Yamuna Pollution: गुरुग्राम से प्रतिदिन एक लाख क्यूसेक प्रदूषित पानी नजफगढ़ ड्रेन से यमुना में डाली जा रही है. इससे नदी की गंदगी और बढ़ती जा रही है.
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Yamuna Pollution: यमुना में बढ़ता प्रदूषण राजधानी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, नदी का पानी प्रतिदिन जहरीला होता जा रहा है. इसका एक सबसे बड़ा कारण गुरुग्राम है. गुरुग्राम से प्रतिदिन एक लाख क्यूसेक प्रदूषित पानी नजफगढ़ ड्रेन में छोड़ा जा रहा है. यही प्रदूषित पानी यमुना को और जहरीला बना रही है. हालांकि जिला उपायुक्त की मानें तो जीएमडीए और नगर निगम एक दूरगामी योजना पर काम रही है, जिसके बाद नजफगढ़ ड्रेन में बिना ट्रिटिड पानी नहीं छोड़ा जाएगा.
सफाई के लिए हो रहे प्रयास
डीसी गुरुग्राम के अनुसार यमुना की सफाई के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं. वहीं, एसटीपी धनवापुर को तकनीकी तौर पर और बेहतर करने के प्रयास जारी हैं . इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जीएमडीए और नगर निगम दोनों विभाग यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि बिना ट्रिटिड पानी नजफगढ़ ड्रेन में न छोड़ा जाए. अगर ऐसा होता है तो यमुना की सफाई में काफी हद तक मदद मिलेगी. इसके साथ ही पानी की सफाई होने से आसपास के लोगों को दुर्गंध जैसी परेशानियों से निजात मिलेगी.
उप-राज्यपाल ने किया था मुआयना
बता दें कि बीते दिनों दिल्ली के उप-राज्यपाल ने नजफगढ़ ड्रेन का मुआयना किया था. इस दौरान पानी के मानकों (BOD) की जांच भी की गई थी. जांच में कहीं यह मानक 40 था तो कहीं 45. इसके साथ ही कहीं-कहीं तो हालात इससे भी बदतर थे. डीसी गुरुग्राम की मानें तो नजफगढ़ ड्रेन को साफ करना, डिसिल्टिंग करना और इसके मानकों को 10 BOD तक लेकर आना चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसको लेकर जीएमडीए और नगर निगम एक दूरगामी योजना पर काम कर रहे हैं. योजना के तहत साइबर सिटी में 100 से ज्यादा एसटीपी बनाए जाने हैं जिसके बाद नजफगढ़ ड्रेन में बिना ट्रिटिड पानी को नहीं छोड़ा जाएगा.
दिल्ली सरकार का आरोप
दरअसल, यमुना की सफाई के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी समय-समय पर दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को घेरती नजर आती है. इसके साथ ही यमुना के मुद्दों पर लगातार दिल्ली में विपक्ष और सरकार में तनातनी बनी रहती है.
इनपुट- देवेंद्र भारद्वाज