Delhi Lok sabha Election: क्या AAP-कांग्रेस का साथ दे पाएगा BJP को मात? ऐसे समझें दिल्ली का सियासी समीकरण
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Delhi Lok sabha Election: क्या AAP-कांग्रेस का साथ दे पाएगा BJP को मात? ऐसे समझें दिल्ली का सियासी समीकरण

Delhi Loksabha Election 2024: दिल्ली में साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 50% से ज्यादा मत हासिल किए थे. ऐसे में अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या अब जब आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गई है तो ये 50% सीट को कम कर पाएंगे.

Delhi Lok sabha Election: क्या AAP-कांग्रेस का साथ दे पाएगा BJP को मात? ऐसे समझें दिल्ली का सियासी समीकरण

Delhi Lok sabha Election 2024: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर लगभग बात तय हो चुकी है. दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अब आखिरी दौरे की बातचीत चल रही है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की सात सीटों में से आम आदमी पार्टी 4 तो वहीं कांग्रेस 3 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. दोनों पार्टियां इंडिया गठबंन की सहयोगी पार्टियां हैं. सूत्रों के हवाले से ये खबर है कि दिल्ली में कांग्रेस ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और चांदनी चौक से प्रत्याशियों को चुनाव में उतारेगी. वहीं, आम आदमी पार्टी नई दिल्ली, नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और वेस्ट दिल्ली से चुनावी मैदान में उतरेगी. ये दोनों पार्टी मिलकर राजधानी में भारतीय जनता पार्टी के सामने जोर आजमाइश करेंगी, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये दोनों पार्टियां मिलकर बीजेपी का सामना कर पाएंगी. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में ऐसी कई जनहितकारी योजनाएं शुरू की हैं, जो उसकी दावेदारी दिल्ली में मजबूत करती है.

बीजेपी को मिले थे 50 प्रतिशत से ज्यादा मत
दरअसल, दिल्ली में लोकसभा की कुल 7 सीटें हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग लड़ रही थीं. इस चुनाव में दिल्ली की सभी सात सीटों पर बीजेपी ने 50% से ज्यादा वोट पाकर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में भाजपा को अकेले 56.9 प्रतिशत वोट मिले थे. ऐसे में ये आंकड़े दोनों पार्टियों के लिए थोड़े चिंताजनक हो सकते हैं, क्योंकि इन दोनों पार्टियों को मिलाकर भी वोट प्रतिशत 50 नहीं हैं.

नॉर्थ वेस्ट सीट पर बीजेपी को मिले थे सबसे ज्यादा वोट
साल 2019 में हुए लोकसभा आम चुनावों में दिल्ली की सभी 7 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में बीजेपी के हर कैंडिडेट को 50 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे. दिल्ली के चांदनी चौक से बीजेपी प्रत्याशी हर्षवर्धन को 52.94 प्रतिशत वोट, पूर्वी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर को 55.35 फीसदी वोट तो वहीं नई दिल्ली से बीजेपी कैंडिडेट मीनाक्षी लेखी को 54.77 फीसदी वोट मिले थे. इस चुनाव में उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा के कैंडिडेट मनोज तिवारी को 53.9 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. वहीं, दक्षिणी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी को 56.58 प्रतिशत वोट तो पश्चिमी दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा को 60.05 प्रतिशत वोट मिले थे. साथ ही नॉर्थ वेस्ट दिल्ली से बीजेपी के प्रत्याशी हंसराज हंस को 60.49 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. ऐसे में साल 2019 के आम चुनाव में बीजेपी को दिल्ली की हर सीट पर 50 प्रतिशत से ज्यादा मत प्राप्त हुए थे.

2019 के लोकसभा चुनाव में यहां खड़ी थीं आप-कांग्रेस
2019 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी दो सीटों पर और कांग्रेस 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. इस बार दिल्ली में आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. ऐसे में इनका वोट शेयर भी जुड़ेगा, लेकिन बावजूद पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए दोनों पार्टियों का वोट शेयर बीजेपी से कम ही है. ऐसे में ये देखना रोचक होगा कि दोनों पार्टियां बीजेपी का किस तरह मुकाबला करेंगी और अपनी चुनावी रणनीति में और क्या बदलाव लाएंगी.

कुछ यूं रहा था वोटों का प्रतिशत
साल 2019 में लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात सीटों पर बीजेपी के कैंडिडेट्स जीते थे. इस चुनाव का परिणाम कुछ इस प्रकार रहा. दिल्ली के चांदनी चौक से बीजेपी के कैंडिडेट हर्षवर्धन को कुल 52.94 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी जयप्रकाश अग्रवाल को 29.83 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पंकज कुमार गुप्ता को 14.82 प्रतिशत वोट मिले थे.

लोकसभा 2019 के चुनावों में पूर्वी दिल्ली की सीट से बीजेपी के उम्मीदवार गौतम गंभीर को 55.35 प्रतिशत तो उसी सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली को 24.34 प्रतिशत और आप की प्रत्याशी आतिशी मार्लेना को 17.51 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी मीनाक्षी लेखी को 54.77 प्रतिशत, कांग्रेस के अजय माकन को 27.1 प्रतिशत और आप के बृजेश गोयल को 16.45 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी को 53.9 प्रतिशत, दिल्ली की 3 बार की सीएम शीला दीक्षित 28.95 प्रतिशत और आप उम्मीदवार दिलीप पांडे को 13.1 प्रतिशत वोट मिले थे.

वहीं, 2019 के चुनाव में उत्तर पश्चिम दिल्ली से बीजेपी के प्रत्याशी हंस राज हंस को 60. 49%. कांग्रेस उम्मीदवार राजेश लिलोठिया को 17.01% और आप के उम्मीद्वार गगन सिंह को 21.16% वोट मिले थे. साथ ही दक्षिण दिल्ली लोकसभा में भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 56.58%,  आप कैंडिडेट राघव चड्ढा को 26.47%, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार और दिग्गज बॉक्सर विजेंदर सिंह को 13.62% वोट मिले थे. इसके साथ ही दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा की झोली मे 60.5%, कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा को 20.04% और आम आदमी पार्टी के बलबीर सिंह जाखड़ को 17.58% वोट मिले थे.

आप की परियोजनाएं होंगी कारगर?

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने बीते कुछ वर्षों में दिल्ली के समान्य वर्ग के लिए ऐसी कई परियोजनाएं लेकर हैं, जिसके बदौलत इस चुनाव में आम आदमी पार्टी का कद ऊंचा उठ सकता है. बीते वर्षों में दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को फ्री बस सेवा देने के साथ-साथ मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी मुहैया कराई है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बुजुर्गों के लिए तीर्थयात्रा योजना लेकर आई, जिसके तहत दिल्ली में बुजुर्गों को फ्री में देश के कई अहम तीर्थस्थलों का दर्शन कराया जा रहा है. 

वहीं आम आदमी पार्टी महिलाओं के बाद अब किन्नर समाज के लिए भी फ्री बस सेवा लाई है. इसके साथ ही पार्टी ने कई कच्ची कॉलोनियों को पक्के में तब्दिल किया है, जो आने वाले चुनाव में आम आदमी पार्टी की मदद कर सकती हैं. इसके साथ ही दिल्ली में शिक्षा के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में रहती है. हाल ही में सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में कई स्कूलों का शिलान्यास किया है. ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि आम आदमी पार्टी इन परियोजनाओं और कांग्रेस संग अपने गठबंधन के बदौलत राजधानी में सियासी हवा को बदल पाती है या नहीं.

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