DNA: ईडी केस हार रही है क्या? दिल्ली शराब घोटाले की सबसे कमजोर कड़ी जान लीजिए
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DNA: ईडी केस हार रही है क्या? दिल्ली शराब घोटाले की सबसे कमजोर कड़ी जान लीजिए

ED News: आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि संजय सिंह की जमानत से दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल की रिहाई की राह भी खुल गई है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है ? इस सवाल का जवाब खुद सुप्रीम कोर्ट ने दिया है.

DNA: ईडी केस हार रही है क्या? दिल्ली शराब घोटाले की सबसे कमजोर कड़ी जान लीजिए

Delhi Liquor Policy Case: क्या दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच कर रही ED का केस..अदालत में कमजोर पड़ रहा है ?..ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह..जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए है. और अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

तो अब सवाल ये है कि क्या संजय सिंह के बाद CM अरविंद केजरीवाल को राहत मिल पाएगी ? आज DNA में हम इसी सवाल का विश्लेषण करेंगे. लेकिन सबसे पहले हम इस केस में तीन बड़े अपडेट जान लीजिए.

संजय सिंह आज जेल से बाहर आ चुके हैं..
पहला अपडेट ये है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आज तिहाड़ जेल में शराब घोटाले के आरोपी..AAP सांसद संजय सिंह आज जेल से बाहर आ चुके हैं. जिनके स्वागत में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और दिल्ली सरकार के मंत्री..तिहाड़ जेल के बाहर मौजूद थे. संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने तीन बड़ी शर्तों पर जमानत दी है. पहली शर्त - वो इस केस से जुड़ा कोई बयान नहीं देंगे. दूसरी शर्त - बिना इजाजत दिल्ली-NCR से बाहर नहीं जा सकेंगे. और तीसरी शर्त - देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे. लेकिन जेल से बाहर आते ही संजय सिंह ने पहली ही शर्त तोड़ दी है..

केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई..
दूसरा अपडेट ये है कि आज दिल्ली हाईकोर्ट में CM अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई हुई. करीब पांच घंटे चली सुनवाई के दौरान ED ने CM केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज़ ठहराया. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

और तीसरा अपडेट ये है कि बीते मंगलवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा था कि 6 महीने में जांच पूरी कर लें. ये अवधि बीत जाने के बाद भी जांच एजेंसी मनीष सिसोदिया पर कोई आरोप साबित नहीं कर पाई. अब सिसोदिया की जमानत पर 6 अप्रैल को सुनवाई होगी.

आम आदमी पार्टी के लिए राहत..
ये तीनों ही खबरें आम आदमी पार्टी के लिए राहत लेकर आईं हैं. आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि संजय सिंह की जमानत से दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल की रिहाई की राह भी खुल गई है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है ? इस सवाल का जवाब खुद सुप्रीम कोर्ट ने दिया है..

संजय सिंह को जमानत देने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने Clear कर दिया है कि संजय सिंह को दी गई जमानत को उदाहरण के तौर पर नहीं लिया जाएगा. यानी, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ये दलील नहीं दे सकते कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दी है इसलिए केजरीवाल और सिसोदिया को भी जमानत दी जानी चाहिए. और आसान शब्दों में कहें तो संजय सिंह की जमानत...केजरीवाल और सिसोदिया की जमानत का आधार नहीं बन सकती...

और ऐसा क्यों है.
पहला Point तो ये है कि..
संजय सिंह को मिली जमानत में बड़ी भूमिका इस बात की है कि सुप्रीम कोर्ट में ED ने संजय सिंह की जमानत का विरोध नहीं किया. जबकि मनीष सिसोदिया ने जब-जब..जिस भी कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है..ED ने उसका विरोध किया है. ED का यही रुख CM केजरीवाल के केस में भी है.

ध्यान देने वाला दूसरा Point ये है कि संजय सिंह के खिलाफ सिर्फ शराब घोटाले का पैसा लेने के आरोप में PMLA का केस है. उनपर शराब घोटाले में शामिल होने का चार्ज नहीं है. जबकि मनीष सिसोदिया और केजरीवाल..दोनों के खिलाफ PMLA के साथ-साथ शराब घोटाले को अंजाम देने का भी केस है जिसकी जांच CBI कर रही है.

ये दो मुख्य बातें हैं..जो मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जाती हैं जिनके आधार पर ये माना जा सकता है कि उन्हें अभी जमानत मिलना मुश्किल है. लेकिन नामुमकिन नहीं है. अब इसकी वजह आपको बताते हैं. मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर Trial में देरी हो तो आरोपी जमानत की अर्जी दाखिल कर सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर Trial में देरी हो रही है तो PMLA की धारा 45 के आधार पर जमानत दिए जाने के अधिकार पर कोई रोक नहीं है. लेकिन इसके बावजूद मनीष सिसोदिया..एक साल से ज्यादा वक्त से जेल में हैं. और इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि ED ने हर बार मनीष सिसोदिया की जमानत का विरोध किया है. लेकिन कानून के जानकार कहते है कि संजय सिंह की जमानत के लिए जो ग्राउंड्स बताए गए हैं..उनको आधार बनाकर अब मनीष सिसोदिया और CM केजरीवाल अपनी जमानत मांग सकते हैं...

भले ही आम आदमी पार्टी को लग रहा है कि संजय सिंह की रिहाई के बाद मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. लेकिन जहां तक CM केजरीवाल का सवाल है तो उन्हें जेल में ही रखने के लिए ED ने आज दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जिस पर आज सुनवाई हुई. केजरीवाल की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी और ED की तरफ से ASG एस.वी राजू ने पैरवी की..

पांच घंटे चली सुनवाई के दौरान CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ED..Back Foot पर जाती दिखी. सुनवाई के दौरान ED की दलीलें सुनने के बाद ऐसा लगा कि जैसे ED कैसे भी करके..CM केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही साबित करना चाहती है. अब आपको इसके कुछ उदाहरण बताते हैं.

CM केजरीवाल की पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान अपनी दलीलों की शुरुआत CM केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए की. सिंघवी ने कहा कि घोटाला काफी पहले सामने आया. लेकिन इलेक्शन के बीच में गिरफ्तारी क्यों हो रही है ? यहां गिरफ्तारी सिर्फ और सिर्फ अपमानित करने और नीचा दिखाने के लिए की गई है. केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह निश्चित हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में नहीं शामिल हो पाएंगे।

पहला समन अक्टूबर 2023 को भेजा गया और गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई. इससे दुर्भावना की बू आती है और इससे हमारे मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है.
केजरीवाल के वकील सिंघवी की इन दलीलों का सार ये था कि...

ED ने अक्टूबर 2023 में पहला समन भेजने के बाद ही CM केजरीवाल को गिरफ्तार क्यों नहीं किया ?
CM केजरीवाल की गिरफ्तारी चुनावों की घोषणा के बाद ही क्यों की गई ?
CM केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग का बचाव करते हुए ED ने तीन उदाहरण देकर अपनी दलीलें पेश कीं...

ED ने पहली दलील दी -
एक आतंकवादी का केस मान लीजिए. आप आर्मी की गाड़ी उड़ा देंगे और कहेंगे कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं..इसलिए मुझे छू नहीं सकते. ये किस तरह की बहस है.

ED ने दूसरी दलील दी -
आप पूरे देश को लूट लेंगे, लेकिन कोई आपको छू नहीं सकता, क्योंकि चुनाव आ रहे हैं.

ED ने तीसरी दलील दी -
अपराधी और आरोपी ये नहीं कह सकते कि हम गुनाह करेंगे और हमें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, क्योंकि चुनाव हैं.

ED ने चौथी दलील दी -
मान लीजिए कोई इलेक्शन से 2 दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा ? आप मर्डर करेंगे और कहेंगे कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे मूलभूत ढांचे को नुकसान होगा.

ED की दलीलों से पता चलता है कि वो दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच करने के लिए कितनी गंभीर है..लेकिन सवाल ये है कि क्या ED के लिए एक आतंकवादी हमले का केस और कथित शराब घोटाले का केस एक बराबर है ? क्या ED के लिए मर्डर के आरोपी और कथित शराब घोटाले में आरोपी Sitting CM केजरीवाल में कोई अंतर नहीं है ?

CM केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर हुई रोचक बहसबाजी के अलावा एक और मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट में ED और CM केजरीवाल के वकीलों में गर्मागर्म बहस हुई...मुद्दा था केजरीवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के सबूत...

CM केजरीवाल के वकील ने ED की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि..
इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे. ऐसे में ये कहना कि दिल्ली के मुख्यमंत्री हवाला Transcation कर रहे होंगे, ये हास्यास्पद और निरर्थक है.
इस दलील के बचाव में ED के वकील ASG राजू ने कहा कि हमने इस Money Trail का पता लगाया है. इस पैसे का इस्तेमाल कर लिया गया होगा और इसलिए पैसा नहीं मिल रहा है.

यानी ED ने ये मान लिया है कि उसे अभी तक घोटाले के पैसे का कोई अता-पता नहीं मिला है. लेकिन फिर भी ASG राजू दावा कर रहे हैं कि ED ने Money Trail का पता लगा लिया है..लेकिन कैसे ? इसका जवाब भी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान देते हुए ASG राजू ने कहा कि..

ED के पास Whatsapp Chats हैं. हवाला ऑपरेटर्स के बयान हैं. ऐसा नहीं है कि हम अंधेरे में तीर चला रहे हैं. हमारे पास बड़े पैमाने पर इनकम टैक्स का डेटा भी है. अब दिलचस्प बात ये है कि कथित शराब घोटाले की जिस Money Trail का पता लग जाने का दावा ED कर रही है..वो Whatsapp Chats और हवाला Operators की गवाहियों पर आधारित है. विरोधाभास देखिये कि एक तरफ तो ED कह रही है कि घोटाले के पैसे का लेन-देने हवाला के जरिये हुआ. और दूसरी तरफ ये भी कह रही है कि उसके पास Money Trail को साबित करने वाला इनकम टैक्स डेटा भी है. तो सवाल ये है कि क्या घोटाले के पैसे को हवाला के जरिये लेकर..क्या इनकम टैक्स रिटर्न में दर्शाया गया होगा ?

इससे पता चलता है कि शराब घोटाले की जांच कर रही ED को..Money Trail साबित करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन बीजेपी नेताओं को पूरा Confidence है कि ED..कथित शराब घोटाले में Money Trail पेश कर देगी..

ED..कोर्ट में CM केजरीवाल को शराब घोटाले का किंग पिन बता रही है. और कोर्ट के बाहर BJP..CM केजरीवाल को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बता रही है. कोर्ट में CM केजरीवाल..शराब घोटाले की जांच को BJP की साजिश बता रहे हैं और कोर्ट के बाहर आम आदमी पार्टी..इसे बीजेपी की साजिश बता रही है.

आज हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान CM केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक और दावा किया है..और इस जांच का पूरा Flow Chart बताया है. सिंघवी के मुताबिक..

आरोपियों के शुरुआती बयानों में CM केजरीवाल का नाम कहीं नहीं आता.

बयान लेने के बाद कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाता है.

गिरफ्तार आरोपियों में से कई..CM केजरीवाल का नाम ले लेते हैं.

CM केजरीवाल का नाम लेने के बाद आरोपियों को जमानत मिल जाती है. और उन्हें माफी दिलवाकर ED उन्हें सरकारी गवाह बना लेती है.

CM केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के बाद आरोपी से सरकारी गवाह बने एक शख्स को आंध्र प्रदेश में बीजेपी-टीडीपी अलायंस से लोकसभा का टिकट मिल जाता है. जबकि एक अन्य सरकारी गवाह..सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को Electoral Bond से चंदा देता है.

शराब घोटाले केस में पहले आरोपी और बाद में सरकारी गवाह बने एस. मंगुटा रेड्डी को आंध्र प्रदेश में टीडीपी से लोकसभा का टिकट मिला है..और टीडीपी का बीजेपी के साथ गठबंधन है. और ये तो आपको पता ही होगा कि एक अन्य आरोपी शरत रेड्डी ने अपनी गिरफ्तारी और सरकारी गवाह बनने के बाद बीजेपी को ELectoral Bonds के जरिये 30 करोड़ रुपये का चंदा दिया था.

इन तथ्यों के आधार पर आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि दिल्ली में कथित शराब घोटाला..बीजेपी की कल्पना का नतीजा है..और ED जांच का मकसद..AAP को लोकसभा चुनाव के दौरान नुकसान पहुंचाना है. अब इन दावों में कितना दम है..ये तो कोई जांच एजेंसी ही पता कर सकती है. लेकिन शराब घोटाले में ED की जांच पर अब सवाल उठने शुरु हो गये हैं.

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