दिल्ली में लगातार अस्पताल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिल रही हैं. उत्तर पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर में एक निजी अस्पताल में डॉक्टर के नहीं आने से नर्स ने डिलीवरी कराने का प्रयास किया. इस दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. लगभग ऐसा ही मामला सफदरजंग अस्पताल से सामने आया था, जहां डॉक्टरों ने गर्भवति महिला को भर्ती नहीं किया था. उसके बाद महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया.
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राकेश कुमार/नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के न्यू उस्मानपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक निजी अस्पताल से सामने आया है. निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. पीड़ित परिवार का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से जच्चा-बच्चा की मौत हुई है. अस्पताल में डिलीवरी के वक्त डॉक्टर मौजूद नहीं थी. डॉक्टर को कई बार फोन किए गए पर डॉक्टर अस्पताल नही आई. नर्स ने डिलीवरी कराने का प्रयास किया, जिसकी वजह से जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई.
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मृतक महिला के पति अनमोल ने बताया कि बीते 6 महीने से उसकी गर्भवती पत्नी का इलाज साढ़े 4 पुस्ता स्थित निजी अस्पताल में किया जा रहा था. मंगलवार सुबह जब पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो उसने पत्नी को उसी अस्पताल में दाखिल कराया, जहां उसका इलाज चल रहा था. मृतक महिला के पति अनमोल का आरोप है कि दोपहर 3 बजे तक उसकी पत्नी प्रसव पीड़ा से चिल्लाती रही, लेकिन डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंची. इसके बाद तकरीबन 3 बजे अस्पताल की नर्सों ने डिलीवरी कराने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान महिला की मौत हो गई .
अनमोल का कहना है कि उसकी पत्नी और उसके पेट में पल रहे बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार हैं. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. बहरहाल अनमोल की शिकायत पर अस्पताल पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि डॉक्टरों के एक पैनल से महिला के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल पर कार्रवाई की जाएगी.