Crime News: मां का गला रेतकर चेहरा गंगाजल से धोया, लाश के पास पढ़ा पाठ; छोड़ गया 77 पन्नों का सुसाइड नोट
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Crime News: मां का गला रेतकर चेहरा गंगाजल से धोया, लाश के पास पढ़ा पाठ; छोड़ गया 77 पन्नों का सुसाइड नोट

Delhi Crime News: मरने से पहले उसने मां की सहेली को फोन पर उनकी (मां) हत्या और खुद के मरने की जानकारी दी, जिसके बाद मृतक महिला की सहेली ने इलाके की कुछ महिलाओं को फोन पर जानकारी दी.

Crime News: मां का गला रेतकर चेहरा गंगाजल से धोया, लाश के पास पढ़ा पाठ; छोड़ गया 77 पन्नों का सुसाइड नोट

Delhi Murder and Suicide Case: दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-24 में मां की हत्या करने के बाद युवक ने अपना गला रेतकर आत्महत्या कर ली. मरने से पहले उसने मां की सहेली को फोन पर उनकी (मां) हत्या और खुद के मरने की जानकारी दी, जिसके बाद मृतक महिला की सहेली ने इलाके की कुछ महिलाओं को फोन पर जानकारी दी. इसके बाद लोगों ने बुद्धविहार थाने की पुलिस को बताया कि पॉकेट 18 के घर से बदबू आ रही है.

जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो पाई कि दरवाजा अंदर से लॉक था. पुलिस बॉलकनी में लगे दरवाजे को तोड़कर घर में दाखिल हुई तो खून से लथपथ महिला का शव विक्षिप्त हालात में बाथरूम में पड़ा था और पास ही एक 25 साल के युवक का शव भी लहूलुहान हालत में पड़ा था. मृतक महिला का नाम मिथलेश है और बेटे का नाम क्षितिज उर्फ सोनू है.

छोड़ गया 77 पेज का सुसाइड नोट
 
घटनास्थल से पुलिस को 77 पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला, जिसे क्षितिज ने लिखा. उसने नोट में मरने से पहले हर लम्हा और हर पीड़ा उसमें लिखी है. आखिर क्या ऐसा हुआ की एक बेटे को उसकी मां की हत्या के बाद सुसाइड करना पड़ा, आखिर वो कौनसी वजह थी जो किसी को इतना बेबस और मजबूर कर दे कि जिस मां के आंचल की छाव में बचपन से बड़ा हुआ उसी की हत्या के बाद उसकी लाश के साथ 3 दिन गुजारने के बाद चौथे दिन खुद को भी मौत की आगोश में सौंप दिया. हम आपको मौत से पहले लिखे गए कुछ दर्द के पन्नों से रूबरू करवाएंगे जिसमे क्षितिज ने अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है.  

तारीख 4 सितंबर 2022, दिन रविवार. क्षितिज के द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट घटनास्थल से बरामद हुआ. क्षितिज के अनुसार पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी थी, जिसके बाद मां मिथलेश घर का खर्च चलाने के लिए सिलाई का काम करती थी जिसके चलते क्षितिज , आर्थिक तंगी, गरीबी और अकेलेपन से जूझ रहा था. वो डिप्रेशन का शिकार भी हो गया था. डिप्रेशन की दवाई का खर्च भी बढ़ता जा रहा था. जॉब लगने की उम्मीद और आस की ढोर टूटती जा रही थी. उसने खुद की जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय लिया लेकिन फिर उसे याद आई अपनी मां मिथलेश की जो हर रविवार को सहेली के साथ सत्संग जाया करती थी. उसे लगा कि पति की मौत का दर्द मां के दामन को अभी भी भिगो देता है. आंखों से आंसू दर्द बनकर झलक जाते हैं वो मां पति की मौत के बाद बेटे की मौत का गम कैसे सेह पाएगी.

कैसे अपने कलेजे के टुकड़े की यादों को भुला सकेगी. बाद में मां का क्या होगा, वो यही सवाल उसे सुसाइड से पहले बहुत परेशान कर रहे थे. लिहाजा क्षितिज ने इन सब बातों से त्रस्त होकर एक दर्द भरा फैसला लिया जिसमें उसने खुद की मौत से पहले मां को इस दुनिया से विदा करने का निर्णय लिया ताकि क्षितिज की मौत के बाद मां को दुनिया का कोई दुःख न सता सके, जिसके बाद उसने दिल पर पत्थर रखकर गुरुवार को मां का गला घोंटकर मारने की योजना बनाई, जिसके लिए उसने बाइक की केबल का प्रयोग किया. केबल से गला दबाकर मां को मौत की नींद सुला दिया. मां नीचे गिरी तो शव को अपनी गोदी में रखकर चीख चीख कर रोया. रात हो गई तो पापा की याद आने लगी. माता पिता के साथ गुजरा बचपन का हर पल, हर ख़ुशी, हर गम उसके सामने एक फिल्म की तरह दिखने लगा. रात कब गुजरी और कब शुक्रवार की सुबह हो गई पता भी नहीं चला. उसने मां का चेहरा गंगाजल से धोया और टकटकी लगाकर मां की ख़ामोशी को निहारता रहा. 

मां की आत्मा को शांति देने के लिए उसने मां की लाश के पास धार्मिक पाठ भी किया. अब खुद को मारने के लिए उसने मार्केट से इलेक्ट्रिक कटर लिया. घर आकर उस कटर से मां की गर्दन को काट दिया .लाश को बाथरूम तक घसीट कर ले गया और फिर से लाश के पास बैठकर रोने लगा. भूखा प्यासा दो दिन से लाश के पास हर वो लम्हा याद करता रहा शनिवार सुबह मां की लाश से बदबू फ़ैल चुकी थी. बदबू को रोकने के लिए क्षितिज ने अगरबत्ती का इस्तेमाल किया. बाथरूम का दरवाजा भी बंद कर दिया, लेकिन बदबू पूरी तरह फ़ैल चुकी थी और बदबू रोकने के तमाम तरीके नाकाफी साबित हो रहे थे. रातभर रोने के बाद रविवार की वो सुबह भी आई जब उसने अपने सुसाइड नोट के आखिरी पन्ंनो में अपना दर्द लिखना था.

रविवार को मां मिथलेश की सहेली ने सत्संग जाने के लिए कई बार उनको फोन किया. जब मां का फोन नहीं उठा तो क्षितिज के फोन पर मां की सहेली का फोन आया. उसने लिखा कि मां का जिक्र सुनते ही फिर से उसकी आंख भर गईं. उसने मां की सहेली को बताया कि उसने अपनी मौत से पहले अपनी मां को गुरुवार को ही मार दिया है और अब वो खुद भी मौत को गले लगाने जा रहा है. मां की पापा को जब सबसे जायदा जरूरत थी. तब पापा उन्हें छोड़कर चले गए. शायद मेरी मौत का गम मां नहीं सेह पाती इसलिए मैं खुद को भी मारने जा रहा हूं,जिसके बाद क्षितिज ने अपना भी गला रेतकर आत्महत्या कर ली. 

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