सिसोदिया को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए, CBI ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में रखे ये तर्क
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सिसोदिया को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए, CBI ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में रखे ये तर्क

Delhi Excise Policy Case: दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया और सीबीआई को लिखित में अपनी दलील पेश करने को कहा था. अगली सुनवाई 24 मार्च को दोपहर 2 बजे होगी. 

सिसोदिया को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए, CBI ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में रखे ये तर्क

नई दिल्ली: CBI ने दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में  26 फरवरी को पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को  गिरफ्तार किया था. आज दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत का विरोध किया. जांच एजेंसी ने कहा कि मनीष सिसोदिया सिर्फ सबूतों को प्रभावित करने की स्थिति में ही नहीं, बल्कि सबूतों को भी प्रभावित और नष्ट कर सकते हैं. 

सीबीआई के वकील ने कहा कि सिर्फ मोबाइल फोन ही नहीं, बल्कि इस मामले से जुड़ी फाइलें भी नष्ट की गई हैं. यह सारी बातें सामने आईं तो दिल्ली फिर से अप्रूवल लेने की भी कोशिश की. इस पर एलजी ने कहा था कि वह निर्णय नहीं लेंगे, बल्कि मंत्रिपरिषद लेगी. 

सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि मई में यह मंज़ूरी दी गई थी कि फैसला मंत्रिपरिषद द्वारा लिया जाएगा. एलजी ने 19 मई 2021 को 7 सुझाव दिए थे.  20 तारीख को उन्होंने चर्चा शुरू की और सुझाए गए बदलावों को शामिल किया. यह भी कहा गया था कि डिप्टी सीएम अकेले कोई फैसला नहीं लेंगे, लेकिन इसके बावजूद भी सिसोदिया ने ऐसा किया.

इससे पहले मनीष सिसोदिया के वकील ने अदालत में अपनी दलील दी.

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सीबीआई के वकील ने सिसोदिया द्वारा फोन बदलने पर कोर्ट को बताया कि 2021 के उन अहम चार महीनों में चैट हो रही थी और इसलिए सिसोदिया बार-बार फोन बदल रहे थे. यह एकमात्र विभाग नहीं था, जिसे वे संभाल रहे थे. जांच एजेंसी ने कहा कि जब तक उनकी अनियमितताओं का किसी को पता नहीं चलता है तब तक वह एक संत बने रहे.

सीबीआई ने कहा कि यह बिल्कुल साफ है विजय नायर को क्यों नियुक्त किया गया था. इस दौरान जब कोर्ट ने पूछा कि आपकी जांच के अनुसार अब तक कितनी घूस का पता आपको चला है तो CBI के वकील ने कहा कि 100 करोड़ की घूस दी गई, सवाल यह है कि हवाला के जरिये लिए गए पैसे को कितना बरामद किया जा सकता है.

जांच एजेसी के घेरे में साउथ ग्रुप 
सीबीआई ने कहा की 14 से 17 मार्च के बीच साउथ ग्रुप ओबरॉय होटल में रुका. वहां पर बैठकें हुईं. वहां पर 36 पेजों की फोटो  कॉपी की गई, उसका बिल हमारे पास है.CBI ने कहा कि सिसोदिया के कंप्यूटर से प्रिंट आउट लिया गया और फिर उसकी फोटो कॉपी की गई थी. सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने बताया कि 65 फीसदी मैन्युफैक्चरिंग दो बड़ी कंपनियों की है और 14 फीसदी में अन्य छोटे निर्माता हैं. उन 65 प्रतिशत पर साउथ ग्रुप ने कब्जा कर लिया था.

सीबीआई ने दलील पूरी करते हुए कहा कि अगर मनीष सिसोदिया को जमानत दी जाती है तो सीबीआई की जांच प्रभावित होगी. मनीष सिसोदिया एक प्रभावी व्यक्ति हैं और अगर वह जमानत पर बाहर आते हैं तो वह गवाहों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जाए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सिसोदिया और सीबीआई को लिखित में अपनी दलील पेश करने को कहा था. मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को दोपहर 2 बजे होगी.

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