Delhi Pollution Alert: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों के लिए बढ़ा खतरा
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Delhi Pollution Alert: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, अस्थमा और फेफड़ों के मरीजों के लिए बढ़ा खतरा

Delhi Air Quality Index: दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में होने पर सांस लेने में समस्या हो सकती है. फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को ज्यादा परेशानी महसूस हो सकती है. राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक ( NAQI) की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार 25 जनवरी 2025 सुबह 05:00 AM तक  AQI 224 दर्ज किया गया.

Delhi air quality index

Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, जिससे अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए हालात और गंभीर हो गए हैं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक ( NAQI) की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार सुबह  (Saturday, 25 Jan 2025 05:00 AM) दिल्ली का AQI 224 दर्ज किया गया, जो साफ तौर पर ‘खराब’ श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही, तो न केवल पहले से बीमार लोगों की परेशानी बढ़ेगी, बल्कि स्वस्थ लोग भी जल्द ही स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर सकते हैं.

प्रदूषण का स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली की जहरीली हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व, जैसे पीएम 2.5 और पीएम 10 सांस लेने की प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि फेफड़े और श्वसन तंत्र पर इनका प्रभाव इतना गहरा होता है कि लंबे समय तक इसमें रहने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. अस्थमा के मरीजों को सांस फूलने, सीने में जकड़न और खांसी की शिकायत हो रही है. वहीं, दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है, क्योंकि प्रदूषण रक्तचाप को बढ़ाने और रक्त वाहिकाओं को सख्त करने का कारण बनता है.

प्रदूषण के पीछे क्या है वजह?
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की प्रमुख वजहें हैं – वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ी धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और पराली जलाने से उत्पन्न धुआं. सर्दियों में कोहरा और प्रदूषक तत्व मिलकर एक जहरीली परत बना लेते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब हो जाती है. मौसम विभाग के अनुसार हवा की धीमी गति और नमी की अधिकता भी प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान दे रही है.

सरकार और प्रशासन की तैयारी
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया है. इसके तहत निर्माण कार्यों पर पाबंदी, सड़कों पर पानी का छिड़काव और वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इन कदमों को और सख्ती से लागू करने की जरूरत है.

जनता के लिए सलाह
विशेषज्ञों ने फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचें, जब प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है. एन-95 मास्क पहनें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. साथ ही, हरी पत्तेदार सब्जियां और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं. प्रदूषण से बचाव के उपायों को अपनाकर ही लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं. हालांकि यह तभी संभव होगा, जब सरकार, प्रशासन और जनता मिलकर इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए.

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