Zee News की खबर का असर, दवा कंपनियों को QR कोड में देना होगा हर एक ब्योरा; सरकार का फैसला
Advertisement
trendingNow11447404

Zee News की खबर का असर, दवा कंपनियों को QR कोड में देना होगा हर एक ब्योरा; सरकार का फैसला

Drug Brands QR Codes: केंद्र सरकार ने दवा कंपनियों के लिए QR कोड में दवा का हर ब्योरा देने का आदेश जारी किया है. केंद्र सरकार ने आज शनिवार को दवाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है.

Zee News की खबर का असर, दवा कंपनियों को QR कोड में देना होगा हर एक ब्योरा; सरकार का फैसला

Drug Brands QR Codes: केंद्र सरकार ने आज शनिवार को दवाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दवा ब्रांडों के लिए प्रामाणिकता और पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड पेश करने का फैसला लिया है. इस साल जून में जारी मसौदा अधिसूचना को अब अंतिम रूप दिया गया है. इस फैसले से पहले दवा निर्माता कंपनियों ने इसे लागू करने के लिए 18 महीने (अंतिम अधिसूचना की तारीख से) का समय मांगा था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए Drug and Cosmetics Act, 1940 में आवश्यक संशोधन किए हैं.

क्या कहा था स्वास्थ्य मंत्रालय ने?

मार्च में मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स (डीओपी) से दवा ब्रांडों को शॉर्टलिस्ट करने को कहा था जिन्हें अनिवार्य क्यूआर कोड के कार्यान्वयन के लिए शामिल किया जा सकता है. इस क्यूआर कोड में दवा का उचित और सामान्य नाम, ब्रांड नाम, निर्माता का नाम और पता, बैच संख्या, मैन्यूफैक्चरिंग डेट, एक्सपायरी डेट और विनिर्माण लाइसेंस संख्या शामिल होगी.

फार्मा कंपनियों ने क्या कहा था?

इस साल की शुरुआत में केंद्र ने कहा था कि सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) या थोक दवाएं जो भारत में आयातित पर निर्मित होती हैं, प्रत्येक स्तर पर इसके लेबल पर एक क्यूआर कोड होगा. फार्मा कंपनियों ने कहा था कि यह एक अच्छा कदम है, लेकिन इसके कार्यान्वयन में कुछ शुरुआती चुनौतियां होंगी.

यहां पढ़ें फैसले की बड़ी बातें

-दवा निर्माता कंपनियों को QR कोड लगाना अनिवार्य होगा
-Schedule H2 / QR कोड लगाना होगा 
-QR में Unique Identification कोड होगा
-दवा का नाम और Generic नाम बताना होगा
-ब्रांड और निर्माता की जानकारी
-बैच नंबर अनिवार्य होगा
-उत्पादन और Expiry की तारीख बताना होगा
-लाइसेन्स की जानदारी देनी होगी

डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा था?

इस क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) नकली दवाओं को लेकर चिंता जताई थी. डब्ल्यूएचओ के पहले के एक अनुमान के अनुसार वैश्विक स्तर पर बेची जाने वाली नकली दवाओं में से लगभग 35 प्रतिशत भारत से आती हैं.

ये स्टोरी आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news