Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे योगी आदित्यनाथ की बात से बिल्कुल सहमत हैं कि दिल्ली में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है. उन्होंने सलाह दी है कि योगी आदित्यनाथ को चाहिए कि वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ट्रेनिंग दें जो दिल्ली में कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के इकलौते दोषी हैं.
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Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली में बदमाश खुलेआम घूम रहे हैं. सड़कों पर फायरिंग हो रही है. महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकल पा रही हैं. यह बात बीजेपी के नेता और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की जनसभा में कही. अब तक यही बात आम आदमी पार्टी के नेता भी कह रहे थे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर ले रहे थे. क्या योगी आदित्यनाथ ने भी अमित शाह पर निशाना साधा है? या फिर गलती से सही बात कह गए हैं? गलती से सही बात कहने के पीछे भी कोई सियासत है? इन सवालों के जवाब मिले, न मिले पर अरविंद केजरीवाल ने योगी आदित्यनाथ के बयान को कैच कर लिया है. दिल्ली के चुनाव में बिगड़ती कानून व्यवस्था एक बार फिर केंद्रीय चुनावी मुद्दा बनता दिख रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे योगी आदित्यनाथ की बात से बिल्कुल सहमत हैं कि दिल्ली में कानून व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गई है. उन्होंने सलाह दी है कि योगी आदित्यनाथ को चाहिए कि वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ट्रेनिंग दें जो दिल्ली में कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के इकलौते दोषी हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं योगी जी से कहना चाहूंगा कि दिल्ली की कानून व्यवस्था अमित शाह के अधीन है. उन्हें अमित शाह के साथ बैठकर उनका मार्ग दर्शन करना चाहिए, उन्हें समझाना चाहिए कि कानून व्यवस्था को कैसे दुरुस्त किया जाए.
दिल्ली अपराध में अव्वल
अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं कि अमित शाह देशभर में घूमते हैं, राजनीतिक सभाएं करते हैं, लेकिन उन्हें दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति को ठीक करने के लिए समय नहीं. इसमें संदेह नहीं कि दिल्ली असुरक्षित हो चली है. एनसीआरबी रिपोर्ट कहती है कि देश में अपराध की दर सबसे ज्यादा दिल्ली में है. आंकड़े के मुताबिक दिल्ली में हर दिन 1189 आपराधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं. दिल्ली में प्रति लाख निवासियों के बीच 1832.6 अपराध होते हैं और यह दर देश में पहले नंबर पर है.
दिल्ली में औसतन रोजाना 3 रेप केस होते हैं दर्ज
महिलाओं के संदर्भ में समझें तो दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर देश में सबसे ज्यादा है. यह दर 144.4 है, जबकि राष्ट्रीय औसत 66.4 है. हर दिन औसतन तीन बलात्कार की घटनाओं के साथ दिल्ली में सालभर में 1212 बलात्कार की घटनाएं दर्ज हो रही हैं. दिल्ली में एक साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल आंकड़े 14,466 है. इसी अवधि में उगाही के 144 मामले दर्ज हुए हैं तो मर्डर के 308 मामले. 1034 मामले लूट और अपहरण के हैं. इसके अलावा 1342 बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए हैं.
गैंगस्टर्स की गिरफ्त में दिल्ली
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में सक्रिय 11 गैंगस्टर्स को भी घटनाएं अंजाम देने की खुली छूट का आरोप लगाया है. उन पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर भी सवाल उठाए हैं. दिल्ली में सक्रिय गैंग का जिक्र करें तो लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बरार गैंग, हिमांशु भाऊ गैंग, कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग, मंजीत महल गैंग, जितेंद्र गोगी-संपत नेहरा गैंग, कौशल गैंग, नीरज फरीदपुरिया गैंग, नीरज बवाना गैंग, सुनील टीलू गैंग, हाशिम बाबा गैंग, इरफान उर्फ छेनू गैंग हैं. दिल्ली में गैंगस्टर खुलेआम अपराध को अंजाम देते हैं. तिहाड़ जेल तो मानो उगाही करने वाले गिरोह का अड्डा बन गया है. लॉरेंस बिश्नोई का खासतौर से अरविंद केजरीवाल जिक्र करते हैं जो साबरमती जेल से देश और दुनिया में अपराध की घटनाओं को अंजाम दे रहा है.
दिल्ली के चुनाव में कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा का मुद्दा सीधे केन्द्रीय गृहमंत्रालय से जुड़ता है. यही वजह है कि लगातार अरविंद केजरीवाल गृहमंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते रहे हैं, लेकिन ताजा मामला यह है कि योगी आदित्यनाथ ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर उंगली उठाई है. इस वजह से यह रोचक हो गया है. बीजेपी शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी ही केंद्र सरकार पर हमले बोल रही है. अब स्थिति यह है कि इस बारे में योगी सफाई भी नहीं दे सकते. बीजेपी को योगी आदित्यनाथ का बयान महंगा पड़ सकता है.
नशे में डूब रही है दिल्ली!
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के नशे में डूबने की बात भी कहते रहे हैं. इसके लिए भी उनके निशाने पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रहे हैं. केजरीवाल ने मुद्रा एअरपोर्ट से नशा की खेप आने का जिक्र करते हुए परोक्ष रूप से गौतम अडानी, अमित शाह और बीजेपी को भी देश में बढ़ते नशे की लत से जोड़ा है. मगर, यह आरोप भर बनकर रह गए हैं. महिला सुरक्षा का सवाल आम महिलाएं जब उठाती हैं तो निश्चित रूप से यह सवाल बड़ा हो जाता है. इसी तरह राह चलते छिनतई, फायरिंग, हत्या जैसी घटनाओं पर जनता कहती है कि वे असुरक्षित महसूस करते हैं तो अरविन्द केजरीवाल के आरोपों में धार आ जाती है. इसी अर्थ में देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ के बयान का महत्व भी बढ़ जाता है.
दिल्ली के चुनावों में बीजेपी और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे के खिलाफ मुद्दे तलाश रही हैं. हाल के दिनों में अरविंद केजरीवाल पर लगातार हमले भी हुए हैं. आम आदमी पार्टी इन हमलों को भी गृहमंत्री की असफलता के तौर पर पेश कर रही है. अरविंद केजरीवाल अपन ऊपर हमलों को कानून-व्यवस्था और आम आदमी के लिए बनी असुरक्षा की स्थिति से जोड़ते हैं. जब दिल्ली पुलिस एक पूर्व मुख्यमंत्री पर हमले को रोक नहीं पाती तो आम आदमी अपनी सुरक्षा को लेकर मुतमईन कैसे हो. केजरीवाल पर हुए हमलों में आम आदमी पार्टी का दावा है कि बीजेपी के लोग शामिल रहे हैं. ऐसे में दिल्ली पुलिस पर उठ रहे सवाल भी गंभीर हो जाते हैं. खासकर योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली की कानून व्यवस्था पर जो बात कही है उससे यह मुद्दा और भी गंभीर हो जाता है. दिल्ली पुलिस केजरीवाल पर हमले क्यों नहीं रोक पा रही है? क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली पुलिस तटस्थ नहीं रह गयी है? यह सवाल भी बड़ा हो गया है.