UP नगर निगम चुनाव में OBC को आरक्षण दिया जाए या नहीं, गाजियाबाद में चर्चा
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UP नगर निगम चुनाव में OBC को आरक्षण दिया जाए या नहीं, गाजियाबाद में चर्चा

उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग (OBC Ayog) अब एक्शन मोड में आ गया है. चुनाव में आरक्षण मामले पर गंभीरता से चिंतन मनन करने और अन्य तैयारियों को लेकर आगामी मेरठ कमिश्नरी की गाजियाबाद में एक अहम बैठक हो रही है.

UP नगर निगम चुनाव में OBC को आरक्षण दिया जाए या नहीं, गाजियाबाद में चर्चा

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग (OBC Ayog) अब एक्शन मोड में आ गया है. चुनाव में आरक्षण मामले पर गंभीरता से चिंतन मनन करने और अन्य तैयारियों को लेकर आगामी मेरठ कमिश्नरी की गाजियाबाद में एक अहम बैठक हो रही है. जानकारों की मानें तो यह बैठक बेहद ही महत्वपूर्ण साबित होने वाली है.

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उत्तर प्रदेश में OBC आरक्षण को लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग की आज दोपहर गाजियाबाद कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में मेरठ कमिश्नरी के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया गया. 
बैठक में ओबीसी आरक्षण के बारे में चर्चा और समीक्षा की जाएगी. चौब सिंह वर्मा रिटायर्ड आईएएस अधिकारी है और पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बनाए गए हैं, जो कि आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. 31 मार्च तक पिछड़ा वर्ग आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.

दरअसल स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति की जांच के लिए एक आयोग की स्थापना की जाएगी. यह आयोग निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति का आकलन करेगा और सीटों के लिए आरक्षण प्रस्तावित करेगा. आयोग की सिफारिशों के तहत स्थानीय निकायों की ओर से ओबीसी की संख्या का परीक्षण कराया जाए और उसका सत्यापन किया जाए.

इसके बाद ओबीसी आरक्षण तय करने से पहले यह ध्यान रखा जाए कि एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुल आरक्षित सीटें 50 फीसदी से ज्यादा न हों. कुल मिलाकर इस टेस्ट में देखना होगा कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग की आर्थिक-शैक्षणिक स्थिति क्या है? उनको आरक्षण देने की जरूरत है या नहीं. साथ ही उन्हें आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं.

 

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