Lok Sabha Election 2024: सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों से कोई खास तवज्जो नहीं मिल रहा, जिसकी वजह से कांग्रेस के लिए आगे की राह आसान नहीं रहने वाली है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की कल इंडिया गठबंधन की बैठक में सीट शेयरिंग पर सभी पार्टियों की सहमति बनती है या नहीं.
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Seat Sharing Formula: लोकसभा चुनाव 2024 में I.N.D.I.A गठबंधन ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन सीट शेयरिंग का मुद्दा सभी पार्टियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा मुश्किल कांग्रेस के सामने आ रही हैं. सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों से कोई खास तवज्जो नहीं मिल रहा. इस बीच ममता बनर्जी द्वारा पश्चिम बंगाल में दो सीटें ऑफर किए जाने के बाद कांग्रेस ने इस पर नाराजगी जताई है. ऐसे में INDIA गठबंधन की कल होने वाली बैठक काफी अहम मानी जा रही है.
बिहार में बनी बात?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आज कांग्रेस और आरजेडी के बीच हुई बैठक में बिहार में सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बन गई है. बिहार में 17+17+4+2 का फॉर्मूला तय किया गया है, जिसमें नीतीश कुमार की JDU और लालू यादव की RJD 17-17 सीटों पर और कांग्रेस 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा कांग्रेस को एक राज्यसभा की सीट भी दी जाएगी और लेफ्ट 2 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा.
सोमवार को AAP से चर्चा
पंजाब और दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर सोमवार को दोपहर 12 बजे के बाद AAP से चर्चा की जाएगी, जिसकी जानकारी सलमान खुर्शीद ने दी. हालांकि, इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस की राह आसान नहीं रहने वाली है.
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पश्चिम बंगाल में फंसा पेंच
पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें है, जिसमें कांग्रेस 6-10 सीटें चाहती है. लेकिन ममता बनर्जी ने कांग्रेस को केवल 2 सीटें देने की बात कही, जिससे कांग्रेस के नेताओं में नाराजगी है. ममता बनर्जी की दो सीटों वाली बात पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'हमें ममता की दया की कोई जरूरत नहीं है. हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं.' अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद ममता के गठबंधन में शामिल होने पर भी सवाल उठने लगे हैं.
यूपी में अखिलेश
उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटे हैं. हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अखिलेश यादव को कोई सीट नहीं दिए जाने के बाद अखिलेश की नाराजगी सबके सामने आ चुकी है. वहीं अखिलेश यादव ने मायावती को INDIA गठबंधन में शामिल करने को लेकर भी एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि 'चुनाव के बाद उनकी गारंटी कौन लेगा?' अखिलेश के तीखी प्रतिक्रियाओं के बीच कांग्रेस के लिए यूपी की राह भी आसान नहीं रहने वाली है.