुजरात चुनाव के नतीजों की घोषणा करेगा.
अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि गुजरात में दिल्ली मॉडल की तर्ज पर जनता वोट करेगी और यहां आम आदमी पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे कुछ और ही संकेत कर रहे हैं. गुजरात में आम आदमी पार्टी ने वादों की झड़ी लगा दी थी. लेकिन एग्जिट पोल बता रहे हैं कि जनता ने उनकी गारंटी वाली योजनाओं को सिरे से नकार दिया है. हालांकि, अभी चुनाव आयोग के नतीजे आने बाकी हैं.
इन मुद्दों पर डाले गए वोट
एग्जिट पोल के मुताबिक गुजरात में लोगों ने बेरोजगारी, कृषि, महंगाई, ओबीसी रिजर्वेशन, भ्रष्टाचार, मोरबी हादसा, ड्रग्स की तस्करी समेत कई अन्य मुद्दों पर वोटिंग की है. इसमें ध्रुविकरण के मुद्दे पर सिर्फ 2 फीसदी लोगों ने वोट डाला. वहीं पीएम मोदी के समर्थन और उनके विरोध के मुद्दे पर सबसे ज्यादा 34 फीसदी वोट पड़े. यहां के 16 फीसदी मतदाताओं ने सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ को ध्यान में रखकर वोट डाला. लेकिन वर्तमान विधायक के कामकाज को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 5 फीसदी लोगों ने वोटिंग की.
नहीं मिला रैली का फायदा
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के साथ आम आदमी पार्टी ने भी ताबड़तोड़ रैलियां की. पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल सबसे ज्यादा रैली करने वाले नेताओं की लिस्ट में चौथे नंबर पर रहे. उन्होंने 15 रैलियां कीं. उनके अलावा पीएम मोदी की 32 रैलियां, अमित शाह की 30 रैलियां और योगी आदित्यनाथ की 29 रैलियां हुईं.
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