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DNA Analysis: आज का दिन महाराष्ट्र और देश की राजनीति के लिए अभूतपूर्व है. आज महाराष्ट्र में एक के बाद एक दो ऐसे बड़े फैसले हुए, जिनकी शायद ही किसी ने कल्पना की थी. पहला, बीजेपी ने बड़ा दिल दिखाते हुए 58 साल के एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री बना दिया और दूसरा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस सरकार में डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली. ये वो दो बड़े फैसले हैं, जो महाराष्ट्र के साथ देश में एक नई राजनीतिक की शुरुआत कर सकते हैं. इसलिए आज हम महाराष्ट्र की इसी Super Thriller Flim का रिव्यू करेंगे.
क्या नाराज हैं देवेंद्र फडणवीस?
उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद से हर कोई ये मानकर बैठा था कि अब देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन इस कहानी में Twist तब आया, जब देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये ऐलान किया कि मुख्यमंत्री का पद उन्हें नहीं बल्कि एकनाथ शिंदे को दिया गया है. इस ऐलान ने इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम को नया मोड़ दे दिया. हालांकि इस मोड़ के आगे एक यू-टर्न भी था. असल में जब देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान किया, तब उन्होंने ये बात भी कही कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे और इसके बाद से ये चर्चा तेज हो गई कि क्या फडणवीस मुख्यमंत्री नहीं बनने से नाराज हैं?
इन तमाम ख़बरों के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी एक बयान आया, जिसमें उन्होंने देवेंद्र फडणवीस से सरकार में शामिल होने की अपील की और कहा कि उन्हें सरकार में डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने भी देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की और अपने एक ट्वीट में ये बताया कि फडणवीस ने बड़ा दिल दिखाते हुए सरकार में बतौर डिप्टी सीएम काम करने का निर्णय लिया है.
डिप्टी CM बनाने के पीछे बीजेपी की रणनीति
यानी इन तमाम राजनीतिक घटनाओं के बीच कुछ तो ऐसा हुआ, जिससे ऐसा लगता कि देवेंद्र फडणवीस सीएम नहीं बनने से नाराज थे. आपको भी इससे ऐसा ही लगेगा. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि देवेंद्र फडणवीस को एकनाथ शिंदे का डिप्टी बनाने के पीछे बीजेपी की क्या सोच है. अब बड़ा सवाल यही है कि महाराष्ट्र बीजेपी के कैप्टन देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे की सरकार में वाइस कैप्टन कैसे बने? आखिर इस फैसले के पीछे बीजेपी की सोच क्या है? इसे आप तीन Points में समझ सकते हैं.
पहला: एकनाथ शिंदे पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने हैं. यानी उनके पास अभी सरकार चलाने का अनुभव नहीं है. ऐसे में गठबन्धन सरकार में संतुलन स्थापित करना और बागी विधायकों को एकजुट करके रखना एकनाथ शिंदे के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता था. इसलिए बीजेपी ने तय किया कि देवेंद्र फडणवीस इस सरकार का हिस्सा होंगे. आप ये भी कह सकते हैं कि सरकार एकनाथ शिंदे की होगी. लेकिन पर्दे के पीछे से इस सरकार को चलाने के लिए जो दिमाग चाहिए, वो दिमाग देवेंद्र फडणवीस का होगा.
दूसरा: महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव 2024 में होंगे. यानी इन चुनावों में अब सिर्फ ढाई साल बचे हैं. इसलिए सरकार और संगठन के स्तर पर विचारधारा से कोई समझौता ना हो और सरकार में बीजेपी का भी बराबर प्रभाव रहे, इसलिए देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी ने ऐसा बिहार से सबक लेते हुए किया है. बिहार में बीजेपी और JDU की सरकार है. इस सरकार में उसके दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं. लेकिन इसके बावजूद बिहार की सरकार में बीजेपी का ज्यादा प्रभाव नहीं है. इसलिए बीजेपी चाहती थी कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में उसका कोई ऐसा बड़ा नेता हो, जो सरकार को सीधे तौर पर प्रभावित कर सके और पार्टी की ताकत को भी कम ना होने दे. इसीलिए देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया.
तीसरा: देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाने से बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाराज होने का खतरा था. इसकी वजह से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खुद सामने आकर इस बात का ऐलान किया कि देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बनेंगे.
देखें वीडियो:
#DNA : फडणवीस मुख्यमंत्री क्यों नहीं बने?@irohitr
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— Zee News (@ZeeNews) June 30, 2022