IGI Airport: पुलिस ने गेमिंग और सोशल मीडिया ऐप के लिए वियतनाम में एक्टिवेटेड सिम कार्ड भेजने और भारत में प्रतिबंधित क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर भुगतान प्राप्त करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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Delhi Crime News: पुलिस ने गेमिंग और सोशल मीडिया ऐप के लिए वियतनाम में एक्टिवेटेड सिम कार्ड भेजने और भारत में प्रतिबंधित क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पर भुगतान प्राप्त करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस उपायुक्त (आईजीआई एयरपोर्ट) उषा रंगनानी ने कहा, वे लोगों को "बहुत कम रकम" देकर सिम कार्ड जारी करवाते थे, जिनमें से कई दिहाड़ी मजदूर होते थे. अधिकारी ने कहा, इसके बाद कार्ड वियतनाम में लोगों को ज्यादा कीमत पर बेचे गए और इन्हें गेमिंग और सोशल मीडिया ऐप के लिए उपयोग किया गया.
पुलिस ने कहा कि आरोपी चीनी क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन पर पैसे प्राप्त करते थे, जिसे हाल ही में भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था और 500 सिम कार्ड जब्त किए गए हैं. पुलिस उपायुक्त ने कहा कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) कार्गो टर्मिनल पर एक कूरियर कंपनी के प्रबंधक (संचालन) की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई थी.
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रंगनानी ने कहा कि शिपमेंट्स की जांच के दौरान यह पता चला कि एक शिपमेंट में एक डायरी के अंदर कार्बन पेपर में कवर किए गए भारी मात्रा में सिम कार्ड थे, जो वियतनाम में शिपिंग के लिए पन्नों को काटकर एक खोखली जगह बनाकर रखे गए थे. शिपमेंट में तीन अलग-अलग सेवा प्रदाताओं के कुल 500 सिम कार्ड पाए गए. अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान, 500 में से 60 सिम कार्ड यादृच्छिक रूप से उठाए गए और पुलिस को संबंधित सेवा प्रदाताओं से इनका विवरण मिला
डीसीपी ने कहा कि लगभग सभी सिम कार्ड आगरा (उत्तर प्रदेश) के आसपास रहने वाले लोगों (ज्यादातर मजदूर) के नाम पर जारी किए गए थे. सभी सिम कार्ड पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) केंद्रों द्वारा जारी किए गए थे. राजस्थान के मूल निवासी अनिल कुमार (20) और आगरा के रहने वाले मुकुल कुमार (22), हेमंत (26) और कन्हैया गुप्ता (29) को गिरफ्तार किया गया है. जांच के दौरान, पुलिस ने आगरा के लोहा मंडी इलाके में दो लोगों को ट्रैक किया, जिनके नाम पर सिम कार्ड जारी किए गए थे.
डीसीपी ने कहा, उन्होंने खुलासा किया कि मुकुल कुमार ने उन्हें अपने नाम पर कार्ड जारी करने के लिए 200 रुपये दिए थे. रंगनानी ने कहा, मुकुल कुमार लोगों को यह बताकर सिम कार्ड जारी करवाता था कि वह पीओएस केंद्रों पर अपने दोस्तों को उनके मासिक लक्ष्य पूरा करने में मदद करने के लिए ऐसा कर रहा है. डीसीपी ने कहा कि कार्ड जारी कराने के बाद मुकुल कुमार इन्हें 300 रुपये प्रति पीस के हिसाब से हेमंत और गुप्ता को बेचता था. अधिकारी ने कहा कि दोनों ने आगे अनिल कुमार को 500 रुपये प्रति पीस बेचा. डीसीपी ने कहा, यह अनिल कुमार ही था जो वियतनाम के पते पर सिम कार्ड भेजता था, जो उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मिलता था.
पुलिस ने कहा कि उसका इस्तेमाल चीनी क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन पर खरीदारों द्वारा भुगतान प्राप्त करने के लिए किया जाता था और प्रत्येक आरोपी का हिस्सा एप्लिकेशन के माध्यम से दिया जाता था. डीसीपी ने कहा कि अनिल कुमार वियतनाम से क्रिप्टोकरेंसी एप्लिकेशन के जरिए अपने बैंक खाते में 1,300 रुपये प्रति सिम कार्ड मंगवाते थे. अधिकारी ने कहा, हमने मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है.