Cheetah in Kuno: सितंबर के मीहने में नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकी चीते छोड़े गए थे. इनमें से तीन चीतों को अब तक क्वारंटाइन क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में पहुंचा दिया गया है.
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Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के आने के बाद अब एक और खुशखबरी सामने आई है. यह नेशनल पार्क अब रोजगार पैदा करने के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है. कूनो नेशनल पार्क के लिए अब 60 लोगों को तैयार किया जाएगा, जो यहां आने वाले लोगों को गाइड के रूप में मदद कर सकेंगे. इस दिशा में कोशिश शुरू हो चुकी है. खास बात ये है कि 60 की संख्या में 30 लोग सहरिया आदिवासी समुदाय से हैं.
इस पूरी प्रक्रिया के लिए 60 लोगों का चयन किया गया है. ये सभी कूनो नेशनल पार्क के आस-पास बसे गांव के निवासी हैं. इन्हें पहले चरण के लिए चयनित किया गया है, जिसके तहत इन्हें बेसिक ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके बाद सिलसिलेवार इन्हें पूरी तरह ट्रेंड किया जाएगा ताकि ये यहां आने वाले सैलानियों को बेहतर जानकारी और सुरक्षित वातारण दे पाने में सफल साबित हों.
अलग-अलग स्थानों पर हो रही ट्रेनिंग
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में सभी 60 लोगों को अलग-अलग स्थानों पर ट्रेंड किया जा रहा है. ट्रेनिंग के दौरान इन्हें चीतों के साथ-साथ अन्य जानवरों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. साथ ही इन्हें कून नेशनल पार्क के बारे में भी बताया जा रहा है. ट्रेनिंग के दौरान नेशनल पार्क की छोटी से छोटी बात को लेकर भी इन्हें ट्रेंड किया जा रहा है.
कूनो नेशनल पार्क के अधिकारी पीके वर्मा के मुताबिक गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है जिसके तहत 60 युवाओं को लास्ट बिल्डर्नस फाउंडेशन के माध्यम से नौकरी देने के लिए गाइड बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इनकी ट्रेनिंग में बेंगलुरु और मुंबई के कई ट्रेनर शामिल हैं. ट्रेनर की कोशिश है कि चयनित स्थानीय लोगों को इस तरह से तैयार किया जाए जिससे वो यहां आने वाले पर्यटकों को छोटी से छोटी और दिलचस्प जानकारी दे सकें.
सितंबर में नामीबिया से भारत पहुंचे थे ये चीते
सितंबर के मीहने में नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकी चीते छोड़े गए थे. इनमें से तीन चीतों को अब तक क्वारंटाइन क्षेत्र से निकालकर बड़े बाड़े में पहुंचा दिया गया है. बाकी 5 चीतों को भी चरणबद्ध तरीके से इसी महीने बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, बड़े बाड़े में भेजे जाने के एक या दो महीने बाद इन चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाएगा. बता दें कि पीएम मोदी ने 17 सितंबर को इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था.