Kisan Andolan: शंभू बॉर्डर पर किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले, 8 किसान घायल
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Kisan Andolan: शंभू बॉर्डर पर किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले, 8 किसान घायल

Kisan Andolan Update: हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने की अनुमति मांगी, यह कहते हुए कि बिना अनुमति वे आगे नहीं बढ़ सकते. यह स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. पुलिस ने इस पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे किसान पीछे हटने को मजबूर हुए. 

Kisan Andolan: शंभू बॉर्डर पर किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोले, 8 किसान घायल

Kisan Andolan Update: पंजाब के 101 किसान दोपहर 12 बजे शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर पैदल रवाना हुए. इस यात्रा का उद्देश्य केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें करना है. हालांकि, उनकी यह कोशिश हरियाणा पुलिस द्वारा रोक दी गई. 

हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने की अनुमति मांगी, यह कहते हुए कि बिना अनुमति वे आगे नहीं बढ़ सकते. यह स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. पुलिस ने इस पर आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे किसान पीछे हटने को मजबूर हुए. 

इस दौरान, आंसू गैस के गोले छोड़ने से 4 किसान घायल हो गए. इनमें से एक किसान पहले ही घायल हो चुका था. इस घटना ने किसानों के मनोबल को प्रभावित किया, लेकिन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने अपनी मांगों को लेकर दृढ़ता दिखाई. हरियाणा पुलिस ने कहा कि वे पहले किसानों की पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे बढ़ने देंगे. पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों ने अपनी पहचान छिपाई हुई है और कुछ किसान हथियार लेकर आए हैं. इस स्थिति ने विवाद को और बढ़ा दिया.  

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इस बीच, हरियाणा और पंजाब पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है. यह कदम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो.

इससे पहले, 6 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय भी हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसमें 8 किसान घायल हो गए थे. उस समय किसान नेता ने उन्हें वापस बुला लिया था. 

हरियाणा पुलिस ने इस बार सुरक्षा के लिए पुल के ऊपर और नीचे लगभग 1000 जवान तैनात किए हैं और 3 वज्र वाहन खड़े किए हैं. वहीं, किसानों ने घायलों को ले जाने के लिए 10 एंबुलेंस और 7 गाड़ियां तैनात की हैं. आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए 500 मीटर के दायरे में पानी के टैंकरों और बोरियों का इंतजाम किया गया है. किसानों को चश्मे और मास्क के साथ नमक भी दिया जा रहा है, जो आंसू गैस के प्रभाव को कम करने में मदद करता है. 

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