Delhi Election 2025: BJP के लिए दिल्ली कब्जाना कांग्रेस के हाथ में! वोटों का अजीबोगरीब अंकगणित जानिए
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Delhi Election 2025: BJP के लिए दिल्ली कब्जाना कांग्रेस के हाथ में! वोटों का अजीबोगरीब अंकगणित जानिए

Delhi Election 2025: दिल्ली का चुनावी गणित जटिल और अप्रत्याशित है. कांग्रेस की रणनीति और प्रदर्शन ही तय करेंगे कि क्या बीजेपी इस बार दिल्ली में अपनी सत्ता स्थापित कर पाएगी या फिर आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम रहेगा.

Delhi Election 2025: BJP के लिए दिल्ली कब्जाना कांग्रेस के हाथ में! वोटों का अजीबोगरीब अंकगणित जानिए

नई दिल्ली: दिल्ली का सियासी रण एक बार फिर तैयार है. आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में हर राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को धार देने में जुटा है. आम आदमी पार्टी (आप) जो पिछले दो चुनावों में दिल्ली की सत्ता पर काबिज रही है, उसको एक बार फिर से मजबूत चुनौती देने की तैयारी हो रही है. लेकिन इस बार की लड़ाई में बीजेपी की उम्मीदें कांग्रेस के प्रदर्शन पर निर्भर करती नजर आ रही हैं.

दिल्ली की चुनावी गुत्थी और आंकड़ों का गणित
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करते हुए 70 में से 62 सीटों पर कब्जा जमाया था. आप को 2020 में 53.57% मतदाताओं का साथ मिला. बीजेपी को महज 8 सीटें मिली थीं. भाजपा का मतदाता प्रतिशत में 6.21% की वृद्धि के साथ 38.51% वोट मिले. इसके अलावा देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. हालांकि पार्टी का वोट प्रतिशत 4.26% रहा. 2015 के चुनाव की बात करें तो 2020 में कांग्रेस को 5.44% वोट कम मिले. 2008 के दिल्ली में जीते अपने आखिरी चुनाव में कांग्रेस को 40.91% वोट मिले थे. 2013 के चुनाव में कांग्रेस के लिए वोटों का यह आंकड़ा 11.40% रह गया. यानी इस चुनाव में कांग्रेस को 28.91% वोटों का नुकसान उठाना पड़ा.कांग्रेस को हुआ यह नुकसान आम आदमी पार्टी के लिए किसी लॉटरी से कम नहीं रहा. 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 28% वोट मिले थे. 2015 के चुनाव में यह आंकड़ा बढ़कर 54.3% हो गया. यानी सिर्फ एक चुनाव में आम आदमी पार्टी को 24.8% वोटों का इजाफा हुआ. पिछले चुनाव में आप और बीजेपी को मिले वोट प्रतिशत में करीब 15% अंतर था. इस अंतर को बीजेपी उस समय खत्म कर सकती है अगर 2025 के चुनाव में कांग्रेस अपना वोट प्रतिशत करीब 12% बढ़ा ले जाए.

आप और कांग्रेस में वोट बंटवारे का मिल सकता है फायदा
यही आंकड़ा 2025 के चुनावी समीकरण को दिलचस्प बना रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस यदि अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने में सफल होती है तो इससे बीजेपी को अप्रत्यक्ष फायदा हो सकता है. दिल्ली में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो बीजेपी के खिलाफ वोट करता है. यदि यह वर्ग आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बंटता है तो इसका सीधा लाभ बीजेपी को मिल सकता है.

आप और कांग्रेस के बीच मतों का विभाजन
दिल्ली में लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा है. 2013 के बाद से आप के उदय ने कांग्रेस के मतदाताओं को बड़ी संख्या में अपने पक्ष में कर लिया. 2025 में यदि कांग्रेस अपनी पुरानी रणनीति पर काम करती है और मतदाताओं का भरोसा वापस हासिल करती है तो यह आप के लिए चुनौती खड़ी हो सकती है. कांग्रेस और आप के बीच वोटों का विभाजन बीजेपी के लिए फायदेमंद स्थिति पैदा कर सकता है.

बीजेपी की रणनीति कांग्रेस पर निर्भर
दिल्ली में बीजेपी की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यहां उसका परंपरागत वोट बैंक सीमित है. पार्टी को शहरी मध्यम वर्ग और व्यापारियों का समर्थन हासिल है. लेकिन वह आम आदमी पार्टी की तरह बड़े स्तर पर हर वर्ग के मतदाताओं को जोड़ने में सफल नहीं हुई है. 2025 में बीजेपी का पूरा ध्यान इस बात पर होगा कि कांग्रेस को उसके पुराने मतदाता वापस मिलें ताकि आप का वोट प्रतिशत कम हो.

क्या कांग्रेस वापसी कर पाएगी?
कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व की लड़ाई से कम नहीं है. दिल्ली में लगातार तीन चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी को न केवल अपनी संगठनात्मक ताकत बढ़ानी होगी, बल्कि युवा मतदाताओं का भरोसा भी जीतना होगा. इसके लिए कांग्रेस दिल्ली के मुद्दों जैसे प्रदूषण, बिजली-पानी, शिक्षा और महिला सुरक्षा पर जोर दे सकती है.

दिल्ली का सियासी परिदृश्य संभावनाएं और परिणाम
दिल्ली चुनाव 2025 न केवल राजधानी की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अहम साबित हो सकता है. यदि बीजेपी कांग्रेस और आप के बीच मतों के विभाजन का लाभ उठाने में सफल होती है, तो यह उसकी ऐतिहासिक जीत हो सकती है. वहीं, आम आदमी पार्टी को अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए हर वर्ग के मतदाताओं को एकजुट रखना होगा.

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