Haryana BJP-JJP Alliance: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज अपनी पूरी कैबिनेट संग राज्यपाल बंडारू दत्रात्रेय को इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद राज्य में बीजेपी और जेजेपी की राहें भी अलग हो गई. ऐसे में अब ये सवाल उठता है कि आखिर बिन जेजेपी बीजेपी किस हिसाब से हरियाणा की सत्ता में दोबारा काबिज होगी?
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Haryana Political Crisis: मंगलवार 12 मार्च की सुबह ये खबर आई कि हरियाणा में बड़े राजनीतिक उलटफेर हो सकते हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी कैबिनेट के साथ इस्तीफा देने वाले हैं. इसके साथ ही BJP-JJP गठबंधन भी टूट सकती है. इस खबर के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास पर बीजेपी नेताओं से मुलाकात के लिए पहुंचे. इसके बाद हरियाणा सरकार के मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपनी कैबिनेट समेत इस्तीफा सौंप दिया है. इस खबर के सामने आने के बाद सबके मन में यही सवाल है कि जिस JJP की बदौलत बीजेपी हरियाणा में सरकार बनाने में कामयाब हो पाई थी आखिर उसी को सरकार से बाहर करके बीजेपी दोबारा अपनी सरकार कैसे बना पाएगी.
किस गणित से दोबारा सत्ता में बीजेपी
दरअसल, साल 2019 में BJP को सत्ता की चाबी JJP के जरिए ही मिल पाई थी. हरियाणा में हुए 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 6 विधायक कम होने की वजह से बीजेपी सरकार बनाने से चूक रही थी. इसी दौरान एंट्री हुई जननायक जनता दल यानी JJP की. JJP ने इस चुनाव में 10 सीटें जीती थीं, जिसके बाद हरियाणा में किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए जेजेपी ने अपने 10 विधायकों के बदौलत उसने भाजपा को सत्ता की 'चाबी' सौंपी, लेकिन आज जब बीजेपी और जेजेपी की गठबंधन टूट चुकी है फिर भी बीजेपी सरकार बनाने में इस हिसाब से कामयाब रही.
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इस गणित से दुबारा सत्ता में बीजेपी
साल 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव में बीजेपी को 40 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद साल 2022 में हुए आदमपुर विधानसभा उपचुनाव में भव्य बिश्नोई की जीत के बाद से हरियाणा में बीजेपी के 41 विधायक हो गए. इसके साथ ही राज्य में बीजेपी को 6 निर्दलीय विधायक और हरियाणा लोकहित पार्टी के एकलौते विधायक गोपाल कांडा का समर्थन भी मिला हुआ है. ऐसे में हरियाणा में बीजेपी के पास कुल 48 विधायकों का समर्थन है. 90 विधानसभा सीटों वाले राज्य हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों का समर्थन जरूरी है. ऐसे में अब जब राज्य में बीजेपी के पास 48 विधायकों का समर्थन है तो उन्हें सरकार बनाने में किसी परेशानी का सामना शायद ही करना पड़े.
दिल्ली नहीं पहुंचे JJP के 10 विधायक
वहीं, इसके उलट आज दिल्ली में जेजेपी ने पार्टी की आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें जेजेपी के 10 विधायकों में से 5 विधायक उपस्थित नहीं हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधायक रामकुमार गौतम, जोगीराम सिहाग, ईश्वर सिंह, देवेंद्र बबली और राम निवास पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए. ऐसे में जेजेपी के लिए ये खबर और परेशानी खड़ी करने वाली साबित हो सकती है. हालांकि, जेजेपी के प्रवक्ता अरविंद भारद्वाज ने ये दावा किया है कि जेजेपी के विधायक टूटने वाले नहीं हैं. सब एकजुट हैं.