Delhi Election 2025 : करावल नगर में कुल 3,07,716 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 1,69,669 पुरुष और 1,38,030 महिलाएं शामिल हैं. इस बार महिला मतदाता अहम भूमिका निभा सकती हैं. पिछले चुनावों में यहां के युवा और स्थानीय लोग आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर ज्यादा झुके हुए नजर आए थे.
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नई दिल्ली : दिल्ली चुनाव 2025 का माहौल गर्म होता जा रहा है और करावल नगर विधानसभा सीट इस बार फिर से चर्चा के केंद्र में है. यह सीट 2020 में हुए दिल्ली दंगों के कारण भी सुर्खियों में रही थी. लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र में पिछले पांच चुनावों में बीजेपी ने लगातार जीत दर्ज की है. हालांकि, इस बार पार्टी ने उम्मीदवार बदलते हुए कपिल मिश्रा को मैदान में उतारा है. सवाल यह है कि क्या कपिल मिश्रा अपनी नई भूमिका में क्षेत्र का भरोसा जीत पाएंगे.
बीजेपी की रणनीति और कपिल मिश्रा की चुनौती
कपिल मिश्रा जो पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता रहे हैं, 2020 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे. अपने आक्रामक राजनीतिक अंदाज और बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले मिश्रा को करावल नगर में पार्टी का चेहरा बनाया गया है. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती क्षेत्र की जनता के दिलों में जगह बनाना और बीजेपी के पिछले प्रदर्शन को बरकरार रखना है.
करावल नगर के बदलते हालात
करावल नगर क्षेत्र का विकास हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. दिल्ली के अन्य हिस्सों की तरह यह इलाका भी मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन से जुड़ा है, लेकिन सड़क, जल आपूर्ति और साफ-सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी यहां के लोगों के लिए चिंता का विषय है. 2020 के दिल्ली दंगों ने इस क्षेत्र की राजनीतिक और सामाजिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया और अब भी यहां का माहौल पूरी तरह से सामान्य नहीं हुआ है.
मतदाताओं का समीकरण
करावल नगर में 3,07,716 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें पुरुषों की संख्या 1,69,669 और महिलाओं की संख्या 1,38,030 है. इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिला मतदाता इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं. पिछले चुनावों में देखा गया है कि क्षेत्र के युवा और क्षेत्र में रहने वाले मतदाता, आम आदमी पार्टी (AAP) की ओर झुके थे.
त्रिकोणीय मुकाबला
2025 का चुनाव केवल बीजेपी और आप के बीच का नहीं है. कांग्रेस भी नए चेहरे और नई रणनीति के साथ मैदान में उतर रही है. क्षेत्र में बढ़ती जनसंख्या और बदलती प्राथमिकताओं के बीच हर पार्टी के लिए यह चुनाव बड़ी चुनौती है. करावल नगर की जनता अब अपने भविष्य के लिए विकास और स्थिरता की तलाश में है. देखना यह है कि कपिल मिश्रा अपनी पार्टी के साथ जनता का भरोसा जीतने में कामयाब होते हैं या यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले के बीच फंसकर कोई नया परिणाम देगी.
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