Gurugram Basai Village News: गांव बसई में पूरी तरह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए ग्रामीण अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली से उन्हें स्कूल के अंदर ले जा रहे हैं और छुट्टी होने पर उन्हें स्कूल से बाहर ला रहे हैं.
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Gurugram News: विश्व में भले ही गुड़गांव में अपनी अलग पहचान बना ली हो, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही ने इस गुड़गांव को उस कगार पर लाकर छोड़ दिया है. जहां लोग न जी सकते हैं और न ही मर सकते हैं. हालात यह है कि लोग अपने घरों में ही कैद होने को मजबूर हो गए हैं. घर से बाहर निकलें तो पानी भरा है और घर के अंदर गलियों में पहुंचे पानी के कारण उठने वाली बदबू और मच्छरों ने बैठना मुहाल कर दिया है. इससे बच्चों की भी शिक्षा खतरे में आ गई है.
बता दें कि गांव बसई में पूरी तरह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं. बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए ग्रामीण अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली से उन्हें स्कूल के अंदर ले जा रहे हैं और छुट्टी होने पर उन्हें स्कूल से बाहर ला रहे हैं.
बसई गवर्नमेंट स्कूल की प्रिंसिपल सविता का कहना है कि गुड़गांव में पिछले 48 घंटे से न तो बरसात आई है और न ही हिमाचल प्रदेश-पंजाब से छोड़ा गया पानी गुड़गांव पहुंचा हो. बावजूद इसके भी गांव बसई में दो फीट तक पानी भरा हुआ है. गांव के जोहड़ से ओवरफ्लो होकर पानी लगातार गांव में प्रवेश कर रहा है. जोहड़ के पास स्थित सरकारी स्कूल में भी पानी भरा हुआ है जिसके कारण छात्रों और अध्यापकों का स्कूल में पहुंचना मुश्किल हो रहा है. छात्रों को तो ट्रैक्टर ट्रॉली के जरिये स्कूल में लाया और ले जाया जा रहा है, लेकिन अध्यापकों को पानी में पत्थर डालकर रिस्क लेते हुए स्कूल के अंदर जाना पड़ रहा है.
साथ ही स्कूल की डीपी संगीता ने बताया कि आज स्कूल में छात्रों की जूड़ो प्रतियोगिता होनी थी. स्कूल ग्राउंड में पानी भरा होने के कारण इसका स्थान बदलना पड़ा. यह प्रतियोगिता क्षेत्र के कम्युनिटी सेंटर में कराई गई. ग्राउंड में जोहड़ का पानी भरा होने के कारण कई सांप भी स्कूल में निकल चुके हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि नगर निगम अधिकारियों ने पिछले दो महीने से गांव की सुध ही नहीं ली है. पिछले दिनों गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने मुख्य सड़क के पास एक ड्रेन बनाई थी. इस ड्रेन को ऊंचा करके बनाया गया, जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. अधिकारियों से वह शिकायत करके थक चुके हैं. उन्हें आश्वासन तो मिल रहा है, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की जा रही है. अब देखना यह होगा कि अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को कब तक भुगतना होगा. नगर निगम के लापरवाह अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद कब तक खुलती है.
Input: Yogesh Kumar