Haryana News: बिजली मंत्री की मीटिंग में ही बत्ती गुल, टार्च की रोशनी में सुनी समस्याएं
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Haryana News: बिजली मंत्री की मीटिंग में ही बत्ती गुल, टार्च की रोशनी में सुनी समस्याएं

Haryana News:  हरियाणा के जिले नारनौल में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग चल रही थी. तभी हॉल की बिजली गुल हो गई. इसके बाद अधिकारियों ने अपने-अपने मोबाइल की लाइट जलाकर उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया.

Haryana News: बिजली मंत्री की मीटिंग में ही बत्ती गुल, टार्च की रोशनी में सुनी समस्याएं

Haryana News: हरियाणा के बिजली मंत्री की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग चल रही थी. टेबल पर चाय और बिस्कुट लगा हुआ था. बोलत वाली मिनरल वाटर थी. एसी-पंखे चल रहे थे और मंत्री जी अधिकारियों के साथ समस्याओं का निवारण करने के लिए डटे हुए थे. तभी कुछ ऐसा हुआ कि मंत्री जी को खुद की विभाग की सारी सच्चाई बिना किसी विभागीय जांच के पता चल गई. दरअसल, हुआ कुछ ऐसा कि हरियाणा के बिजली मंत्री नारनौल में जनता की समस्याएं सुनने पहुंचे थे. इसी दौरान जिस हॉल में यह कार्यक्रम चल रहा था, उस हॉल की बत्ती गुल हो गई. इस दौरान मंत्री रणजीत सिंह को बिजली से जुड़ी समस्याओं को टॉर्च की रोशनी में सुनना पड़ा.

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अधिकारियों ने मंत्री जी को समझाया
हरियाणा के जिले नारनौल में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग चल रही थी. तभी हॉल की बिजली गुल हो गई. इसके बाद अधिकारियों ने अपने-अपने मोबाइल की लाइट जलाकर उन्हें समस्याओं से अवगत कराया गया. हॉल में करीब 15 मिनट तक अंधेरा छाया रहा. लाइट जाने की वजह से मंत्री रणजीत चौटाला काफी नराज नजर आए. उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को इस घटना के बारे में खरी-खोटी भी सुनाई. इसके साथ ही उन्होंने जब इस बारे में जानकारी मांगी तो अधिकारी कहने लगे कि माइक और एसी चल रहे थे. इस कारण लाइट चली गई है. 

बिजली विभाग के XEN को अल्टीमेटम
बिजली गुल होने से मंत्री और अधिकारी ही नहीं बल्कि वहां आए लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ी. मीटिंग खत्म हुई तो सबकी जुबान पर यही बात थी कि बिजली मंत्री की मीटिंग में ही बिजली गुल हो गई. मीटिंग खत्म होने के बाद बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने बिजली निगम के XEN को बुलाया. चौटाला ने उन्हें फटकारा कि वे लोगों की बातें नहीं सुनते हैं और लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं. मंत्री ने अधिकारी से कहा कि उन्हें 10 दिन का समय दिया जाता है. वे अपने आप में सुधार करें नहीं तो उनका तबादला कर दिया जाएगा.

इनपुट- कर्मवीर सिंह

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