Delhi Elections 2025: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों में बसपा और एआईएमआईएम जैसे छोटे राजनीतिक दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. ये दल मुख्य राजनीतिक दलों जैसे आप, भाजपा और कांग्रेस के वोट काटने की योजना बना रहे हैं.
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Delhi Chunav 2025: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों में बसपा और एआईएमआईएम जैसे छोटे राजनीतिक दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है. ये दल मुख्य राजनीतिक दलों जैसे आप, भाजपा और कांग्रेस के वोट काटने की योजना बना रहे हैं. इससे चुनावी मुकाबला और भी रोचक हो सकता है.
बसपा की चुनावी योजना
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है. पार्टी की प्रमुख मायावती की रैलियों का आयोजन किया जा रहा है, जो उनकी चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) 10 से अधिक मुस्लिम बहुल सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. पार्टी के नेता असदुद्दीन ओवैसी की रैलियों का आयोजन भी किया जाएगा, जो मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास करेंगे.
नए दलों की चुनौती
दिल्ली में छोटे दलों की चुनौती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) ने हाल ही में अपनी स्थापना की है. इसके संस्थापक मुनीश कुमार रायजादा ने कहा है कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में 'आप' को कड़ी टक्कर देंगे. रायजादा, जो लगभग 15 महीने पहले भारत लौटे, नई दिल्ली सीट से 'आप' प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. पूर्व भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी इस सीट पर चुनावी मैदान में हैं.
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भविष्य की योजनाएं
रायजादा ने कहा कि अगर बीएलपी सत्ता में आती है, तो सबसे पहले वे भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) का गठन करेंगे. यह दिल्ली के दीर्घकालिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने दलित और वंचित समुदायों के बीच अपना आधार मजबूत करने का निर्णय लिया है. पार्टी ने सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिससे उसे उम्मीद है कि इसके प्रतिद्वंद्वियों का रास्ता मुश्किल हो जाएगा.
बसपा के केंद्रीय समन्वयक नितिन सिंह ने कहा कि पार्टी का ध्यान बेहतर अवसर प्रदान करने पर है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 2008 से 2012 के बीच बसपा के पास महत्वपूर्ण वोट शेयर था. सिंह ने कहा कि हमारे लोगों को केजरीवाल के झूठे वादे से गुमराह किया गया. वह 5 फरवरी को होने वाले चुनाव में अपने वोट शेयर को वापस पाने के लिए कड़ी टक्कर देने का आश्वासन दे रहे हैं. दूसरी ओर, हैदराबाद से लोकसभा सदस्य असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम 10-12 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी ने अब तक दो उम्मीदवारों-मुस्तफाबाद से ताहिर हुसैन और ओखला से शफा उर रहमान के नाम की घोषणा की है. दोनों ही 2020 के दिल्ली दंगा मामलों में आरोपी हैं.
मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान
एआईएमआईएम की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष शोएब जमई ने कहा कि पार्टी का प्राथमिक ध्यान मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के साथ सीधी लड़ाई पर है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हम जिन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, उन सभी पर हम सीधे तौर पर भाजपा को चुनौती दे रहे हैं. दिल्ली में एक चरण में 5 फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे. ओवैसी उन निर्वाचन क्षेत्रों में कुछ रैलियां कर सकते हैं जहां पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं. अगर एआईएमआईएम कुछ सीट जीत जाती है, तो पार्टी भाजपा को रोकने के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन कर सकती है.