Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई (AQI) 500 पहुंच गया है, जिसके बाद लोगों सांस लेने में दिक्कत होने लगी है. इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हमें लगता है अब वो समय आ गया है कि दिल्ली के अंदर आर्टिफिशियल रेन करवाई जाए.
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Artificial Rain in Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन के लेवल ने लोगों का जीना दुभर कर दिया है. दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई (AQI) 500 पहुंच गया है, जिसके बाद लोगों सांस लेने में दिक्कत होने लगी है. इस बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्री को कृत्रिम बारिश (Artificial Rain) के लिए एक बार फिर चिट्ठी लिखी है. गोपाल राय का कहना है कि दिल्ली में वाहनों पर लगातार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं और स्मॉग की चादर को हटाने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं.
क्या दिल्ली में कराई जाएगी आर्टिफिशियल रेन?
गोपाल राय (Gopal Rai) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को अगस्त से ही लगातार चिट्ठियां लिखी जा रही हैं. एक बार ऑनलाइन मीटिंग भी हुई, लेकिन अब केंद्र सरकार के मंत्री मीटिंग करने को ही तैयार नहीं है. जबकि, दिल्ली सरकार ने आर्टिफिशियल रेन की सारी तैयारी पहले से कर रखी है. गोपाल राय ने कहा है कि पिछले तीन दिनों से पूरे उत्तर भारत में चाहे वो उत्तर प्रदेश हो, दिल्ली हो, पंजाब हो, राजस्थान और बिहार तक स्मॉग की चादर आसमान में फैली हुई है. ऐसे में दिल्ली के अंदर और दिल्ली के चारों तरफ ग्रैप 4 नियम लागू कर दिए गए हैं.
आर्टिफिशियल रेन के लिए कितनी तैयार दिल्ली?
गोपाल राय ने बताया है कि हम ये कोशिश कर रहे हैं कि गाड़ियों पर ज़्यादा से ज़्यादा प्रतिबंध लगाया जाए. ये जो स्मॉग की चादर छाई हुई है इसे कैसे तोड़ा जाए. इसलिए हमें लगता है अब वो समय आ गया है कि दिल्ली के अंदर आर्टिफिशियल रेन करवाई जाए. इसके लिए इस साल हमने अगस्त में ही तैयारी शुरू कर दी थी. ताकि जब स्थिति खराब हो तो उस पर काम किया जा सके.
गोपाल राय (Gopal Rai) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हम केंद्र सरकार को लंबे समय से चिट्ठी लिख कर उनसे टाइम मांग रहे हैं. एक बार उनसे ऑनलाइन मीटिंग हुई थी. ऐसे में बहुत ही दुख के साथ हमें कहना पड़ रहा है कि आज ऐसी सरकार केंद्र में बैठी है जिसके पास अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और आज नवंबर में भी बार-बार चिट्ठी लिखने पर एक मीटिंग बुलाने के लिए समय नहीं है. शायद हमने विदेश में किसी दूसरे देश के मंत्री को इतनी चिट्ठी लिखी होती तो वो बैठक बुला लेते. मैं देश के प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं की अपने मंत्री साहब से बोलें कि मीटिंग तो बुलाएं.
केंद्र सरकार पर लगाए मीटिंग नहीं करने के आरोप
केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को भेजे गए अपने पत्र में गोपाल राय ने लिखा है कि यह चौथा पत्र है, सर्दियों के महीनों के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता के संबंध में। जब धुंध और पर्यावरणीय गिरावट के कारण वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बढ़ जाता है और क्लाउड सीडिंग को एक आपातकालीन उपाय के रूप में माना जाता है। आज की तारीख में दिल्ली में एक्यूआई पहले ही 450 के स्तर को पार कर चुका है और ग्रेप-IV लागू कर दिया गया है और ग्रेप -IV के तहत सभी उपाय दिल्ली में सख्ती से किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार पहले ही शीतकालीन कार्ययोजना लागू कर चुकी है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल राहत के लिए वैकल्पिक समाधान तलाशने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
कैसे कराई जाती है आर्टिफिशियल रेन?
बता दें कि क्लाउड सीडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें वातावरण से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम रूप से बारिश कराई जाती है. दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर की मदद से पिछले साल ऐसे महत्वपूर्ण समय के दौरान कृत्रिम रूप से बारिश कराने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकालीन उपाय के रूप में क्लाउड सीडिंग की खोज की थी और देखा कि इसे लागू करने के लिए विभिन्न एजेंसियों से पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है.
गोपाल राय ने कहा कि यह देखते हुए कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ गई है, मेरा मानना है कि वर्तमान स्थिति में इस पद्धति के उपयोग पर तुरंत विचार करने की आवश्यकता है. अपने पत्र में गोपाल राय ने लिखा, 'मैं एक बार फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि क्लाउड संचालन के लिए एनओसी/मंजूरी जारी करने में शामिल दिल्ली सरकार, आईआईटी कानपुर और अन्य सभी केंद्रीय सरकारी विभागों/एजेंसियों जैसे डीजीसीए, एमएचए, रक्षा मंत्रालय आदि के साथ तुरंत एक आपातकालीन बैठक बुलाएं.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)