Gujarat Assembly Election 2022: क्या सोमनाथ में शिव साधना से कांग्रेस का किला भेद पाएंगे PM मोदी? जानें क्या कह रहे हैं समीकरण
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Gujarat Assembly Election 2022: क्या सोमनाथ में शिव साधना से कांग्रेस का किला भेद पाएंगे PM मोदी? जानें क्या कह रहे हैं समीकरण

Ground Report on Somnath Seat: गुजरात की सोमनाथ सीट पर पिछली बार कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इस बार सोमनाथ में कमल खिलाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी कड़ी मेहनत कर रही है. सवाल है कि सोमनाथ मंदिर में शिव साधना करके क्या पीएम मोदी कांग्रेस का किला भेद पाएंगे.

Gujarat Assembly Election 2022: क्या सोमनाथ में शिव साधना से कांग्रेस का किला भेद पाएंगे PM मोदी? जानें क्या कह रहे हैं समीकरण

Ground Report on Somnath Seat in Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात का सोमनाथ मंदिर बीजेपी के राजनीतिक उभार का सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है. पार्टी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ की इसी धरती से रथयात्रा की शुरूआत की थी, जो कि अयोध्या तक जानी थी. इस रथयात्रा का मक़सद राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा था. इस रथयात्रा के सारथी नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) भी थे और कई राज्यों से यह यात्रा गुजर रही थी. जिस हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी ने लोगों को जगाने का काम किया, आखिर उस सोमनाथ (Somnath Assembly Seat) में ग्राउंड जीरो पर इस समय क्या चल रहा है ? सोमनाथ में जनता के मुद्दे क्या हैं? 2017 के चुनाव में बीजेपी सोमनाथ में सफल क्यों नहीं हो पाई थी. इस बार के चुनाव में जनता के मुद्दे क्या रहने वाले हैं.

सोमनाथ में हिंदुत्व बड़ा मुद्दा

लोगों से बात करने पर एक व्यक्ति ने कहा कि इलाके (Somnath Assembly Seat) में हिंदुत्व एक बड़ा मुद्दा है. हमार लिए हिंदुत्व चुनाव में भी एक मुद्दा है. आजाद भारत के बाद पीएम मोदी के अलावा हिंदुत्व पर किसी ने काम ने किया है. अयोध्या, महाकाल, सोमनाथ, काशी हर जगह का विकास हो रहा है. मोदी सरकार के बाद हिंदुत्व और महत्वपूर्ण हो गया है. हिंदुत्व गुजरात समेत पूरे भारत का एक अहम मुद्दा है.

जाति का समीकरण भी अहम

एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि पीएम मोदी (Narendra Modi) ने बहन बेटियों का इज़्ज़त बचाई है. अब महिलाएं देर रात तक घूम सकती हैं. उन्हें कोई हाथ नहीं लगाएगा, ये सुरक्षा मोदी ने दी है. एक वोटर ने इलाके का समीकरण समझाते हुए कहा कि यहां पर पिछले चुनाव में जीतने वाला प्रत्याशी कांग्रेस में यादव समाज से था. उनका दबदबा रहता है. वह क़द्दावर नेता रहा है. लेकिन वो इस बार बीजेपी में आ गया है. यहां पर जातीय समीकरण एक मुद्दा है. लेकिन सोमनाथ (Somnath Assembly Seat) में बीजेपी ही आनी चाहिए. 

मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन हैं पीएम मोदी

सोमनाथ मंदिर हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है. सरदार वल्लभ भाई पटेल ने यह प्रण किया था कि वो सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराएंगे. दरअसल 13 नवंबर 1947 को सरदार पटेल ने देश की जनता से वादा किया था कि वो भव्य सोमनाथ मंदिर बनवाएंगे. आज का मौजूदा सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) सरदार पटेल के द्वारा बनवाया गया है. नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के सीएम बने तो उसके बाद से लगातार सोमनाथ का कायाकल्प करने में जुटे रहे. पीएम मोदी ने सोमनाथ के विकास में कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए. इस समय पीएम मोदी सोमनाथ ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं और यहां के विकास को लेकर लगातार फैसले किए जाते है.

इलाके में कमल खिलाने की कोशिश

सोमनाथ (Somnath Assembly Seat) का सबसे बड़ा मुद्दा विकास का दिख रहा है. यहां पर लोग हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनावी चर्चा करते नजर आए हैं. सोमनाथ में जातीय समीकरण को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है. वर्ष 2017 के चुनाव में जातीय समीकरण के सहारे कांग्रेस ने सोमनाथ में शानदार सफलता हासिल की थी, इस बार देखना यह होगा कि क्या बीजेपी इस बार जातीय समीकरण फिट करने में सफल हो पाएगी. यही वजह है कि सोमनाथ में दर्शन पूजन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने बड़ी जनसभा को संबोधित किया. सोमनाथ में बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुक़ाबला दिखाई पड़ता है. 

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