Eye Flu: दिल्ली में बाढ़ के बाद आई फ्लू से हाहाकार, एक दिन में अस्पताल पहुंच रहे सैकड़ों मरीज
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Eye Flu: दिल्ली में बाढ़ के बाद आई फ्लू से हाहाकार, एक दिन में अस्पताल पहुंच रहे सैकड़ों मरीज

Eye Flu Cases in Delhi-NCR: दिल्ली में बाढ़ के बाद अब आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, बुराड़ी अस्पताल में हर रोज 400 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. 

Eye Flu: दिल्ली में बाढ़ के बाद आई फ्लू से हाहाकार, एक दिन में अस्पताल पहुंच रहे सैकड़ों मरीज

Eye Flu Cases in Delhi-NCR: राजधानी दिल्ली में बाढ़ के बाद अब बीमारियां तेजी से फैल रही हैं. बुराड़ी हॉस्पिटल में आई फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मिली जानकारी के अनुसार, पहले हर रोज 20-30 मरीज इलाज के लिए आते थे, लेकिन बाढ़ के बाद ये आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. अब हर रोज 400 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए अस्पताल आ रहे हैं. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि आई फ्लू के मामलों में लापरवाही बरतने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है. 

दिल्ली में आई फ्लू के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है,  हर एक घर में आई फ्लू की बीमारी से ग्रस्त मरीज दिखाई दे रहे हैं. दिल्ली के बख्तावरपुर गांव की एक ही गली में बच्चों व बड़ों समेत करीब 15 लोगों को आई फ्लू जैसी परेशानी हो रही है. पीड़ित लोगों ने बताया कि उनकी आंखों में पहले जलन हुई, फिर आंखों में खुजली होने लगी. उसके बाद आंखों से पानी भी आने लगा और सूजन हो गई. पहले उन्होंने इसका घरेलू उपचार किया तो उनकी आंखें ओर ज्यादा सुर्ख लाल हो गई. जिसके बाद आंखो में दर्द व चुभन होने लगी. जिसके बाद पीड़ित व्यक्ति नजदीकी अस्पतास पहुंचे और डॉक्टर से इलाज कराया. 

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दिल्ली में लगातार आई फ्लू फैलने की वजह जानने के लिए हमारी टीम दिल्ली के बुराड़ी अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां जाने के बाद दूर-दूर तक जहां भी नजर जा रही थी हर तरफ आई फ्लू के मरीजों की लंबी कतार नजर आई. यहां दिख रहे ज्यादातर मरीजो ने आंखों पर काले चश्मे लगाए हुए हैं और तेजी से फैल रहे इंफेक्शन का इलाज कराने बुराड़ी अस्पताल पहुंचे हैं. 

डॉक्टर की सलाह
दिल्ली सरकार के बुराड़ी अस्पताल की आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती ने बताया कि आई फ्यू यानी कंजंक्टिवाइटिस को 'पिंक आई' के रूप में भी जाना जाता है. यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है. कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है. मानसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं. ज्यादातर लोग अपने ही घरों में आई फ्लू होने पर पहले की तरह घरेलू उपचार करते हैं, जिससे आंखों का इन्फेक्शन और तेजी से बढ़ता है और आंखों में जलन होने लगती है. कई बार तो आंखों की रोशनी जाने की नौबत आ जाती है. आई फ्लू संक्रामक बीमारी है, जो एक दूसरे को छूने, एक-दूसरे के एक ही कपड़े जैसे रुमाल , तौलिया से चहरा साफ करने से तेजी से फैलता है. 

डॉक्टरों के अनुसार, आई फ्लू होने के बाद घरेलू उपचार न करें और समय रहते नजदीकी आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें. जिससे आई फ्लू जैसी घातक बीमारी पर जल्द काबू पाया जा सके और आंखों को महफूज रखा जा सके. फिलहाल मौसम बदलने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं. आई फ्लू का सबसे पहला और अहम लक्षण जुखाम ,बुखार है. यदि आपको को ये शिकायत हो तो समय रहते नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें. 

इनपुट- नसीम अहमद

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