जींद जिले के नरवाना में सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे और इस हड़ताल की जिम्मेदारी सरकार की होगी.
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Jind News: पिछले दो दिनों से हड़ताल पर बैठे सफाई कर्मचारियों ने आज सरकार को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की बात कह दी है. सफाई कर्मचारियों ने कहा की समय रहते सरकार ने मांगे नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. सफाई कर्मचारियों ने आज सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. सफाई कर्मचारियों ने कच्चे कर्मचरियों को पक्का करने, कोरोना काल के दौरान काम करने पर अलाउंस देने, आदि मांगों को सरकार के सामने रखा है.
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल
जींद जिले के नरवाना में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी हैं. सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. सफाई कर्मचारियों की मांग है कि जो भी सफाई कर्मचारी पिछले 15 वर्षों से काम कर रहे हैं,उन्हें पक्का किया जाए. साथ ही सरकार ने कोरोना काल में जो 5 लाख रूपये देने का वादा किया था उसे पूरा करे. उन्हेंने आगे कहा कि कच्चे कर्मचारियों को कम वेतन मिलता है और महंगाई ज्यादा होने के कारण उनके परिवार का गुजारा भी मुश्किल से होता है. अगर सरकार उन्हें पक्का करती है तो उन्हें अच्छा वेतन मिलेगा, जिससे उनके परिवार का गुजारा अच्छे से हो पाएगा. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो वे कमेटी के साथ मिलकर एक बड़ा फैंसला लेंगे.
शहर की सफाई व्यवस्था पूरी करह से चरमराई
वहीं, सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण शहर की सफाई व्यवस्था पूरी करह से चरमरा गई है. शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं, जिसके कारण आमजन भी परेशान है. अब अगर सफाई कर्मचारी अनिश्चितकाल हड़ताल करते हैं, तो शहर में हर जगह गंदगी फैल जाएगी, जिसका सीधा प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा. सफाई कर्मचारियों ने आगे कहा कि हम मानते हैं की हमारी हड़ताल से जनता को परेशानी होती है, लेकिन वो भी हड़ताल करने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार हमारी मांगो को नहीं मान रही, जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है.
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नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों ने बताया कि सफाई कर्मचारियों की मांगे वर्षों से लंबित पड़ी हैं. जिसको लेकर वह कई बार सरकार से वार्तालाप भी कर चुके हैं. सरकार उनके साथ हर बार वादाखिलाफी करती है. जिसके कारण उन्होंने 2 दिन की सांकेतिक हड़ताल करने का फैसला लिया था. सरकार को उनकी मांगे माननी चाहिए. सरकार अपने किए हुए वादे से मुकर रही है. जिसके कारण उन्हें दुबारा से हड़ताल करनी पड़ रही है. उनका कहना है कि अगर अनिश्चितकाल हड़ताल होती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार की होगी.
Input- GULSHAN